उत्तर प्रदेश के खेल सचिव एवं पैरा- बैडमिंटन चैंपियन सुहास एलवाई ने युवाओं के लिए जारी किया वीडियो, क्या कहा?

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (21 नवंबर 2023): जिंदगी में कई बार हमलोग अधिक दबाव के कारण कई अहम मौकों पर चूक जाते हैं। कई अहम मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करने के बजाय प्रदर्शन खराब हो जाता है। इस मानसिक दवाब को कैसे हैंडल करें, और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे करें ऐसे ही सवालों को लेकर यूपी के खेल सचिव सुहास एलवाई ने एक वीडियो जारी किया है।

अभी हाल ही में वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत के बीच खेला गया। जिसमें ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जीत हासिल की और भारतीय खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। वही सुहास एलवाई हलवाई ने फाइनल्स में दबाव को लेकर सभी लोगों के लिए खासतौर से युवाओं के लिए एक खास वीडियो जारी कर अपना अनुभव साझा किया है।

सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए खेल सचिव सुहास एलवाई ने कहा कि वर्ल्ड कप जीतने के लिए आस्ट्रेलिया टीम को बहुत-बहुत बधाई। पूरे वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने के लिए इंडियन टीम को बहुत-बहुत बधाई। फाइनल्स में पैरालंपिक और एशियन गेम्स में अपना एक्सपीरियंस बताऊंगा जो मैंने जो लेसन और सबक सीखी है उसके बारे में आपको 1 मिनट बताना चाहता हूं। मैंने 2021 में टोक्यो पैरालंपिक में फाइनल्स हारा है और 2023 में चाइना में जो एशियन गेम्स हुआ था उसमें फाइनल्स जीता है।जब भी कोई मेजर कंपटीशन होता है या कोई सपोर्टिंग कंपटीशन हो, ओलंपिक हो, एशियन गेम्स, एशियन पैरागेम्स हो या वर्ल्ड कप हो या आपकी बोर्ड एग्जाम हो या कोई भी मेजर कंपटीशन की फाइनल से होता है वहां विजेता और उपविजेता यानी विनर और लूजर के बीच में एक सबसे मुख्य डिटरमिनिंग फैक्टर होता है। मेंटल स्ट्रैंथ मानसिक रूप से हम कैसे अपने आपको दक्ष और दृढ़ करते हैं फाइनल मैच में वो बहुत मायने रखता है। जब टोक्यो में 2021 में मैं फाइनल्स खेल रहा था मैं जीतते जीतते वो मैच हारा था और मुझे अभी भी याद है कि अगर मैं हारा था और दूसरा खिलाड़ी जीता था। उसका मुख्य कारण था कि जो मेरे अपोनेंट खिलाड़ी था उसकी मेंटल स्ट्रैंथ ज्यादा थी। जब एशियन पैरागेम्स चाइना में हुआ अभी एक महीने पहले मुझे फाइनल्स में मैं क्वालीफाई हुआ, सेमीफाइनल जीतने के बाद मैं अपने आप को कहा कि ये मैच में अपने ऊपर में प्रेशर नहीं डालूंगा और मैंने जिंदगी में सबक सीखा है कि अगर हम जैसे ट्रेनिंग में खेलते हैं जैसे बाकी मैच खेलते हैं वो मन (माइंड) को ट्रेनिंग करना पड़ेगा कि हम वैसे ही खेल रहे कि हम जैसे ट्रेनिंग में खेल रहे हैं तो वैसे ही खेलेंगे यही सोच कर खेला था और चीन में जीत हासिल किया था और मैं युवाओं को खास तौर पर बताना चाहता हूं। जब भी ऐसे मौके होते हैं जो फाइनल होता है बहुत प्रेशर होता है। आप जिंदगी में एग्जाम लिख रहे हैं या वर्ल्ड कप खेल रहे हैं, ओलंपिक खेल रहे हैं या एशियन गेम्स खेल रहे हैं या कुछ भी रह रहे हैं। आपने आप पर ज्यादा दबाव मत डालिएगा और माइंड को ट्रेन करिएगा जैसे आप ट्रेनिंग करते हैं जैसे आप बाकी मैच में बाकी दिनों में जो आप प्रैक्टिस करते हैं तो वैसे ही जाकर अपने नेचुरल परफॉर्मेंस दीजिएगा और इससे कोई गारंटी नहीं ले सकते हैं ज्यादा रहेगी पर जीतने की संभावनाएं ज्यादा रहेगी। मैंने यह अपनी जिंदगी में सबक सिखी है और पुनः ऑस्ट्रेलियाई टीम को वर्ल्ड कप जीतने के लिए बहुत बहुत बधाई तथा पूरे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने के लिए और हम सबको इतनी खुशी और गर्व महसूस करने के लिए इंडियन टीम को भी बहुत-बहुत बधाई जय हिंद।

उम्मीद है खेल सचिव सुहास एलवाई की अपनी जिंदगी के अनुभवों पर आधारित विडियो लाखों लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी।।

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