गलगोटिया में यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज के स्वयंसेवकों के लिए मानवीय शिक्षा पर तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ शुभारंभ

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (16/05/2022): मानवीय शिक्षा पर यूनिवर्सल हुमन वैल्यूज के स्वयंसेवकों के लिए गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ।

इस कॉन्फ्रेंस में लगभग 75 प्रतिभागी प्रतिभाग कर रहे हैं जो मूल्य शिक्षा के शिक्षण तथा इस क्षेत्र में उनके द्वारा की गई उपलब्धियों को आपस में साझा करेंगे तथा मूल्य शिक्षा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए अपने योगदान की चर्चा करेंगे।

कार्यक्रम के शुभारंभ में कॉलेज के निदेशक डॉ बृजेश सिंह ने एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल डी सहस्त्रबुद्धे, प्रो एम पी पूर्णिया, उपाध्यक्ष एआईसीटीई, प्रोफेसर राजीव कुमार, मेंबर सेक्रेट्री एआईसीटीई, डॉ नीतू भगत डिप्टी डायरेक्टर, इंडक्शन प्रोग्राम सेल, डॉ अमित विश्वास राव सालुंखे रीजनल ऑफिसर, नॉर्थ रीजन, प्रो एच डी चारण, अध्यक्ष एनसी यूएचवी, भानु प्रताप सिंह कोऑर्डिनेटर वैल्यू एजुकेशन सेल एकेटीयू, लखनऊ, डॉ कुमार संभव, एसोसिएट प्रोफेसर, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, डॉ उपासना मिश्रा, डॉ बी एन पांडे एवं डॉ प्रिया श्रीवास्तव लोकल प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर एवं उत्तर क्षेत्र से लगभग 75 स्वयंसेवक शिक्षकों का स्वागत किया।

डॉक्टर बृजेश सिंह ने बताया के गलगोटिया में एआईसीटीई द्वारा प्रायोजित इस प्रकार की यह पांचवी तथा उत्तर भारत क्षेत्र की प्रथम कॉन्फ्रेंस है। इस कॉन्फ्रेंस को प्रायोजित करने के लिए उन्होंने एआईसीटीई के समस्त उच्च पदाधिकारियों का धन्यवाद किया तथा बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में उत्तर भारत के लगभग 75 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

 

प्रो अनिल दी सहस्त्रबुद्धे अध्यक्ष एआईसीटीई, ने अपने उद्बोधन में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा को लेकर बहुत बड़े बदलाव किए गए हैं जिसमें यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज का शिक्षण तथा इंडियन नॉलेज सिस्टम के शिक्षण पर बल दिया गया है।

उन्होंने कहा की आज की शिक्षा मूल्य आधारित शिक्षा होनी चाहिए जिसका शुभारंभ आईआईटी बी एच यू, एकेटीयू लखनऊ, पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी आदि कुछ महत्वपूर्ण संस्थाओं में आरंभ हुआ जो अब संपूर्ण भारत में चलाया जा रहा है।

हजारों शिक्षक इन कार्यशाला कार्यशालाओं में भाग ले चुके हैं तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में मानवीय मूल्य की शिक्षा दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए एक इंडक्शन प्रोग्राम भी आयोजित किया जाता है जिसमें छात्रों को तकनीकी के अलावा मानवीय मूल्यों पर भी ज्ञान दिया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यूनिवर्सल हुमन वैल्यूज का बहुत बड़ा योगदान भविष्य में होगा जिससे देश में भ्रष्टाचार, ठगी तथा अन्य अपराधों पर रोक लग सकेगी तथा हर व्यक्ति प्रकृति के सामंजस्य में रहकर अपना जीवन यापन कर पाएगा। पहले यूनिवर्सल हुमन वैल्यूज कॉलेजों में इलेक्टिव कोर्स के रूप में चलता था जो कि अब आवश्यक पाठ्यक्रम के रूप में लागू कर दिया गया है।

