फार्मेसी विभाग, स्कूल ऑफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज, गलगोटिया विश्वविद्यालय ने 27 अप्रैल, 2024 को आयोजित “भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योगों को बढ़ावा देने और सतत पर्यावरण विकास में चुनौतियां” पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (सीएसटी), उत्तर प्रदेश द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
सम्मेलन में प्रतिष्ठित अतिथियों और दवा उद्योग, शिक्षाविदों और अनुसंधान संगठनों के विशेषज्ञों की सम्मानित उपस्थिति थी। 41 विश्वविद्यालयों/संस्थानों से कुल 275 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और पूरे देश से 165 शोध सार प्रस्तुत किए गए। ये सार आईएसबीएन, भारत सरकार में प्रकाशित किए जाएंगे।
सम्मेलन में इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (दिल्ली राज्य शाखा) के अध्यक्ष डॉ. कल्हण बजाज, पैथोलॉजी विभाग के क्लिनिकल साइंटिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर और गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ग्रेटर नोएडा में अनुसंधान और विकास के प्रमुख डॉ. विवेक गुप्ता और आईपीए-दिल्ली राज्य शाखा के मानद सचिव और दत्त मेडी-प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में क्लिनिकल ऑपरेशंस के वरिष्ठ महाप्रबंधक डॉ. नीरज कुमार उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण आकर्षण सम्मेलन की कार्यवाही पुस्तक का अनावरण था, जो सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करता है। इस अनावरण समारोह को हमारे सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति से सम्मानित किया गया, जिससे इस आयोजन को महत्व और बढ गया।
सम्मेलन के दौरान, हमारे गलगोटिया विश्वविद्यालय और भारतीय फार्मास्युटिकल एसोसिएशन के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता ज्ञापन दवा उद्योग और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को आगे बढ़ाने में सहयोग, नवाचार और पारस्परिक समर्थन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है; जिससे उद्योग में वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलता है।
मोदी-मुंडी फार्मा के महाप्रबंधक और आरएंडडी प्रमुख डॉ. राजेश अग्रवाल और डॉ. गौरी मिश्रा ने आयोजित सम्मेलन में फार्मास्युटिकल उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्थायी फार्मास्यूटिकल्स विकास पर एक व्यावहारिक बातचीत की।
डॉ. गौरी मिश्रा ने फार्मास्युटिकल अनुसंधान और विकास के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा करते हुए जैविक विषय पर अपनी बहुत ही महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी।
सम्मेलन की कार्यवाही की निगरानी प्रोफेसर एसके अब्दुल रहमान, डीन और संयोजक, डॉ प्रेम शंकर, आयोजन सचिव और गलगोटिया विश्वविद्यालय से डॉ निरंजन कौशिक द्वारा बहुत ही प्रभावी और शानदार ढंग से की गयी।