टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (07 फरवरी 2024): ग्रेटर नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आज बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरने में शामिल होने जा रहे किसान राजवीर सिंह की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। जिसके बाद धरने पर मौजूद सभी किसानों ने 2 मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि आज हजारों की संख्या में किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर नौवें दिन महापंचायत में हिस्सा लिया। 8 फरवरी को सभी शामिल किसान संगठन संसद मार्च के लिए कूच करेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में नौंवे दिन हजारों की संख्या में किसानों ने महापंचायत में हिस्सा लिया। महापंचायत की अध्यक्षता चंद्रमल प्रधान पतवारी और संचालन जगबीर नंबरदार ने किया। महापंचायत के संचालन के 2 घंटे के उपरांत किसानों को सूचना मिली कि किसान राजवीर सिंह निवासी ग्राम जुनपत, धरने में शामिल होने के लिए आ रहे थे, अचानक उनके सीने में दर्द हुई और परिवारजन अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना प्राप्त होने पर धरना पर बैठे किसानों ने 2 मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों ने बहुत पीड़ा सह ली अब और नहीं सहेंगे। संसद के बजट सत्र के दौरान ही 8 फरवरी को हजारों की संख्या में संसद के लिए मार्च करेंगे। भारतीय किसान परिषद के सुखबीर खलीफा ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें हर हाल में 10 परसेंट के मुद्दे को चुनाव से पहले हल करना है। किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हन्नान मौला ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है किसानों को पक्का मोर्चा लगाकर ही सफलता मिलेगी। किसान सभा के हापुड़ के प्रभारी टीकम नागर ने कहा कि पूरे हापुड़ और गाजियाबाद जिले के किसान संसद मार्च में हिस्सा लेंगे। सिस्टम सुधार संगठन के आगरा से आए अंशुमान ठाकुर ने कहा कि हम पूरी तरह ग्रेटर नोएडा के किसानों के साथ है।
जय जवान जय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील फौजी ने कहा कि नए कानून को लागू नहीं करना किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। प्राधिकरण से प्रस्ताव पास होकर शासन को गया है हर हाल में लागू कर कराके छोड़ेंगे। किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस किसानों की समस्या हल करने के किसानों को गांव में जाकर धरने में आने से रोकने का कार्य कर रही है। यह कार्य संविधान में दिए गए बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है। पुलिस का काम है नागरिकों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा करना, पुलिस के अधिकारियों ने संविधान की कसम खाकर नौकरी पाई है। ऐसे में संविधान के खिलाफ जाकर अधिकारी संविधान का ही उल्लंघन कर रहे हैं। वह किसी सरकार के नौकर नहीं है, बल्कि वह कानून के नौकर हैं और उन्हें अपनी हर कार्रवाई कानून के अनुसार करनी चाहिए।
एनटीपीसी के किसानों के नेतृत्व कर रहे मनमेंदर ने कहा कि किसानों का हक देने के बजाय उन्हें दबाने की कोशिश हो रही है। किसान दबे नहीं है ना कभी दबेंगे भले ही सरकार किसानों के कितनी भी हक मारी कर ले किसान हर हाल में जीत कर ही दम लेंगे। आज के धरने में सपा के वरिष्ठ नेता राजकुमार भाटी, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी, भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र भाटी, ओमपाल भाटी, राजकुमार सिंह, रेखा चौहान, कमलेश देवी सहित हजारों की तादाद में महिला पुरुष किसान शामिल हुए।।
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