छोटे उद्योगों का दम घोटने पर उतारू ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण, UPSIDA, पढ़े क्या है पूरा मामला

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (10/05/2022): आज इण्डियन इंडस्ट्रीजस एसोसिएशन और लघु उद्योग भारती ने इंडस्ट्रियल अलॉटमेंट पॉलिसी फॉर MSME-नीलामी योजना के विरोध में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित औद्योगिक संगठनों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण, UPSIDA द्वारा MSME प्लॉटों के अलॉटमेंट के लिए नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने की घोर निंदा की।

वहां मौजूद उद्योगपतियों ने बताया की इस नीलामी प्रक्रिया के लागू होने से MSMEs को बहुत नुक्सान होगा, इस स्कीम की वजह से छोटे उद्योगपतियों के लिए नए उद्योग लगाना बहुत मुश्किल हो जायेगा।

उद्योगपतियों ने कहा, “ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण और UPSIDA इन सभी को औद्योगिक विकास के लिए गठन किया गया है। लेकिन उद्योगों को सस्ती ज़मीन, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर देने की बजाय ऐसा प्रतीत होता है कि प्राधिकरण अपने आप में एक व्यापारी बन गया है। उसका मकसद केवल इंडस्ट्रियल प्लॉटों की नीलामी करके इन्वेस्टर्स से ज्यादा से ज्यादा पैसा लेना रह गया है। उद्यम लगे न लगे, रोजगार के अवसर और राजस्व पैदा हो या न हो, यह सब अब इन प्राधिकरणों की प्राथमिकता में शामिल नहीं है।”

औद्योगिक संघठनो ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीनों प्राधिकरण इंडस्ट्रीज को सहयोग करने की बजाए उनसे व्यापार करने पर उतर आये है। सस्ती जमीन उपलब्ध कराने की बजाय उनको जमीन नीलामी प्रक्रिया के द्वारा दिए जाने की पालिसी शुरू की गई है जो बिलकुल भी छोटे उद्योगों के हित में नहीं है और यह केवल बड़े इन्वेस्टर्स का ही हित करेगी । आने वाले समय में जब इंडस्ट्रीज को सस्ती जमीन नहीं मिलेगी तो वह दूसरे राज्यों में इंडस्ट्रीज लगाने को विवश होंगे, इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण की छवि धूमिल होगी ।

औद्योगिक संघठनो ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम इस नीलामी पालिसी का विरोध करते हैं और प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि नीलामी पॉलिसी को तुरंत वापस लिया जाए । सभी MSMEs को सस्ते प्लाट दिए जाए जिससे यहाँ इंडस्ट्री लगाने को प्रोत्साहन मिलेगा । इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा, सरकार को टैक्स मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा‌।

औद्योगिक संघठनो ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नीलामी पालिसी के दुष्प्रभाव के बारे जानकारी देते हुए बताया की:

1- यह पालिसी MSME इंडस्ट्रीज को मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाने से हतोत्साहित करेगी।

2- यह पालिसी उन प्रोपर्टी डीलर, इंवेस्टर की मदद करेगी जो अपने सरप्लस फंड को इंडस्ट्रियल प्लाट में समायोजित करने में रुचि रखते हैं न कि उद्योग लगाने में।

3- यह पालिसी इंडस्ट्रियल भूमि के रेट कृत्रिम रूप से बढ़ाएगी जिससे वास्तविक MSME उद्यमी के लिए उद्योग लगाना संभव नहीं रह पाएगा।

4- इस पालिसी से न केवल MSME वरन पूरे क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो जाएगा।

5- भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहित Make in India के मार्ग प्रशस्तिकरण में भी यह पालिसी बाधक का काम करेगी MSME उद्यमी को नई मशीन, नई टेक्नोलॉजी के बजाय भूमि खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ेगा क्योंकि इससे प्रोजेक्ट कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी और सीमित फंड में दोनों के लिए निवेश संभव नहीं है।

6- इस पालिसी से एक नई परिपाटी को बढ़ावा मिलेगा जिसमें इंवेस्टर भूमि खरीदेंगे और इंडस्ट्री चलाने के लिए उद्यमी को किराए पर देंगे। फिलहाल में भी बहुत इंडस्ट्री किराए पर चल रही है लेकिन नीलामी पालिसी के बाद ये परिपाटी बहुत तेजी से बढ़ेगी।

7- तीनों अथोरिटी को चाहिए कि रेंट पर चलने वाली ईकाइयों के लिए प्लाट आवंटित किए जाएँ। इससे उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। साथ ही प्रशासन को राजस्व की बढ़ोतरी होगी।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान IIA ग्रेटर नोएडा के चेयरमैन विशारद गौतम, IIA ग्रेटर नोएडा के वाईस चेयरमैन JS राणा, IIA ग्रेटर नोएडा मेंबर Z रेहमान, LUB प्रेसिडेंट के. पी. सिंह, LUB जनरल सेक्रेटरी संजय बत्रा, LUB वाइस प्रेसिडेंट अशोक जैन, बी. आर. भाटी, जे. एस. राणा, एस. के. सिंह और अन्य उद्यमी उपस्थित रहे।

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