गलगोटियास विश्वविद्यालय ने “भारत-जापान: शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम” पर विशेष वार्ता की मेजबानी की

गलगोटियास विश्वविद्यालय में भारत-जापान: शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम” के तहत जापान के शिकोकू विश्वविद्यालय के जापानी प्रतिनिधियों, ताकाशी इमोटो और ताकेशी कुगा के साथ-साथ निहोनकाई की आशिमा ने शैक्षिक संबंधों को बढ़ावा देने में भारत और जापान के बीच सहयोगात्मक प्रयासों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन की डीन प्रोफेसर अनुराधा परासर द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम में अंतर-सांस्कृतिक अनुभवों और अकादमिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया। संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ इंटरैक्टिव सत्र ने विचारों के सार्थक आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया, जिससे दोनों देशों के बीच शैक्षिक बंधन और मजबूत हुए। स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन उन निरंतर पहलों के लिए तत्पर है जो वैश्विक परिप्रेक्ष्य को बढ़ाती हैं और छात्रों के लिए सीखने के अनुभव को समृद्ध करती हैं।

इस कडी में यह कार्यक्रम, भारत और जापान के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का एक प्रमाण था, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शैक्षणिक सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित था और निहोनकाई के साथ हस्ताक्षरित एमओयू का एक हिस्सा था। कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर परासर के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने वैश्विक परिप्रेक्ष्य को बढ़ावा देने और छात्रों के लिए समग्र सीखने के अनुभव को समृद्ध करने में ऐसे आदान-प्रदान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों को परस्पर जुड़ी दुनिया के लिए तैयार करने में सांस्कृतिक विसर्जन और शैक्षणिक जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया। जापानी प्रतिनिधियों और गलगोटियास विश्वविद्यालय के नेतृत्व के बीच विशेष बातचीत हुई। माननीय कुलाधिपति सुनील गलगोटिया, कुलपति प्रो. (डॉ.) मल्लिकार्जुन बाबू और मानव संसाधन निदेशक शिल्पी चंद्रा ने प्रतिनिधियों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की, भविष्य में सहयोग के संभावित तरीकों पर चर्चा की और दोनों के बीच शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि गलगोटियास विश्वविद्यालय के नेतृत्व और जापानी प्रतिनिधियों के बीच तालमेल ने अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

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