शारदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 3895 छात्रों को प्रदान की गई उपाधियां

शारदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 3895 छात्रों को प्रदान की गई उपाधियां

 

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह रविवार को गरिमा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। जिसमे स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तथा पीएच् डी सहित 3895 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं। डिग्री लेने के लिए कई विदेशी छात्र भी उपस्थित थे | इस दौरान पांच हज़ार के बैठने के व्यवस्था वाले पंडाल में छात्र एवं अविभावकों की संख्या बढ़ने के कारण पांच सौ अतिरिक्त व्ववस्था करनी पड़ी।
शारदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 3895 छात्रों को प्रदान की गई उपाधियां

शारदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 3895 छात्रों को प्रदान की गई उपाधियां

समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि नास्कॉम के पूर्व प्रेजिडेंट तथा पदमश्री सौरभ श्रीवास्तव और आई आई ऍम नागपुर के चेयरमैन तथा टेक महिंद्रा कंपनी के मुखिया सी पी गुरनानी, प्रो चांसलर वाई के गुप्ता, चांसलर पी के गुप्ता ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती वंदना से की।  देश के प्रसिद्द आई टी विशेषज्ञ सी पी गुरनानी को शारदा विश्वविद्यालय की ओर से उनके विशेष योगदान के लिए पी एच् डी की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर गुरनानी ने कहा की आज से मैं शारदा विश्वविधालय का एलुमुनी बन गया हूँ।  हर व्यक्ति को परिवर्तन के लिए तैयार रहना चाहिए।  अगर आप संतुष्ट हो जाते हैं तब आप में कुछ नया तथा आगे करने का जज्बा कम होते जाता है|
सबसे पहले प्रो जीआरसी रेड्डी, कुलपति ने  विश्वविद्यालय की प्रगति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।  उन्होंने अपने रिपोर्ट में यह दर्शाया की कैसे शारदा विश्वविधालय नौ वर्षों में चार हज़ार से बारह हज़ार छात्र, तीन संकाय से तेरह संकाय, बारह देशों से अस्सी देशों के विधार्थी आज शारदा विश्वविधालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं |
प्रो चांसलर वाई के गुप्ता ने कहा आज हमारा देश प्रगति की नए दिशा में  आगे बढ़ रहा है। इस उन्नति में शिक्षित युवक-युवतियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज शारदा विश्वविद्यालय से  शिक्षा के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां और उपाधियां अर्जित करने वाले विद्यार्थी उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ाने को तैयार हैं।
सौरभ श्रीवास्तव ने छात्रों से कहा कभी संतुष्ट न हो, हमेशा कुछ  बड़ा हासिल करने की कोशिश करें।  इस वैज्ञानिक युग के अनुरूप अपने आपको तैयार रखने के लिए निरंतर शोध की आवश्यकता होती है।
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