प्राधिकरणों की मनमानी के खिलाफ IEA निकालेगा पैदल मार्च, जानें पूरी डिटेल्स

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (03/01/2023): आगामी 5 जनवरी 2023 को IEA (Industrial Entrepreneurs Association) द्वारा गौतमबुद्ध नगर जिले की सभी प्राधिकरणों ( NOIDA / GNIDA/ YEIDA/ UPSIDA) की मनमानी के खिलाफ पैदल मार्च निकाला जाएगा। यह पैदल मार्च इकोटेक-3 संस्था के कार्यालय से लेकर सूरजपुर जिला अधिकारी कार्यालय तक निकाला जाएगा।

प्राधिकरणों की मनमानी, उद्यमियों की मांग

औद्योगिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया जिससे कि एक छोटा उद्यमी अब प्लॉट लेने का सिर्फ सपना देख सकता है, बंद होनी चाहिए।

किराए पर चल रहे उद्योगों को औधोगिक भूखंड आवंटन में वरीयता मिलनी चाहिए।
औधोगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़कें, पानी, सीवर, इंटरनेट एवं यातायात की सुविधा आदि नहीं है तो ऐसे क्षेत्रों में उद्यमी द्वारा भूखंड आवंटित होने पर उद्योग कैसे चलाया जा सकता है। जबकि ऑथॉरिटी प्लॉट के ऊपर निश्चित समय में बिल्डिंग बनाकर प्रोडक्शन शुरू न करने पर उद्यमी पर पेनल्टी एवं चक्रवृद्धि ब्याज लगा देती है और एक निश्चित समय के बाद उसको निरस्त करने की धमकी दी जाती है, जो सरासर गलत है जब तक ऑथॉरिटी द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न कराई जाए तब तक उस पर कोई भी पेनल्टी या ब्याज की कार्यवाही ना हो।

औधोगिक क्षेत्रो में सभी उद्यमियों द्वारा मेन्टेनेन्स चार्ज दिया जाता है, फिर भी UPSIDA के उद्योग क्षेत्रों में सड़कों की हालत दयनीय है, पानी एवं सीवर की कोई व्यवस्था नहीं है ऐसी स्थिति में बार-बार कहने के बाद भी अथॉरिटी सुनने को तैयार नहीं है।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा उद्योग में पानी के कनेक्शन न होने पर भी या क्षेत्र में उनकी पानी की सप्लाई भी नहीं है फिर भी लाखों रुपए के पानी के बिल बनाकर अपनी फाइल में लगा लिए जाते हैं और उद्यमियों को पता भी नहीं चलता है यह सारे पानी के बिल वापस होने चाहिए।

उद्यमी भूखंड आवंटन में लीज का पैसा ऑथॉरिटी को जमा कर चुका होता है, और यदि वह अपने फैक्ट्री को किसी कारणवश किराए पर देता है तो दोबारा से परमिशन के नाम पर लीज चार्ज क्यों जमा हो यह प्रक्रिया खत्म होनी चाहिए, और किराए पर देने की प्रक्रिया का ऑथॉरिटी में सरलीकरण होना चाहिए क्योंकि किसी भी बिल्डिंग पर एक ही बार लीज लिया जाना चाहिए ना कि दो बार।

उद्यमियों ने लगाया शोषण का आरोप

कई समस्याएं हैं जैसे फंक्शनल लेना, कंप्लीशन या ट्रांसफर होना, मोरगेज के लिए अप्लाई करना। इन सभी में ऑथॉरिटी के अधिकारियों द्वारा कुछ न कुछ छोटी मोटी कमी निकाल कर उद्यमी का शोषण किया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं का सरलीकरण होना चाहिए। उद्यमी इन सभी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

IEA के महासचिव संजीव शर्मा का कहना है कि “उद्यमी चुपचाप अपना कार्य करते आ रहें है, अब समय आ गया है कि हम यह न देखे कि यह समस्या मेरी नहीं है हो सकता है कोई दूसरी समस्या मेरी होगी। इसलिए सभी उद्यमियों को एकजुट होकर आने वाली 5 जनवरी को सुबह 11 बजे संस्था के कार्यालय 53, इकोटेक 3rd पर इकठ्ठा हो और शासन एव अधिकारियों को दिखाए कि जब उद्यमी टैक्स दे सकता है, रोजगार दे सकता है, तो परेशान होने पर सड़क पर भी उतर सकता है प्राधिकरणों की मनमानी अब नही चलने वाली है।।”

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