टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (03 मार्च 2024): भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी पहली लिस्ट में कई दिग्गजों का नाम गायब है। वहीं कई ऐसे नाम भी हैं जिसपर पार्टी आलाकमान ने एकबार फिर भरोसा जताया है। उसी लिस्ट में एक नाम है गौतमबुद्ध नगर के वर्तमान लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा का। डॉ महेश शर्मा पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने चौथी बार भरोसा जताया है और उन्हें गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। भारतीय जनता पार्टी ने डॉ महेश शर्मा को चौथी बार टिकट दिया है। वह पूर्व में केंद्र में कई अहम विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। डॉ महेश शर्मा के सियासी सफर से एक बात तो स्पष्ट है कि वह केवल मरीजों की नहीं, बल्कि सियासत की भी नब्ज को अच्छी तरह पहचानते हैं। धरातल पर डॉ महेश शर्मा का जनाधार उनका जनसंपर्क कौशल, कुशल व्यवहार एवं जन मानस का यथासंभव समस्या समाधान और मदद कर सबको अपना बनाने की कला में डॉ महेश शर्मा माहिर हैं।
गौतमबुद्ध नगर के सियासी संग्राम में चौथी बार किस्मत आजमाएंगे डॉ महेश शर्मा
गौतमबुद्ध नगर के लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा के सियासी सफर पर एक नजर डालेंगे तो डॉ महेश शर्मा ने पहली बार वर्ष 2009 में चुनाव लड़ा था, उस दौरान उनको हार का सामना करना पड़ा। साल 2009 में डॉ महेश शर्मा और सुरेंद्र नागर के बीच में कांटे की टक्कर हुई और सुरेंद्र सिंह नागर सांसद बन गए। जिसके बाद साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ महेश शर्मा ने जीत हासिल की और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र भाटी को परास्त किया। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर डॉ महेश शर्मा का मुकाबला सपा- बसपा के साझा उम्मीदवार सतवीर गुर्जर से हुआ। जिसमें डॉ महेश शर्मा को 8,30,812 मत मिले वहीं सतवीर गुर्जर को 4,93,890 मत मिले। वहीं अब चौथी बार डॉ महेश शर्मा सांसद का चुनाव लडेंगे।
गौतमबुद्ध नगर के ‘चाणक्य’ हैं डॉ महेश शर्मा
डॉ महेश शर्मा की सियासत में एंट्री भले ही थोड़ी देर से हुई लेकिन दमदार हुई। उन्होंने चौथी बार भारतीय जनता पार्टी से टिकट हासिल कर एक बात तो साबित कर दिया कि वह केवल मरीज ही नहीं बल्कि सियासत का नब्ज पकड़ना भी जानते हैं। 2009 के चुनावी दंगल में तो डॉ महेश शर्मा को निराशा हाथ लगी लेकिन उसके बाद फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक सच्चे सिपाही के रूप में गौतमबुद्ध नगर से सदन में पहुंचते रहे। चौथी बार फिर वो गौतमबुद्ध नगर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं और फिर एकबार पार्टी आलाकमान के द्वारा उन पर भरोसा जताना इस बात का संकेत है कि वह गौतमबुद्ध नगर की राजनीति के ‘चाणक्य’ हैं। टेन न्यूज की टीम ने जब गौतमबुद्ध नगर के मतदाताओं की मन की बात जानने का प्रयास किया तो पता चला कि इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के खेमे इतना सशक्त कैंडिडेट बीजेपी में और कोई नहीं है , टिकट मिलना एक महज औपचारिकता ही थी, गौतमबुद्ध नगर से डॉ महेश शर्मा के जीत की प्रबल दावेदारी है। डॉ महेश शर्मा की असली जीत तभी है जब आपके प्रशासकीय एवं प्रबंधन कौशल को देखते हुए आप को काउंसिल ऑफ मिनिस्टर में फिर स्थान मिले।
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के मतदाताओं ने टेन न्यूज नेटवर्क से बातचीत में यह भी बताया कि गौतमबुद्ध नगर में विपक्षी पार्टियों एवं नेताओं की भी राजनीतिक सक्रियता लगभग शून्य के बराबर रही है, पिछले पांच सालों में विपक्षी पार्टी ने ना तो एक भी राजनीतिक सभाओं का आयोजन किया और ना किसी तरह की कोई बड़ी बैठक की है , ना ही किसे मुद्दे को उठाया है । हाँ किसानों का आंदोलन और प्राधिकरणों से अपनी माँगों के लिए सुर्ख़ियाँ में रहता है। यह सीट गठबंधन में सपा के पाले में है, यहां कोई स्थानीय सशक्त उम्मीदवार नहीं है और इन्ही कारणों से डॉक्टर महेश शर्मा की जीतने की संभावना लगभग सुनिश्चित है।
प्रबुद्ध मतदाता कहते हैं कि उनकी असली जीत तो तब होगी जब उन्हें मोदी के कैबिनेट में जगह मिले। वो तो वक्त ही बताएगा लेकिन यह धरातल की सच्चाई है कि नरेंद्र मोदी की तरह ही हर धर्म एवं जाति के जनमानस के दिलों में बसे हैं डॉक्टर साहब महेश शर्मा।
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