“तैमूर की अम्मी नहीं छत्रपति शिवाजी की मम्मी बनो”: Meenakshi Sehrawat। राष्ट्रचिंतना गोष्ठी-19

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (15 सितंबर 2024): 15 सितंबर (रविवार) को ग्रेटर नोएडा वर्ल्ड स्कूल (Greater Noida World School) के सभागार में “समाज जागरण और राष्ट्र निर्माण में युवाओं और महिलाओं की भूमिका” विषय पर राष्ट्रचिंतना की मासिक गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का विधिवत प्रारम्भ भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। राष्ट्रचिंतना गोष्ठी-19 में मुख्य वक्ता के रूप में प्रखर वक्ता एवं सनातन महासंघ की अध्यक्षा विदुषी मिनाक्षी सहरावत (Meenakshi Sehrawat) रही। यह पूरा कार्यक्रम टेन न्यूज नोएडा यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया है।

गोष्ठी का विषय परिचय करवाते हुए प्रोफेसर विवेक कुमार (Prof. Vivek Kumar) निदेशक, एमिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Amity Institute of Technology) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की संजौली की घटना में युवाओं और महिलाओं द्वारा जिस एकता का परिचय देकर अनधिकृत रूप से बनाई जा रही मस्जिद के निर्माण को रोकने का कार्य किया गया, यह सब ऐसी गोष्ठियों द्वारा समाज जागरण से ही संभव हुआ है।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं ग्रेटर नोएडा वर्ल्ड स्कूल (Greater Noida World School) की प्रधानाचार्या मंजू कौल (Principal Manju Kaul) ने अपने उद्बोधन में कहा कि नारी समाज का मूल आधार है। अहिल्याबाई होलकर जैसे प्रेरक व्यक्तित्व जिन्होंने सतीप्रथा तथा नारी शिक्षा के महत्व पर बल दिया, से प्रेरित होकर मेरे माता-पिता ने मुझे शिक्षित किया। जिसके कारण कश्मीर के गांव की बेटी जो एक समय सब कुछ छोड़कर भी अपने ही देश में विस्थापन का दंश झेलकर भी शिक्षा के बल पर अपने परिवार को संबल प्रदान कर सकी। आज मैं शिक्षा के बल पर ग्रेटर नोएडा वर्ल्ड स्कूल की प्रधानाचार्या हूं तथा अपनी छात्राओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक करवाने के लिए ताइक्वांडो से भी परिचित करवाती हूं।

विदुषी मीनाक्षी सहरावत ने अपने प्रेरक उद्बोधन में युवाओं और महिलाओं को क्रांति की संभावनाएं जागृत रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज के युग की माताएं अगर “तैमूर की अम्मी की अपेक्षा शिवाजी की पूजनीय माताजी जीजाबाई जी को अपने प्रेरणा बनाएं तो अवश्य ही भावी पीढ़ी में हिंदू साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी राजे, जोरावर सिंह, फतेह सिंह,भगत सिंह आदि का निर्माण संभव होगा।” इसीलिए ही माता को सदैव पूजनीय एवं भविष्य की निर्माता कहा गया है। माता निर्माता भवति।

आगे विदुषी मीनाक्षी सहरावत ने कहा कि योगेश्वर श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र के मैदान में अपने अति प्रिय मित्र अर्जुन की रक्षा के लिए स्वयं भी शस्त्र नहीं उठाया। बल्कि उन्हें ही गीता का ज्ञान देकर धर्म की विजय सुनिश्चित करने हेतु युद्ध को प्रेरित किया। अतः युवा हों या युवतियां अपने लक्ष्य की और सजग रहे, नशे की प्रवृत्तियों से दूर रहते हुए राष्ट्र निर्माण में यथा योग्य सहयोग प्रदान करें। नारी के साथ कोई पुरुष है या नहीं, नारी स्वयं अपनी सुरक्षा करने में सक्षम हो। मंदिर जाएं तो ईश्वर और उनकी दिव्य शक्तियों को अपने में आत्मसात कर समाज की प्रेरणा बनें। माताएं अपने सुपुत्रों को सच्चरित्र की महत्ता का संस्कार प्रदान करें।

राष्ट्रचिंतना के अध्यक्ष प्रोफेसर बलवंत सिंह राजपूत जी ने कहा कि समाज जागरण और राष्ट्र निर्माण में युवाओं और महिलाओं का अतुलनीय योगदान है। माता अनुसुइया के आदर्शों और शिक्षा पर चलकर ही देवी सीता आदर्श पतिव्रता व सतीत्व की मूर्ति बनीं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में डाॅ नीरज कौशिक, नरेश गुप्ता, विंग कमांडर आर एन शुक्ला, राजेंद्र सोनी, डॉ अंबिका प्रसाद, शिव किशोर, डॉ विश्वदीपक वाघेला, श्री चंद गुप्ता, रवेंद्र पल सिंह, विनोद शर्मा, अनिल बिधूडी, जूली, आर के शर्मा, डॉ संदीप, डॉ दिव्या, नीरज जिंदल, राजेश बिहारी, रेखा सक्सेना, सुरजीत, उमेश पांडे, प्रेरणा, भोला, इंद्रजीत, विनय श्रीवास्तव, अरविंद साहू आदि प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।।


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