उन्होंने बताया की लॉकडाउन के समय में संपूर्ण भारत में सभी आवश्यक कार्य रुक गए थे परंतु मानवीय मूल्यों की कार्यशाला ऑनलाइन होने से इसका कार्य संपूर्ण भारत में और अधिक गति से हो पाया जिसके लिए उन्होंने यूएचबी की पूरी टीम को धन्यवाद दिया।

इसके पश्चात एआईसीटीई के मेंबर सेक्रेट्री प्रोफेसर राजीव कुमार जी ने अपने उद्बोधन में बताया की 2017 से मूल्य शिक्षा का कार्यक्रम पूरे देश में एआईसीटीई द्वारा कराया गया तथा अब तक हजारों शिक्षक इस कार्यशाला को कर लाभान्वित हो चुके हैं तथा छात्रों में मानवीय मूल्यों की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

मानवीय मूल्यों के पाठ्यक्रम की आवश्यकता धीरे-धीरे स्कूल स्तर पर डिग्री कॉलेज स्तर पर तथा अन्य व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के स्तर पर भी महसूस की जाने लगी है जिसके लिए मूल्य शिक्षा पर आधारित कार्यक्रम बड़ी संख्या में आयोजित करने की आवश्यकता है। जिसके लिए लगातार शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित की जाती रहेगी।

इन कार्यशाला के आयोजन के लिए उन्होंने यू एच यू वी टीम, एनसीसी आईपी टीम तथा स्वयंसेवक शिक्षकों को धन्यवाद दिया तथा इन कार्यक्रमों के लिए एआईसीटीई के हर प्रकार के सहयोग के लिए उन्होंने आश्वासन दिया।

तत्पश्चात डॉक्टर अमित विश्वासराव सालुंखे, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तरी क्षेत्र, ने अपने उद्बोधन में बताया कि मानवीय मूल्यों की शिक्षा छात्रों को देने के लिए सर्वप्रथम इसकी अनुभूति स्वयं शिक्षक के अंदर भी होनी चाहिए तभी वह पूर्णरूपेण शिक्षण कार्य में सफल हो पाएगा।

उन्होंने बताया कि एआईसीटीई के समस्त पदाधिकारी यूएचबी टीम के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं जिससे यह संपूर्ण भारत में बहुत तेजी से फैले तथा छात्र इसको अपने जीवन में उतार कर अपना जीवन सार्थक बना पाए।

उन्होंने बताया कि विज्ञान के द्वारा हम रोबोट तो बना सकते हैं जो हर मानवीय कार्य को संपादित कर सकता है परंतु उनके अंदर भाव पैदा नहीं कर सकते। भावों की समझ तो स्वयं मनुष्य में ही संभव है। उन्होंने बताया कि आज के युवा भावों के अभाव में जल्दी ही आवेश में आकर कुछ भी गलत कार्य करने के लिए अग्रसर हो जाते हैं जिसके समाधान के रूप में मूल्य शिक्षा की अहम भूमिका दिखाई देती है।

इसके पश्चात डॉ उपासना मिश्रा ने मूल्य शिक्षा पर देश में आयोजित कार्यशालाओं एवं इसके प्रभाव तथा एआईसीटीई, टेक्निकल यूनिवर्सिटी, विभिन्न राज्यों में जिन कार्यों को किया जा रहा है उसकी एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

डॉ प्रिया श्रीवास्तव जो गलगोटिया कॉलेज में मूल्य शिक्षा इकाई की समन्वयक हैं उन्होंने बताया कि कॉलेज में समय-समय पर शिक्षकों के लिए आठ दिवसीय कार्यशाला, नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला, नए प्रवेश लिए छात्रों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम तथा मूल्य शिक्षा से जुड़ी अनेक गतिविधियां उनके कॉलेज में चलाई जाती हैं जिससे पूरे कॉलेज में एक मानवीय वातावरण देखने को मिलता है।

कार्यक्रम के अंत में मनीषी मिश्रा ने एआईसीटीई के समस्त पदाधिकारियों, यूएचबी टीम के पदाधिकारियों तथा गलगोटिया कॉलेज के प्रबंध तंत्र को एवं कार्यशाला में आए समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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