जीबीयू के दीक्षांत समारोह में गरजे सीएम योगी – शैक्षणिक संस्थान डिग्री बांटने का अड्डा ना बनें

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (25 दिसंबर 2023): रविवार, 24 दिसंबर का दिन गौतमबुद्ध जनपद के लिए काफी खास दिन रहा। गौतमबुद्ध नगर को दो विशिष्ट अतिथियों का ‘मेहमान नवाजी’ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। दरअसल, रविवार को ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में ‘दीक्षांत समारोह 2023’ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एवं सूबे के मुख्यमंत्री और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहे।

 

धर्म पूजा पद्धति नहीं,जीवन का शाश्वत मूल्य है: योगी आदित्यनाथ

दीक्षांत समारोह के प्रांजल अवसर पर मंच पर आसीन सभी विशिष्ट अतिथियों एवं सभागार में उपस्थित गणमान्य लोगों एवं छात्र -छात्राओं को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के उपराष्ट्रपति माननीय जगदीप धनखड़ का हृदय से स्वागत करता हूं। शून्य से शिखर की यात्रा कैसे होती है, संघर्षों से राह कैसे बनती है, इसकी प्रतिमूर्ति के रूप में आज उपराष्ट्रपति महोदय हमारे सामने हैं। दीक्षांत समारोह के अवसर पर उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मैं हृदय से बधाई देता हूं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। विश्वविद्यालय का नामकरण गौतम बुद्ध के नाम पर हुआ है। आपने गौतम बुद्ध के जीवन में बहुत सारी विशेषताएं देखी होगी। जीवन के जिन रहस्य को गौतम बुद्ध ने उद्घाटित किया था वह हर मनुष्य के इर्द-गिर्द घूमती है।”

“बुद्ध ने कहा था ‘समस्या है’, यानी सर्वप्रथम हमें चुनौती को स्वीकार करना है। इसके पश्चात समस्या का समाधान भी है, परंतु उसे आपको तलाशना होगा और हर समस्या का निवारण भी है। परंतु मुख्य: व्यक्ति समस्या से भागने का प्रयास करता है उसे स्वीकार नहीं करता। इसलिए समस्या को स्वीकार कर हमें उसकी राह को पहचानना होगा और हर राह मंजिल की ओर जाती है। गौतम बुद्ध का जीवन हर क्षेत्र के व्यक्ति के लिए बराबर घटित होता है परंतु वह राह को उपयोग नहीं करना चाहता है। बुद्ध का जीवन रोमांचक एवं प्रेरणादाई है। परंतु उसे हमने किस रूप में स्वीकार किया यह हम पर निर्भर करता है। गौतम बुद्ध जिस तरह से अपने राजमहल में सिद्धार्थ के रूप में कैद हो गए थे, आप विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में कैद हो जाते हैं। शिक्षा की व्यवस्था हमें शिक्षित तो कर पाएगी परंतु जब तक व्यवहारिक ज्ञान नहीं होगा, तब तक वह हमें ज्ञानवान नहीं बना पाएगी। शिक्षण संस्थानों में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान को जोड़ना होगा जिसकी शुरुआत गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में हो चुकी है।”

आगे उन्होंने कहा कि “जब हमारे शिक्षण संस्थानों से कोई उपाधि धारक निकले वह किसी भी भ्रम की स्थिति में ना रहे, उसके सामने उसे मंजिल तक पहुंचाने का रास्ता स्पष्ट हो। बुद्ध ने हमें जो राह दिखाई वह स्पष्ट रूप से दिखाई। जब वे राज महल में रहते थे तो उनके मन में विचार आया कि मैं अब बड़ा हो चुका हूं और मुझे बाहर जाकर राज्य में क्या कुछ चल रहा है यह देखना होगा। सर्वप्रथम बुजुर्ग व्यक्ति को देखकर पूछा कि इसकी पीठ को क्या हो गया है, तो किसी ने जवाब दिया कि यह बुजुर्ग हो गया है। इस प्रकार अगली बार बीमार व्यक्ति को देखते हैं। तीसरी बार जब वह मृत व्यक्ति को देखते हैं कि चार लोगों उसे कंधा दे रहे हैं तब वह पूछते हैं की मृत्यु क्या होती है। इन्हीं सभी सांसारिक दुखों को देखते हुए वह शाश्वत की खोज में निकल पड़े। उन्होने जो उपदेश दिए हैं उनमें सर्वप्रथम यही है कि “धर्मम शरणम गच्छामि।” अभी आपको कुलपति के द्वारा जो दीक्षांत उपदेश दिया गया यह भारत की गुरुकुल परंपरा रही है। जिसके अंतर्गत गुरु शिक्षा के उपरांत अपने शिष्य को यह बताता है कि आपको सत्य राह पर चलना है और धर्म का आचरण करना है।”

