जिस रामराज्य की कल्पना हमारे संतों और महापुरुषों ने की थी अब वो समय आ गया है: डॉ महेश शर्मा, लोकसभा सांसद | श्री धार्मिक रामलीला

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (25 अक्टूबर 2023): श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा निर्देशन में रामलीला का मंचन राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। दशहरा महोत्सव के अवसर पर रामलीला मैदान ऐच्छर पाई सेक्टर रामलीला में मंगलवार, 24 अक्टूबर को मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गौतमबुद्ध नगर के लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा उपस्थित रहे।

सांसद डॉ महेश शर्मा ने दशहरा के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन को ग्रेटर नोएडा महानगरी में स्थापित करने वाले‌ पूज्य स्वामी सुशील महाराज जी के चरणों में मैं नमन करता हूं। और साथ ही पूरी कमेटी के सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद करता हूं। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी, ग्रेटर नोएडा लीला मंचन से रामलीला के आर्दशों और मर्यादाओं को जन-जन तक पहुंचा रही है और लीला मंचन के माध्यम से हमारे युवा पीढ़ी को प्रेरणा दे रही है।‌ आगे उन्होंने कहा कि जिस रामराज्य की कल्पना हमारे संतो और महापुरुषों ने की थी। भगवान राम के आदर्शों, भगवान राम की मर्यादाएं स्थापित हो। आज वह समय आ गया है। अगले वर्ष जब हम इस मंच से लीला मंचन देख रहे होंगे तब तक भगवान राम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर की स्थापना हो चुकी होगी।

दशहरा महोत्सव के मंचन का प्रारंभ मेघनाथ- लक्ष्मण युद्ध से प्रारंभ हुआ। मेघनाथ एक बहुत बड़ी यज्ञ कर रहा होता है जिसके पूर्ण होने पर वह अजेय हो जाता। विभीषण ने भगवान लक्ष्मण की मदद की और उनको यज्ञशाला तक लेकर गए भगवान लक्ष्मण ने मेघनाथ को वहीं ललकारा, यज्ञ भंग कर दिया और वहीं युद्ध में मेघनाथ का वध किया, तत्पश्चात रावण ने युद्ध की जिम्मेदारी कुंभकरण को देने का निश्चय किया। पूरी प्रजा के बड़े-बड़े वाद्य सामग्रियों से और हाथियों की चिंघाड़ लगाकर किसी प्रकार कुंभकरण को नींद से जगाया गया। पहले तो कुंभकरण ने रावण को बहुत समझाया कि उसे यह युद्ध नहीं करना चाहिए। लेकिन रावण के न मानने पर और उसकी आज्ञा का पालन करते हुए कुंभकरण युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर जाता है। भगवान श्री राम से भयंकर युद्ध करता है और प्रभु श्री राम के हाथों पर्वताकार महा बलशाली कुंभकरण का भी वध हो जाता है। अंत में स्वयं रावण भगवान श्री राम से युद्ध के लिए युद्ध क्षेत्र में पहुंचता है रावण का भगवान श्री राम के साथ युद्ध बड़े-बड़े ऋषि मुनि और देवताओं को विस्मित कर देता है, ऐसा खतरनाक और भयंकर युद्ध इससे पहले किसी ने कहीं नहीं देखा। भगवान श्री राम रावण का गला काटते और उसकी गर्दन फिर से वापस आ जाती यह देख सभी विस्मित हो गए। जब हर बार ऐसा होने लगा तब विभीषण ने भगवान श्री राम से कहा कि प्रभु रावण की नाभि में अमृत कलश है और जब तक उसको नहीं समाप्त किया जाएगा यह ऐसे ही हर बार जीवित हो जाएगा। फिर भगवान श्री राम ने उस अमृत कलश का अंत करके रावण का वध किया। इस प्रकार असुर सम्राट लंकाधिपति रावण का अंत हुआ। इसके बाद रावण कुंभकरण और मेघनाथ के विशालकाय पुतले का दहन किया गया जिसे देखने के लिए शहर से लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी।

सभी अतिथियों और शहर वासियों ने पूरी रामलीला की काफी सराहना की। मंचन के लिए इतना बड़ा स्टेज, परिसर में शानदार झूलों का प्रबंध, लाइट और साउंड की अद्भुत व्यवस्था देख सभी खुशी से झूम उठे और रात 12:00 बजे तक सभी लोगों ने मेले का आनंद लिया। सब ने दिल खोल कर पूरी रामलीला की सराहना की। रावण कुंभकरण और मेघनाथ का दहन अहंकार और असत्य पर सत्य और विनम्रता की जीत का प्रमाण है।

पूरे वर्ष कहीं ना कहीं से हम सबके अंदर धीरे-धीरे अहंकार और असत्य हमारे जीवन और गुणों पर हावी होने की कोशिश करता है। लेकिन हम सौभाग्य शाली हैं कि हमारे जीवन में यह महापर्व आता है इस महापर्व के साथ जीवन को फिर से सुधारने और इन बुराइयों पर विजय पाने और सत्य के मार्ग पर चलने का हम सबको एक प्रेरणा मिलती है। भगवान श्री राम सबके जीवन को सुखी और संपन्न बनाएं।
सत्य ही श्री राम हैं और श्री राम ही सत्य हैं।

सभी भक्तों ने आज की सभी कथाओं का भरपूर आनंद लिया और सब ने भगवान श्री राम का पूरे परिसर में जयकारा लगाकर पूरे परिसर को श्री राममय कर धन्य कर दिया। जय श्री राम।।

इस अवसर पर संस्था के संस्थापक गोस्वामी सुशील महाराज, राजकुमार नागर, शेर सिंह भाटी, संरक्षक हरवीर मावी, प्रदीप शर्मा, बालकिशन सफ़ीपुर, सुशील नागर, अध्यक्ष आनन्द भाटी, महासचिव ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष अजय नागर, मिडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश गौतम आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।।।

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