विदेशी छात्रों में जीबीयू ‘भारत में बौध अध्ययन’ का एक मुख्य केंद्र: प्रो आरके सिन्हा, कुलपति, जीबीयू

उत्तर प्रदेश बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के अलावा बुद्ध के जीवन का कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का भी साक्षी रहा है। उसी क्रम में आज में बहुत सारी महत्वपूर्ण तीर्थस्थल उत्तर प्रदेश में प्राचीन काल से अवस्थित हैं और आज भी उन स्थलों की महत्ता वैसे ही बरकरार है। भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा प्रदेश आज भी उत्तर प्रदेश है।

इसी क्रम में ग्रेटर नॉएडा अवस्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय भी अपनी एक विशेष स्थान बना लिया है। गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय में बौध अध्ययन की शिक्षा विश्वविद्यालय स्तर पर दी जाती है। पिछले एक दशक में, जीबीयू बौध अध्ययन का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में अपना स्थान न सिर्फ़ भारत में बल्कि पूरे विश्व में बना लिया है। इस बात का साक्ष्य यह है कि विश्वविद्यालय द्वारा बौध अध्ययन के विभिन्न पाठ्यक्रमों में विदेशी छात्रों का रुझान ज़्यादा है। लगभग ९५% छात्र-छात्रायें विदेश हैं और ज़्यादातर बौध देशों से हैं। भारतवमें आ कर बौध अध्ययन में शिक्षा लेने आने वाले विदेशी छात्रों का मुख्य रुझान जीबीयू के लिए देखा गया है जो विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों की संख्या को देख कर लगता है। इसके अलावा जीबीयू की पहचान भारतवर्ष में भी बौध अध्ययन के क्षेत्र में है इसका एक साक्ष्य यह भी है कि आज भारत सरकार द्वारा आयोजित बुद्धा पूर्णिमा के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के बौध अध्ययन कर रहे विदेशी छात्र भारत सरकार के विशेष रूप से इसमें प्रतिभाग करने के लिए आमंत्रित हैं। तक़रीबन ५० विदेशी छात्र-छात्राओं ने इसमें प्रतिभाग किया। तीसरी महत्वपूर्ण साक्ष्य है इनमें से ज़्यादातर विदेशी छात्र भारत सरकार के छत्रवृति, जो भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद द्वारा दी जाती है, के अंतर्गत अध्ययन कर रहे हैं। आईसीसीआर द्वारा बौध अध्ययन के लिए दो जाने वाली छत्रवृत्ति पाने वाले। विदेशी छात्र भी जीबीयू में ही कर रहे हैं।

इस वर्ष, बौध अध्ययन के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या भी उत्साहवर्धक है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन तक लगभग सभी बौध देशों के छात्रों ने जीबीयू में दाख़िले के लिए दिलचस्पी दिखाई है।

जीबीयू में स्नातक, स्नातकोत्तर, शोध, डिप्लोमा एवं सर्टिफ़िकेट पाठ्यक्रमों की शिक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित की है यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि पूरे भारतवर्ष में जीबीयू एकमात्र विश्वविद्यालय है जहां स्नातक स्तर पर बौध अध्ययन की शिक्षा देने की शुरुआत २०१५ में की गयी थी और आज भी जारी है। इस पाठ्यक्रम में भी विदेशी छात्रों का रुझान ज़्यादा देखा गया है। आज की तारीख़ में बौध अध्ययन में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें विदेशी मूल के हैं जिनमें एक बड़ी संख्या बौध देशों के बौध भिक्षु एवं भिक्षुणी हैं। यहाँ पर लगभग १५ देशों के विदेशी छात्र है जैसे वीयट्नाम, म्यांमार, थाईलैंड, कम्बोडिया, लाओस, दक्षिणी कोरिया, चीन, मंगोलिया, इत्यादि से हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन हर सम्भव प्रयास कर रहा है कि बौध अध्ययन के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने जो अपनी स्थान बनाई है उसे एक अलग ऊँचाई दें और आने वाले शैक्षणिक सत्र में अच्छी संख्या में आए आवेदनों में से ज़्यादा से ज़्यादा की पहली पसंद जीबीयू बने। विदेशी छात्रों के नामांकन में और विश्वविद्यालय में प्रवेश के बाद कोई परेशानी ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है और इसी के अंतर्गत विदेशी सम्बंध विभाग है जो नामांकन से ले कर छात्रावास आवंटन एवं विश्वविद्यालय शुल्क से लेकर वीज़ा एवं रेज़िडेंट पर्मिट तक की सारी ज़रूरतें एक ही विभाग के द्वारा निष्पादन होता है।

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