योगी आदित्यनाथ ने धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि “धर्म पूजा पद्धति नहीं है। जीवन के शाश्वत मूल्य है। सदाचार, नैतिक मूल्य और कर्तव्य का समन्वित रूप है। गौतम बुद्ध ने भी इन्हीं सभी मार्गों को साथ लेकर आगे बढ़ाने की प्रेरणा अपने अनुयायियों को दी थी। उसके पश्चात उन्होंने गौतम बुद्ध के द्वारा दिए गए प्रेरणा उपदेशों के बारे में बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम हमें अपनी मंजिल का चयन करना है और उसी राह पर आगे बढ़ना है और फिर पीछे नहीं हटना है कई बार ऐसा होता है कि भय लगने से इंसान पीछे हट जाता है। इसके पश्चात वह कहते हैं कि संगठित रहकर कार्य करना बहुत जरूरी है क्योंकि वह परिणाम योग्य होता है। यदि परिवार की भी बात की जाए तो एक ही व्यक्ति यदि अपनी बात को सर्वश्रेष्ठ रखेगा तो परिवार में भी विद्रोह की स्थिति पैदा हो जाती है। इसलिए सभी के विचारों को महत्वता देते हुए संगठित रहने के सिद्धांत को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।”

“गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त होने के बाद 36 वर्ष तक उन्होंने सामाजिक जन जागरण के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। और आप सभी के लिए यह हर्ष का विषय है कि उन्ही गौतम बुद्ध के नाम पर बनाया यह विश्वविद्यालय आपको शिक्षित कर रहा है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि विश्व में सबसे अधिक युवा भारत में है और भारत में सबसे अधिक युवा उत्तर प्रदेश में है। थोड़ा सा प्रयास करने के पश्चात जो परिवर्तन होता है उस परिवर्तन के हम भी वाहक बन सकते हैं। हमने अपने शिक्षण संस्थानों को एक टापू बना दिया है जिसका देश दुनिया से कोई संपर्क ना हो। शैक्षणिक संस्थान डिग्री बांटने का अड्डा ना बने। बल्कि समाज के प्रति कृतज्ञता का भाव पैदा करे।”

“यह विश्वविद्यालय जिसमें आप शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं यह समाज के द्वारा आप सभी को दिया गया है, सरकार सिर्फ एक माध्यम है। मुझे प्रसन्नता है कि जब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कार्यवाही आगे बढ़ी तो सोशल इंपैक्ट स्टडी का कार्य गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने अपने हाथों में लिया। इससे विद्यार्थियों का अनुभव बढ़ा और विश्वविद्यालय की आय भी बढ़ी। इसके साथ-साथ हमारे साथ उपराष्ट्रपति महोदय जिन्हें शून्य से शिखर तक का अनुभव है वे उच्च सदन के चेयरमैन के रूप में देश का मार्गदर्शन कर रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि यहां आठ विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला है और हमारे मित्र देशों से पढ़ने आए विद्यार्थियों जिन्होंने बुद्ध को आत्मसात किया है, उन सभी को शुभकामनाएं देता हूं और इस विश्वविद्यालय का कुलाधिपति हमेशा से मुख्यमंत्री रहा है तो वैसे भी आपको कोई दिक्कत नहीं आने वाली है।”

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय नालंदा और तक्षशिला बने: जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि एवं भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि “वह मेरे लिए एक सुखद पल था जब मुझे बताया गया की योगी आदित्यनाथ जी आपसे बात करना चाहते हैं और उन्होंने मुझे यहां आने का निमंत्रण दिया।”

