By RAJ KUMAR BHATI
अंधेर नगरी चौपट राजा। ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियन लोगों के साथ मारपीट किसने की पुलिस इसका पता लगाने की कोशिश तो कतई नही कर रही है।शहर के सभ्रांत और सम्मानित उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकाल रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में जिले के सारे वकील आज हड़ताल पर रहे।कई नागरिक संगठनों ने भी आक्रोश जाहिर किया है।
घटना की पृष्ठभूमि यह है कि ग्रेटर नोएडा में काफी संख्या में नाइजीरियन रहते हैं।इनमे से कुछ तो स्टूडेंट हैं। काफी ऐसे हैं जो स्टूडेंट वीजा लेकर आये थे।किंतु वीजा खत्म हो जाने के बाद भी यहीं रह रहे हैं और ड्रग सप्लाई व दूसरे अवैध धंधों में लिप्त हैं।ये लोग बड़े झगड़ालू किस्म के होते हैं और आये दिन लोकल लोगों के साथ मारपीट कर देते हैं।इसलिए इनके प्रति लोगों में काफी दिन से रोष पनप रहा था।
25 जुलाई को यहां मनीष खारी नामक एक युवक की मौत हो गई।उसके परिजनों का आरोप है कि मनीष को दो नाइजीरियन युवकों ने जबरन ड्रग का इंजेक्शन लगाया था।परिजनों की तहरीर पर पुलिस उन दो नाजिरियन्स को थाने ले आई।किन्तु एम्बेसी के दबाव में शाम को छोड़ दिया।
इस घटना के विरोध में शहर के सामाजिक संगठनों ने 27 मार्च की शाम कैंडल मार्च निकाला।इसी दौरान किन्ही अराजक तत्वों ने कुछ नैजिरियन्स के साथ मारपीट कर दी।पुलिस अराजक तत्वों का पता लगाने के बजाय उन सभ्रांत लोगों को निशाना बना रही है जो जुलुस में शामिल थे। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि किसी नाइजीरियन या अन्य विदेशी को न छेड़ें।क्योंकि इससे देश की छवि खराब होती है।साथ ही पुलिस से अपील है कि अपना रिकार्ड बनाने के लिए निर्दोष लोगों को बलि का बकरा न बनाये।