शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रान्ति लाने के लिये गलगोटियाज विश्वविद्यालय में आज अनुसंधान 2024 – उत्तरी क्षेत्र ( नोर्थ ज़ोन) में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के तत्वावधान में, उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार, शोध और सहयोग को प्रदर्शित करने वाले दो दिवसीय प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिये एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ऐतिहासिक आयोजन की मुख्य जानकारियां साझा की गयी और हमारे विशिष्ट अतिथि, डॉ. देवकान्ता पहाड़ सिंह, वैज्ञानिक ‘जी’, निदेशक डीआईबीईआर (DIBER), हल्द्वानी को विशेष रूप से सम्मानित भी किया जाएगा।
हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि गलगोटियाज विश्वविद्यालय इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है, जो अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
गलगोटियाज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा० के० मल्लिखार्जुन बाबू ने मीडिया को बताया कि अनुसंधान 2024 – उत्तर क्षेत्र का आयोजन 26-27 नवंबर 2024 को किया जाएगा, जिसमें 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के 700 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। यह अधिवेशन विभिन्न क्षेत्रों में किए गए नवीन अनुसंधानों पर प्रकाश डालेगा, नवाचार को बढ़ावा देगा और शिक्षा और उद्योग के बीच पुल का कार्य करेगा। यह शोध गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो युवा शोधकर्ताओं के प्रयासों और प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगा।
विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चॉसलर डा० अवधेश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें हमेशा नया सोचना होगा, नयी नयी रिसर्च करनी होगी। आज की नयी जनरेशन कैसे आगे बढ़े हमें नये तरीक़े सोचने होंगे। पुराने तरीक़े से हम पढ़ाते रहेंगे तो विद्यार्थियों का अच्छे से विकास नहीं होगा। इसलिए गलगोटियाज विश्वविद्यालय ने “एक्टिव टीचिंग लर्निंग “ के प्रोसेस को इम्पलीमैंट किया है। जिससे विद्यार्थियों का चहुँमुखी विकास हो।
गलगोटियाज विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय अपने अनुसंधान और अकादमिक नवाचार के प्रति अटूट समर्पण के लिए जाना जाता है, अनुसंधान 2024 (उत्तर क्षेत्र) की मेज़बानी करते हुए हमें गर्व महसूस हो रहा है। यह अधिवेशन भविष्य के नवोन्मेषकों को प्रेरित करने और विभिन्न विषयों में सहयोग को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित होगा।