महिलाओं को या तो हम देवी का दर्जा दे देते है या उन्हे डायन बना देते है उन्हे बराबरी का दर्जा नही देते ।महिलाओं की स्थिति में असल परिवर्तन लाना है तो लोगों की सोच में परिवर्तन लाना होगा । आम महिलाओं के जीवन में परिवर्तन, उनकी स्थिति में, उनकी सोच में परिवर्तन ही असल मे महिला सशक्तिकरण है।देश, समाज और परिवार के उज्जवल भविष्य के लिये महिला सशक्तिकरण बेहद जरुरी है।ये बाते ने आईआईएमटी कॉलेज समूह मे महिला सशक्तिकरण जागरुकता पर आयोजित कार्यक्रम में ए एस पी (आई पी एस) डॅा अनिल कुमार ने कही ।उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा घटनाओं एवं कुछ चुनिंदा लोगों की वजह से कई सारी अन्य महिलाओं एवं लड़कियों के बाहर निकलने के दरवाजे बंद हो जाते हैं। जरुरत है बंद दरवाज़ों को खोलने की।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 3 स्थित आईआईएमटी कॉलेज समूह मे महिला सशक्तिकरण जागरुकता पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा कि कहा कि ज़रूरी नहीं कि हर कमाने वाली लड़की डॉक्टर या शिक्षिका हो। वे ये सब करती है। पर सिर्फ घर में। जरुरत है उनके इसी हुनर को घर से बाहर लाने की।