ग्रेटर नोएडा को और स्वच्छ बनाने को प्राधिकरण ने तेज की मुहिम

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा को और स्वच्छ बनाने के लिए प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम व अन्य अधिकारियों की टीम नियमित तौर पर सेक्टरों व गांवों का निरीक्षण कर रही है। साथ ही घरेलू कूड़े को प्रोसेस करने और सीएंडडी वेस्ट प्लांट को और सुचारु करने पर भी जोर दिया जा रहा है। शुक्रवार को भी एसीईओ मेधा रूपम ने सबसे पहले सेक्टर अल्फा वन में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। उसके बाद कूड़े को प्रोसेस करने के लिए अस्तौली में बन रहे प्लांट को देखा। प्लांट चलाने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इसके बाद एसीईओ ने नोएडा जाकर सेक्टर 80 स्थित सीएंडडी प्लांट का भी अध्ययन किया। नोएडा के सीएंडडी वेस्ट प्लांट से सीख लेते हुए ग्रेटर नोएडा के सीएंडडी प्लांट को और बेहतर बनाने बनाने की कोशिश हो रही है।

एसीईओ मेधा रूपम सबसे पहले सुबह नौ बजे सेक्टर अल्फा वन पहुंची। वहां आरडब्ल्यूए व निवासियों और प्राधिकरण की टीम के साथ सेक्टर का भ्रमण किया। सेक्टर में मैनुअल सफाई में लगे कर्मचारियों, डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन और सीएंडडी वेस्ट को नियमित रूप से उठाने के निर्देश दिए। लापरवाही करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। उसके बाद अस्तौली में प्रस्तावित चारकोल प्लांट और बायो सीएनजी प्लांट की साइट पर गईं। दोनों प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने के लिए जरूरी मूलभूत संसाधनों, जैसे बिजली, पानी, रोड, सीवर और उद्यान आदि कार्यों को अतिशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इन सुविधाओं पर तेजी से काम कराने के लिए एसीईओ ने सभी संबंधित विभागों के इंजीनियरों को भी साइट पर ही बुला लिया। इनके बीच आपसी सामंजस्य बनाकर कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। चारकोल प्लांट एनटीपीसी बना रहा है और बायो सीएनजी प्लांट एवर इनवायरो कंपनी बनाएगी। इन दोनों के साथ प्राधिकरण एमओयू साइन कर जा चुका है। वहीं, अस्तौली के बाद एसीईओ मेधा रूपम प्राधिकरण की टीम के साथ नोएडा के सीएंडडी वेस्ट प्लांट का अध्ययन करने के लिए सेक्टर 80 गईं। वहां के सीएंडडी वेस्ट प्लांट को देखा। यह प्लांट 2020 से फंक्शनल है। यहां से मिली सीख से ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक थ्री में बने प्लांट के संचालन में मदद मिलेगी। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी की पहल पर सीएंडडी वेस्ट को प्रोसेस करने के लिए ईकोटेक थ्री में 100 टन प्रतिदिन क्षमता का प्लांट बनाया गया है।

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