राजस्थान के लाखों हस्तशिल्प कारीगरों के मसीहा लेखराज माहेश्वरी की संघर्ष से सफलता तक की कहानी

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (03 सितंबर 2024): आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में भी हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं, जो समाज कल्याण के उद्देश्य से निचले और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का सहारा बनते हैं, उनको रोजगार प्रदान कर सशक्त करने का प्रयास करते हैं। ऐसे ही एक महान शख्स हैं वरिष्ठ हस्तशिल्प निर्यातक लेखराज माहेश्वरी (Lekhraj Maheshwari), श्री माहेश्वरी को राजस्थान के लाखों हस्तशिल्प निर्यातक अपना मसीहा बताते हैं। उन्होंने अपने जीवन में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान किया।

लेखराज माहेश्वरी ने अपने जीवन के 60 वर्ष में भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक पटल पर पहुंचाने और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजगार देने, विशेष रूप से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अपना विशेष योगदान दिया है। लेखराज माहेश्वरी वर्तमान में 76 वर्ष के हैं लेकिन आज भी वह लगभग 16 घंटे काम करते हैं। आज के युवाओं को श्री माहेश्वरी से प्रेरणा लेनी चाहिए।

टेन न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत में लेखराज माहेश्वरी ने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए संघर्ष से सफलता तक की कहानी साझा किया। उन्होंने बताया कि हमारा पुश्तैनी काम हस्तशिल्प का ही था। आगे उन्होंने बताया कि हम कच्छ और भुज से सामान खरीद कर लाते थे और फिर उसे बेचते थे। 1971 की लड़ाई में एक लाख शरणार्थी भारत आए उनमें से आधे गुजरात चले गए और आधे बाड़मेर आ गए। ये सब लोग बहुत गरीब थे और कुछ मेघवाल जाति से थे। ये सभी भूखे मर रहे थे और वो हस्तशिल्प का काम करते थे। उनके उत्पादों ( हस्तनिर्मित उत्पादों) को हम दिल्ली मे घूम- घूमकर गली में बेचते थे। आगे श्री माहेश्वरी ने बताया कि हमलोग जयपुर में प्रदर्शनी लगाते थे और हवा महल के बाहर बैठकर सामान बेचते थे। मैं (लेखराज माहेश्वरी) 1978 तक दिल्ली में रहा और मेरा एक ही उद्देश्य था कि लोगों को रोजगार कैसे मिले।

 

