ग्रेटर नोएडा (25 नवंबर, 2024): ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वादाखिलाफी के खिलाफ आज सैकड़ों किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में आयोजित इस महापंचायत में 20 जिलों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। महापंचायत में किसानों ने जमीन अधिग्रहण के बदले वादा किए गए मुआवजे, रोजगार और अन्य सुविधाएं न मिलने पर आक्रोश व्यक्त किया और आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।
किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि जमीन अधिग्रहण के समय किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। किसानों ने एकजुट होकर चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
महापंचायत के दौरान टेन न्यूज से बातचीत में किसान नेता पवन खटाना ने कहा, “हमारी तीन प्रमुख मांगों को लेकर आज यह महापंचायत आयोजित की गई है, जिसे राकेश टिकैत जी संबोधित करेंगे। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम 27 तारीख तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का घेराव करेंगे। इसके बाद 28 तारीख को यमुना प्राधिकरण की ओर कूच करेंगे और 2 तारीख को नोएडा प्राधिकरण का रुख करेंगे। अंततः नोएडा में अनिश्चितकालीन धरना देंगे।”
उन्होंने प्रशासन पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “हमने बार-बार अधिकारियों से वार्ता की है, लेकिन हर बार हमें धोखा मिला। अब हम किसी व्यक्तिगत वार्ता में नहीं जाएंगे। आगे की बातचीत संगठन के माध्यम से होगी।”
खटाना ने स्थानीय विधायकों और सांसदों पर सवाल उठाते हुए कहा, “यदि ये हमारे समर्थन में हैं, तो हमारी मांगों को सदन में उठाएं। यदि ऐसा नहीं होता, तो इन्हें जिताने का कोई फायदा नहीं। नेता जब विपक्ष में होते हैं, तो हमारे मुद्दों की बात करते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं।”
महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अब अपने अधिकारों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन इसे कमजोर न समझा जाए। यदि प्रशासन ने हमारी मांगों को हल्के में लिया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।”
किसानों ने 27 नवंबर से व्यापक घेराव और प्रदर्शन की योजना बनाई है। इसके बाद 28 नवंबर को यमुना प्राधिकरण, 2 दिसंबर को नोएडा प्राधिकरण और अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी गई है।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और सरकार की नीतियां उनके हकों का हनन कर रही हैं। किसान नेता पवन खटाना ने बताया कि:
1. 10% विकसित भूखंड का अधिकार किसानों को तुरंत दिया जाए।
2. नया भूमि अधिग्रहण बिल लागू किया जाए।
3. हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाए।।