आज एन.आई.ई.टी. ग्रेटर नॉएडा में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओंटारियो के इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में वाहन, यांत्रिकी एवं उत्पादन विभाग में प्रोफेसर डॉ. बाले वी.रेड्डी का ऊष्मप्रवैगिकी के द्वितीय नियम का उष्मा और ऊर्जा प्रणालियों की निरंतरता में योगदान विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किया गया I जिसमें मैकेनिकल और केमिकल विभाग के छात्र छात्राओं ने भाग लिया I डॉ रेड्डी कनाडा में प्राकृतिक गैस, कोयला और बायोमास आधारित ऊर्जा प्रणालियों पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं I डॉ रेड्डी ने छात्रों को ऊर्जा की बढ़ती मांग के साथ उन्नत और निरंतरता वाली ऊर्जा प्रणालियों की भूमिका से अवगत कराया I उन्होंने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को काम करने की विधियां छात्रों को समझाईं कैसे पिछले 20 वर्षों में ऊर्जा की खपत बढ़ी है I अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर किये प्रयासों से भी उन्होंने छात्रों को अवगत कराया I उनके व्याख्यान का मूल उद्देश्य उनके अनुसंधानों से छात्रों और अध्यापकों को अवगत करना था, जिससे वे मिलकर अनुशंधान के काम कर सकें I डॉ रेड्डी ने एन.आई.ई.टी. ग्रेटर नॉएडा संस्थान का अपने संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन करने का प्रस्ताव भी रखा जिसे निकट भविष्य में पूरा लिया जायेगा I
संस्थान के निदेशक डॉ अजय कुमार ने पुष्पगुच्छ देकर डॉ रेड्डी का सम्मान किया और डॉ पी पचौरी ने स्मृति चिन्ह देकर आभार प्रकट किया I इस अवसर पर डॉ राजेश मैथिवन, डॉ चन्दन कुमार, डॉ अरविन्द तिवारी, डॉ श्यामलाल वर्मा, डॉ सचिन तेजयान तथा काफी संख्या में अध्यापक भी उपस्थित रहे I संस्थान के प्रबंध-निदेशक डॉ ओ.पी. अग्रवाल ने डॉ रेड्डी का आभार व्यक्त किया और रिसर्च के क्षेत्र में सहभागिता पर जोर दिया I उन्होंने अध्यापकों को मिलकर रिसर्च करने के लिए भी प्रेरित किया I अति. प्रबंध निदेशिका डॉ नीमा अग्रवाल और कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री रमन बत्रा ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओंटारियो के इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के साथ सहयोग के क्षेत्रों पर डॉ रेड्डी से चर्चा की और निकट भविष्य में इसे मूर्तरूप देने का प्रारूप तैयार किया I