आगे श्री महेश्वरी ने बताया कि राजस्थान के मंत्री ने सहायता की और उनका समान बिकने लगा। धीरे धीरे ऐसे ही आगे बढ़ते हुए साल 1985 तक लगभग 25000 औरतों को उन्होंने रोजगार प्रदान कर दिया था। जिसके बाद उनका छोटा भाई विदेश जाकर आर्डर लाया और वहां जाकर सामान बेचा। साल 1991 तक लंदन, पेरिस, इटली, जापान आदि देशों में रहकर सामान बेचने का काम किया जिसका एकमात्र उद्देश्य था कि लोगों को रोजगार मिल सके, क्योंकि 2 लाख लोगों को रोजगार देना आसान नहीं था। जिसके बाद 1997 में EPCH ने मुझे मेंबर बनाया और 2001 में मुझे EPCH का वाइस चेयरमैन बनाया और फिर उसके बाद मुझे जिम्मेदारी दी कि मैं इंडिया का पहला फेस्टिवल आयोजित करूं तो मैंने कराकस के वेनेजुएला में डॉ राकेश कुमार के नेतृत्व में पहला फेस्टिवल आयोजित किया। जिसमें इंडिया का डांस था, कल्चर था और हैंडीक्राफ्ट्स था। तत्कालीन कपड़ा मंत्री कांशी राम राणा, DC हैंडीक्राफ्ट्स जोशी, EPCH के अधिकारी और 35 कारीगर को मैं साथ लेकर गया और 15 दिन की प्रदर्शनी थी, जिसमें हमारा सारा सामान बिक गया। इसके बाद 1995 में मैने हैंडीक्राफ्ट्स को टैब करने के लिए पहला बायर्स सेल मीट (BSM) किया। 2006 में मैंने बर्मिघम में BSM किया। 2007 में ब्राज़ील में BSM किया, 2008 में गिरीश किया। उसके बाद 15 दिन की प्रदर्शनी थी उसमें भी सारा माल बिक गया। इसके बाद चिल्ली, तिरिकी मे किया। लेखराज माहेश्वरी ने बताया कि EPCH ने 1994 मे प्रगति मैदान में जो फेयर लगाया उससे हैंडीक्राफ्ट्स को काफी बूस्ट मिला। मैं IEML का 10 साल तक Director रहा, इस प्रकार मैने 25 से 30 देशों मे बीएमस् करके हैंडीक्राफ्ट्स को काफी आगे बढ़ाया। हैंडीक्राफ्ट्स में जो औरते लगभग 5000 काम कर रही है, बाड़मेर में उनको मैने ट्रैनिंग दिलवाई और सभी को सिलाई की मशीन दिलवाई। मेरी उम्र 76 साल है और मै 16 घंटे काम करता हूँ। मेरा उद्धेश्य यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। मैं EPCH, मजदूरों के लिए 24 घंटे तैयार रहता हूँ। अभी जो नये चेयरमैन श्री दिलीप वैध जी आये तो हैंडीक्राफ्ट्स का एक्सपोर्ट 35 हजार करोड़ का हो रहा है, जिसे 2030 तक 1 लाख करोड़ करना चाहते हैं। सरकार के सहयोग से हम ये लक्ष्य हासिल करेंगे और हैंडीक्राफ्ट्स को नई ऊंचाइयों तक ले जायेंगे।

अंत में लेखराज माहेश्वरी ने बताया कि मेरा हमेशा एक ही उद्देश्य रहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों और महिलाओं को रोजगार मिले। अपने जीवन में 2 लाख से अधिक कारीगरों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया। विशेष रूप से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। मैं लगभग 1960 से हैंडीक्राफ्ट निर्यात से जुड़ा हूं और मैं अपने भारत देश को विकसित बनाने के लिए आज 16 घंटे काम करता हूं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले और भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो।

आपको बता दें कि लेखराज माहेश्वरी रोहित इंटरनेशनल , जयपुर हेडिक्राफ्ट्स निर्यात कंपनी के चेयरमैन हैं। यह कंपनी लॉन्ग एंब्रॉयडरी जैकेट (Long Embroidery Jacket), कॉटन एंब्रॉयडरी जैकेट ( Cotton Embroidery Jacket), एंब्रॉयडरी वेलवेट जैकेट ( Embroidery Velvet Jacket), सुजानी विंटेज क्विल्ट (Suzani Vintage Quilt), कॉटन क्यूशन कवर (Cotton Cushion Cover), कॉटन प्रिंटेड & ब्लॉक प्रिंटेड रग्स (Cotton Printed & Block Printed Rugs), कॉटन क्वील्ट & बेड कवर ( Cotton Quilt & Cotton Bedcover) आदि उत्पादों का निर्यात करती है।।

हम उम्मीद करते हैं कि टेन न्यूज नेटवर्क द्वारा प्रस्तुत हस्तशिल्प के मसीहा लेखराज महेश्वरी की जीवन की यात्रा से आपको प्रेरणा मिलेगी और जिस तरह से लेखराज माहेश्वरी देश को विकसित करने के लिए आज 16 घंटे काम करते हैं, देश के युवा उनसे प्रेरणा लेंगे और अपने देश को विकसित बनाने में अपना योगदान देंगे। टेन न्यूज नेटवर्क की टीम आपसे अपील करती है कि आप भी लेखराज माहेश्वरी के जैसे ही लोगों को रोजगार दीजिए ताकि वह आत्मनिर्भर बने। आपको टेन न्यूज की यह विशेष रिपोर्ट कैसी लगी, अपनी राय हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।।

 


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