टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (05 दिसंबर 2023): यमुना प्राधिकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉजिक्स इंफ्राबिल्ड बिल्डर मामले में सुनवाई करते हुए प्राधिकरण को आदेश दिया है कि लॉजिक्स इंफ्राबिल्ड बिल्डर को ब्याज समेत 43.20 करोड़ रुपए वापस किए जाएं। यह पैसा टाउनशिप विकसित करने के लिए आवंटित अधूरी भूमि को सरेंडर करने के बावजूद जब्त कर लिया गया था।
जानें,क्या है पूरा मामला
दरअसल, साल 2011 में यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 22डी में बिल्डर को 200 एकड़ भूमि आवंटित की थी। बिल्डर ने कहा कि प्राधिकरण ने 200 एकड़ जमीन पर टाउनशिप विकसित करने के लिए कहा था। यह भूमि प्राधिकरण के पास है और बिल्डर को यह जमीन 308.41 करोड़ रुपए में आवंटित हुई थी।
शर्तों के अनुसार 30 दिनों के भीतर आवंटन राशि का दस फीसदी जमा कर दिया गया। जिसके बाद साल 2012 में बिल्डर ने प्राधिकरण से भूखंड को दो भागों में विभाजित कर रजिस्ट्री करने का अनुरोध किया था। बिल्डर ने आवंटन राशि का 30 फीसदी करीब 83.57 करोड़ जमा कर दिए और फिर साल 2012 के मई तक बांकी के 70 फीसदी भी जमा कर दिए।
दो भागों में बांटकर रजिस्ट्री की बात पर प्राधिकरण ने अपनी सहमति व्यक्त की। उसे 100 एकड़ भूमि आवंटित कर दिया गया था। इसमें से केवल 77 एकड़ भूमि ही प्राधिकरण के पास थी। रजिस्ट्री के समय सहमति बनी की शेष 23 एकड़ भूमि एक वर्ष के भीतर दी जाएगी। जमीन नहीं मिलने के बाद बिल्डर ने जुलाई 2017 में भूखंड सरेंडर के लिए आवेदन कर दिया। तब तक बिल्डर ने प्राधिकरण को 104.97 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका था।
इस राशि में से प्राधिकरण ने 43.20 करोड़ रुपए काटते हुए बिल्डर को 61.77 करोड़ रुपए वापस कर दिए। मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने अब प्राधिकरण को ब्याज समेत पैसे लौटाने के आदेश दिए हैं।।