टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (21 नवंबर, 2024): यमुना एक्सप्रेस वे पर धुंध और घने कोहरे के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए जल्द ही स्पीड सीमा तय की जा सकती है। बुधवार रात टप्पल में हुए भीषण हादसे के बाद यमुना प्राधिकरण ने यह फैसला लेने की तैयारी की है।
सूत्रों के अनुसार, यमुना एक्सप्रेस वे पर हल्के वाहनों की स्पीड 75 किमी प्रति घंटे और भारी वाहनों की स्पीड 60 किमी प्रति घंटे तय की जा सकती है। अगर वाहन निर्धारित गति से अधिक तेज चलते पाए जाते हैं, तो चालान भी वसूला जाएगा। यह व्यवस्था जल्द ही लागू की जा सकती है।
यमुना एक्सप्रेस वे पर स्पीड सीमा तय करने का फैसला धुंध और कोहरे के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे की सड़क ग्रीन फील्ड है, जिसके चलते ठंड के मौसम में इस सड़क को धुंध और कोहरा ढक लेता है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना अधिक बनी रहती है।
यमुना एक्सप्रेस वे पर रफ्तार के कहर के चलते कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। इस वर्ष भी गुरुवार से इसकी शुरुआत हो चुकी है। एक्सप्रेस-वे पर वर्ष 2012 में परिचालन की शुरुआत में 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हल्के वाहन दौड़ा सकते थे। इसके बाद 2016-17 में कार की 100 किमी प्रतिघंटा और व्यावसायिक वाहनों 80 किमी प्रति घंटा की स्पीड कर दी गई। अधिक तेज चलाने वाले वाहनों का चालान भी किया जाता रहा है। लेकिन इसके बावजूद हादसे होते रहते हैं। इसलिए यमुना प्राधिकरण ने जल्द ही स्पीड सीमा तय करने का फैसला लेने की तैयारी की है। यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण ने कई उपाय किए हैं। इसमें स्पीड कैमरे, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती और यातायात नियमों की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद हादसे होते रहते हैं। इसलिए स्पीड सीमा तय करना आवश्यक हो गया है।