“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश और विश्व में जो नाम हासिल किया है उसके बाद मैंने यह नहीं सोचा था कि मुझे यह देखने को मिलेगा। कानून और विकास की दृष्टि से पूर्व में यह प्रदेश एक चिंता का विषय था। हताशा इतनी थी कि लोगों को चिंतन करने का मन नहीं था। हम कहां से कहां आ गए आज उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था के लिए एक रोल मॉडल है। देश ही नहीं बल्कि विश्व में भी यदि कानून व्यवस्था से संबंधित कोई बात होती है तो माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को याद किया जाता है।”

साथ ही उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि “सीएम योगी आदित्यनाथ से यह मांग करना चाहते हैं कि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को पुनः एकबार भारत का नालंदा और तक्षशिला बनाया जाए।”

सीएम एवं कुलाधिपति की एक-एक बात हमारे लिए पत्थर की लकीर है: प्रो. रविन्द्र कुमार सिन्हा, वीसी, जीबीयू

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के वीसी प्रो रविंद्र कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि “यह दीक्षांत समारोह एक ‘मील का पत्थर’ साबित होगा, यहां आज 7,914 छात्र -छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की जाएगी। जिसमें 282 अभ्यर्थियों को डॉक्टरेट की उपाधि दी जाएगी। इन सभी छात्रों में 370 ऐसे छात्र हैं जो वियतनाम , म्यांमार, कंबोडिया, थाइलैंड, मंगोलिया, चीन, साउथ कोरिया, ताइवान, कनाडा, सूरीनाम और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका से हैं। यह इस विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय यात्रा एवं उपलब्धि है।”

आगे उन्होंने कहा कि “गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को ‘एकेडमिक इनसाइड मैगजीन’ द्वारा ‘यूनिवर्सिटी ऑफ द इयर 2023’ का खिताब दिया गया है। इस नए सत्र में विश्वविद्यालय में 28 ने आकादमिक प्रोग्राम शामिल किए गए हैं। इन सभी प्रोग्राम के लिए इनरोलमेंट की प्रक्रिया जारी है।” आगे उन्होंने कहा कि “गौतमबुद्ध विश्विद्यालय के छात्र विशाल नागर एवं निखिल तोमर ने ‘ओपन इंटरनेशनल ताइकेंदु चैंपियनशिप’ में स्वर्ण पदक हासिल किया है। 60 से अधिक कंपनियों के द्वारा विश्वविद्यालय में कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिए 80 फीसदी से अधिक छात्रों का प्लेसमेंट हुआ।”

साथ ही दीक्षांत समारोह 2023 के भव्य आयोजन को लेकर ‘टेन न्यूज’ से खास बातचीत में कहा कि ” सीएम योगी आदित्यनाथ हमारे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं और उनकी कही एक-एक बात हमारे लिए पत्थर की लकीर है। और उसे हमे मानना ही पड़ेगा।”

वैदिक परंपरा से अतिथियों का आगमन, छात्रों ने लिया संकल्प

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह कई मायनों में काफी अहम और खास रहा। क्योंकि एकतरफ जहां दीक्षांत समारोह में दुनिया के कई देशों से आए छात्रों एवं शोधार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई जो हिंदुस्तान और गौतमबुद्ध नगर के लिए गर्व का विषय रहा। वहीं, दूसरी तरफ विशिष्ट अतिथियों का सभागार में आगमन पूर्ण वैदिक परंपरा एवं संस्कृत मंत्रोच्चार के साथ हुआ। जिसके बाद उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र -छात्राओं को भारत के प्रति, भारतीय संस्कृति के प्रति एवं सनातन मूल्यों के प्रति सदैव आस्थावान रहने और समाज के प्रति कृतज्ञता का भाव रखने हेतु संकल्प दिलाया गया।

कई गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति

इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, लोक निर्माण राज्यमंत्री बृजेश सिंह, गौतमबुद्ध नगर के लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, दादरी विधायक तेजपाल नागर, पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, तीनों प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी, कई देशों के उच्चायुक्त, ग्रेटर नोएडा के इंडस्ट्री के कई दिग्गज हस्ती और मीडिया के लोग और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के फैकल्टी मेंबर्स मौजूद रहे।।

इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण टेन न्यूज़ यूट्यूब चैनल से किया साथ ही टेन न्यूज़ ने ऑनलाइन मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाते हुवे कई विशेष न्यूज़ रिपोर्ट्स भी प्रकाशित किए ।

 

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