टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (16 सितंबर 2023): उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी का ‘पाखंड पर प्रहार’ नामक वीडियो काफी चर्चा में है। वह कहते हैं कि मैं आंखों देखी बातें करना चाहता हूं और जो मेरा अनुभव है उसे बताना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि समाज में हिंसा नफरत वर्ग विभाजन इसकी एक ही वजह है, वह है ठप्प दिमाग। कई लोग ऐसे हैं जिनका दिमाग विकसित ही नहीं है और ठप्प पड़ा है।
मनुष्य जाति की यदि शुरुआत की बात की जाए तो शुरुआत में मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं था। जिस तरह आज पशु बिना कपड़े और मकान के रहते हैं उसे समय मनुष्य भी वैसे ही रहता था यदि भेड़िया और मनुष्य आमने-सामने आ जाए तो जिसका दाव पहले लग जाता था वह उसको खा जाता था।
धीरे-धीरे मनुष्य का दिमाग विकसित हुआ उसने समाज बनाना शुरू किया, कृषि और पशुपालन शुरू किया, साथ ही बस्तियां बनाना शुरू किया। युद्ध करने की नई-नई तकनीक आ गई पर धीरे-धीरे जब मनुष्य को यह समझ आया कि हिंसा करना सही नहीं है तो जो लोग समझदार हो गए उन्होंने हिंसा करनी बंद कर दी। उसे समय से विचार और दिमाग को लगाते हुए फैसला होने लगे। और जिनके दिमाग अभी तक विकसित नहीं हुए वह आज भी हिंसा करके ही फैसला लेना चाहते हैं।
आज दुर्भाग्य की बात यह है कि देश के चारों स्तंभों में विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया , इन चारों जगह पर ठप्प लोगों के दिमाग का बहुमत हो गया है। आप मीडिया की बात करें तो टीवी खोलकर एंकर की भाषा सुनिए, मैं कहीं पढ़ रहा था कहीं लिखा था कि जापान वाले खोज कर रहे हैं कि पानी से हाइड्रोजन कैसे निकाला जाए।
अमेरिका में आर्टिफिशियल ब्लड की खोज हो चुकी है। हालांकि इसका प्रयोग अमेरिका में हो सकता है लेकिन वह अभी बाजार में नहीं आया है। चीन ने रात को रोशनी करने के लिए नकली चांद बना लिया है और हमारा भारत ऐसे समय पर क्या कर रहा है? हम मंदिरों और मस्जिदों को खुदवा कर शिवलिंग ढूंढ रहे हैं।
मानव जीवन की शुरुआत में मनुष्य ने यह कल्पना कर ली की बारिश इंद्र देवता के आदेश के द्वारा होती है और बारिश ना हो तो इंद्र देवता को खुश करना होता है। दिन और रात के विषय में भी कहते हैं की रात ऐसी होती है जब अग्नि देवता बल्ब बंद कर लेते हैं तो रात हो जाती है और जब जला देते हैं तो रोशनी हो जाती है। और यदि भूकंप की बात की जाए तो भूकंप तब आता है जब गाय की सींग पर रखी धरती का एक सींग दुख जाता है और वह दूसरे सींग पर से रख लेती है। इस प्रकार भूकंप आ जाते हैं। हालांकि यदि गंगा के निकलने तक की बात भी लोगों को नहीं पता थी और उसके लिए भी कहने लगे कि यह ब्रह्मा जी के मंडल से निकलती है। और ब्रह्मा जी के कमंडल से होते हुए गंगा शिवजी की जटाओं में आती है और भागीरथ आगे आगे चलते हैं और गंगा पीछे-पीछे चलती है। लेकिन यह माना जा सकता है कि उस समय हम प्रारंभिक काल में थे और हमारे पास संसाधन नहीं था। लेकिन आज के समय पर भी हम यह माने की गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल से निकल रही है या चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण राहु और केतु की नाराजगी से होते हैं या बारिश इंद्र करता है तो उसके लिए मूर्ख के अलावा क्या शब्द प्रयोग करें? यदि संविधान सभा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में ना हुई होती तो इस देश का संविधान बहुत खतरनाक होता यह हमारे सौभाग्य की बात है कि उन्होंने हमारे देश की संविधान निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसीलिए पूरे देश की जनता को उनका आभार व्यक्त करना चाहिए और यह मैं आज नहीं कह रहा हूं बल्कि बहुत जगह मैंने इस बात को बोला है की बाबा साहब से बड़ा विद्वान कोई दूसरा नहीं हुआ है।।