उद्यमियों की समस्याओं एवं प्राधिकरणों की मनमानी के खिलाफ IEA ने निकाला पैदल मार्च, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (05/01/2023): आज 5 जनवरी, गुरुवार को IEA (Industrial Entrepreneurs Association) द्वारा गौतमबुद्ध नगर जिले की सभी प्राधिकरणों ( NOIDA / GNIDA/ YEIDA/ UPSIDA) की मनमानी के खिलाफ इकोटेक-3 संस्था के कार्यालय से लेकर सूरजपुर जिला अधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला, पैदल मार्च के उपरांत उद्यमियों की मूल समस्याओं को लेकर डीएम सुहास एलवाई को ज्ञापन सौंपा।

डीएम सुहास एलवाई ने IEA द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को लेकर IEA और सभी उद्यमियों को आश्वासन देते हुए कहा उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और जल्द ही उचित समाधान होगा।

 

IEA के महासचिव संजीव शर्मा का बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में भिन्न अथॉरिटी उद्योगों के लिए कार्यरत है, जिसमें से NOIDA / GNIDA / YEIDA और UPSIDA है। YEIDA को छोड़ दें तो बाकी तीनों ऑथोरिटियों में हजारों की संख्या उद्योग चल रहे है, जिसमें विभिन्न स्तर पर अधिकारियों के मनमाने रवैए से उद्यमी परेशान हैं।

IEA के अध्यक्ष पी.के.तिवारी ने कहा कि एक तरफ सरकार MSME क्षेत्र को बढ़ाने और उद्यमियों को मजबूत करने की बात करती है। तो दूसरी तरफ इन सभी प्राधिकरणों के द्वारा लघु एवं मध्यम वर्गीय उद्यमियों का शोषण किया जाता है। इसलिए यहां के उद्यमियों में काफी रोष है। इस बाबत आज डीएम सुहास एलवाई को गौतमबुद्ध नगर जिले में प्राधिकरणों द्वारा मनमानी करने एवं उद्यमियों का शोषण के संबंध ज्ञापन पत्र सौंपा।

ज्ञापन पत्र में इन समस्याओं का है उल्लेख

जिले में चारों प्राधिकरणों में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन ई नीलामी प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है,जिसमें कुछ प्रॉपर्टी डीलर बोली लगाकर भूखंडों की कीमतों को काफी ऊपर पहुंचा देते हैं जिससे छोटे उद्यमी भूखंड आवंटन की रेस से स्वतः ही बाहर हो जाते हैं। अतः आपसे अनुरोध है कि औद्योगिक भूखंडों की नीलामी की प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए एवं छोटे उद्यमियों को भी भूखंड पाने का अवसर दिया जाए। कम से कम 2000 मीटर तक के भूखंडों को नीलामी की प्रक्रिया से बाहर रखा जाए।

 

जिले में कई उद्यमी काफी लंबे समय से किराए पर अपना उद्योग चला रहे हैं, लेकिन कम पूंजी होने के कारण अपनी फैक्ट्री की जमीन लेना उनके लिए एक सपने जैसा होता जा रहा है, अतः आपसे अनुरोध है कि जो भी उद्यमी 5 साल से अधिक समय से अपना उद्योग चला रहे हैं उनको भूखंड आवंटन में वरीयता दी जाए।

GNIDA द्वारा इकोटेक -11 औद्योगिक क्षेत्र को विकसित किया गया है, लेकिन वहां पर ना पानी की व्यवस्था है, ना ही सीवर और बिजली के व्यवस्था है और ना कर्मचारियों के आने जाने के लिए यातायात की सुविधाएं। उसके बाद भी अथॉरिटी आवंटी को इकाई क्रियाशील ना करने पर पेनल्टी चक्रवर्ती ब्याज एवं भूखंड निरस्तीकरण जैसी यातनायें दे रही है। जब अथॉरिटी ने औद्योगिक क्षेत्र ही पूरी तरह से विकसित नहीं किया है, तो इकाइयां शुरू कैसे हो सकती है, ऐसे मामलों को तुरंत संज्ञान में लेकर उनका जुर्माना एवं ब्याज माफ किया जाए यदि ऐसे कोई प्लॉट निरस्त किए गए है उनको दोबारा से जीवित किया जाए।

 

उद्यमियों द्वारा प्राधिकरणों को रखरखाव शुल्क देने पर भी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति दयनीय बनी हुई है, UPSIDA के औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कें टूटी हुई है, सीवर व्यवस्था नहीं है, पानी की आपूर्ति नहीं है, न ही क्षेत्र में कचरा निस्तारण व्यवस्था है। औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए यातायात की भी कोई सुविधा नहीं है, जबकि यह औद्योगिक क्षेत्र लगभग 30 साल से भी पुराना है। आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी गौतमबुद्ध नगर के औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को तुरंत उपलब्ध कराया जाए।

GNIDA द्वारा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों के पानी के कनेक्शन ना होने पर भी उद्यमियों के शुरू से पानी के बिल बनवा कर एवं ब्याज लगाकर अपनी फाइल में लगा लिए जाते हैं, तथा आवंटी के पूछने पर ही उसको लाखों रुपए की देनदारी बता दी जाती है। आपसे अनुरोध है कि ऐसे उद्यमियों जिनकी फैक्ट्री में पानी का कनेक्शन नहीं है या क्षेत्र में भी पानी की आपूर्ति नहीं है उनके पानी के बिल माफ किए जाए।

अथॉरिटी के सभी कार्य ऑनलाइन होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा उद्यमियों को किसी ना किसी बहाने से अथॉरिटी बुलाया जाता है, तथा उनका विभिन्न प्रकार से शोषण किया जाता है। अतः आपसे अनुरोध है कि उधमियों के विभिन्न कार्यों में अथॉरिटी के साथ पारदर्शिता को बढ़ाया जाए।

 

ऑथोरिटियों के द्वारा आवंटित भूखंडों का लीज रेंट उद्यमियों द्वारा जमा करा दिया जाता है, अब यदि वह किसी मजबूरीवश अपना उद्योग नहीं चला पा रहे हैं तो किराए पर देने के लिए उनको फिर से लीज रेंट जमा कराना पड़ता है। यह एक ही भूखंड के ऊपर दो दो बार लीज रेंट लेना सरासर गलत है। अनुरोध है कि इसको संज्ञान में लेकर भूखंडों को किराए पर देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।

पैदल मार्च में IEA से महासचिव संजीव शर्मा, अध्यक्ष पी.के.तिवारी, कोषाध्यक्ष विशाल गोयल, ए.डी. पाण्डे, पी. एस मुखर्जी, मनोज सिंघल, महेन्द्र शुक्ला सहित गौतमबुद्ध नगर के सैकड़ों उद्यमियों ने भाग लिया।।

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