फर्जी कंपनी बनाकर साढे छः लाख लोगों से 37 सौ ं करोड़ रूपये से अधिक वसूलने वाले गिरोह का पर् दाफाश सरगना सहित तीन गिरफ्तार

एसटीएफ, ने के नाम से ऑन लाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर के माध्यम से लाखो लोगों से मेम्बरशिप धनराशि के नाम पर लगभग 37 अरब रूपये की धोखाधडी किये जाने का मामला प्रकाश में आने पर इस गिरोहों का पर्दाफाश करते हुए गिरेह के सरगना/निदेशक अनुभव मित्तल, सी0ई0ओ0 श्रीधर तथा टैक्निकल हैंड महेश को गिरफ््तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्त का विवरणः-
1-अनुभव मित्तल पुत्र सुनील मित्तल नि0 835 किशनगंज पिलखुआ गाजियाबाद।
2- श्रीधर प्रसाद पुत्र पी0एस0 रमैन्ना निवासी 46 काॅत नगर चिन्ना मशूलीबडडा
विशाखापटनम आन्ध्र प्रदेश हाल पता- 53 बी सैक्टर-53 नोएडा।
3-महेश दयाल पुत्र गोपाल निवासी ग्राम कमई थाना बरसाना जनपद मथुरा।

बरामदगी-
1- केनरा बैंक गाजियाबाद की शाखा में कंपनी के तीन विभिन्न एकाउन्टस में लगभग
500 करोड रूपये फ्रीज किया जाना ।
2- कंपनियों से सम्बन्धित बैलेन्स सीट
3- निवेशकों की सूची
4- कम्पनियों के कर्मचारियों की सूची व बैंक खातों की सूची।
5- बेवसाइट निवेशकों के बेवसाइट यूआरएल की सूची
6- निवेशकों द्वारा कंपनी को की गयी शिकायतो की सूची ।
7- बैंक खातों में जमा कराई गयी धनराशि के ट्रान्जेक्शन की सूची।

श्री अमित पाठक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 लखनऊ के निर्देशानुसार चलाये जा रहे अभियानों के अन्तर्गत श्री राजीव नारायण मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं श्री राजकुमार मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0 पश्चिमी गौतमबुद्वनगर के नेतृत्व में गठित एस0टी0एफ0 टीमों द्वारा जनपद गौतमबुद्वनगर एवं उसके आसपास के जनपदों में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। उप निरीक्षक श्री सौरभ विक्रम सिंह की टीम गठित कर इलैक्टोनिक एवं व्यक्तिगत स्तर पर अभिसूचना संकलन करने से चौकाने वाली जानकारी प्राप्त हुयी कि कंपनी उपरोक्त पिछले कई वर्षो से बेवसाइट के माध्यम से निवेशकों को आसान तरीके से घर बेठे पैसा कमाने की जानकारी/लालच देकर भारी फर्जीवाडा करती आ रही है । गोपनीय जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त कंपनियों द्वारा कई बैंकों में बहुत ही कम समय में भारी मात्रा में धनराशि एकत्र की गयी। काफी अल्प समय में कंपनी के खाते एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानान्तरित किये जा रहें थे जो कि अस्वाभिक प्रक्रिया प्रतीत हुई। ऑनलाइन जानकारी करने पर कंपनी के विरूद्व हजारों की संख्या में शिकायते पूर्व से लम्बित थी जिनके सम्बन्ध में गहराई से छानबीन की गई । वैधानिक क्रम में कंपनी के निदेशक, साजिशकर्ता सहायक एवं कंपनी की सभी जानकारियों से सम्बन्घित इलेक्ट्रोनिक डिवाईस को विधिक पूर्वक कब्जे में लेने की प्रक्रिया पूरी की गयी । दिनांक 01-02-2017 को अनुभव मित्तल व उपरोक्त दोनो साथियों की गिरफ्तारी एफ-472 सैक्टर-63 नौएडा गौतमबुद्धनगर से की गयी है। अनुभव मित्तल के पिता व कंपनी के पूर्व डायरेक्टर सुनील कुमार मित्तल एवं आयुषी अग्रवाल पत्नी अनुभव मित्तल तथा वर्तमान सह डायरेक्टर एवं सन्नी मेहता नामजद हैं। दौराने विवेचना कंपनी के सहयोगी व कई साजिशकर्ता, साथियों का नाम प्रकाश में आने की प्रबल संभावना है। इस सूचना के प्राप्त होने पर मुख्यालय से डा0 त्रिवेणी सिंह अपर पुलिस अधीक्षक को भी तत्काल हरसंभव मदद हेतु नौएडा यूनिट रवाना किया गया । इस क्रम में साईबर क्राईम विशेषज्ञां व चार्टेड एकाउन्टैन्ट आदि व तकनीकी जानकारी रखने वाले लोगों से भी विचार विमर्श किया गया।
गिरफ्तार अभियक्तगण का ब्यौरा-
1- अनुभव मित्तल – सन 2011 में ग्रेटर नौएडा स्थित एक संस्थान से कम्प्यूटर साईस से बीटेक करने के साथ साथ वर्ष- 2010 में ।ठस्।र्म् प्छथ्व् ैव्स्न्ज्प्व्छै च्त्प्ट।ज्म् स्प्डप्ज्म्क्ए 878/8 नई बिल्ड़िग एस0पी0 मुखर्जी मार्ग चॉदनी चौक नई दिल्ली के नाम से प्रारम्भ की। स्वंय और अपने पिता सुनील मित्तल को इसका डायरेक्टर बना दिया । कंपनी के उपरोक्त रजिस्टर्ड पते पर छानबीन करने पर भौतिक रूप से इस स्थान पर कंपनी का कोई कार्यालय नही मिला । सुनील मित्तल की जनपद हापुड में मित्तल इलैक्टोनिक्स के नाम से एक दुकान है। नवनिर्मित कंपनी को अनुभव मित्तल ने अपने ग्रेटर नौएडा स्थित इंस्टीडयूट के हॉस्टिल के कमरे से शुरू करना बताया । बीटेक फाइनल करने के बाद साफ्टवेयर डेवलपमेन्ट का काम बहुत छोटे स्तर पर प्रारम्भ किया और 2012 से लेकर 2015 के बीच मात्र लगभग 3-4 लाख रूपयो का काम किया। अगस्त 2015 में ैवबपंस जतंकमण्इप्र के नाम से एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया और सदस्यो को जोड़ने के लिए शुल्क 5,750/- से 57,500/- निर्धारित किया और यह भरोसा दिलाया कि इस ऑनलाइन पोर्टल पर आकर कुछ पेंज को लाइक करने पर हर लाइक पर 5 रूपया सदस्यों को देना प्रस्तावित किया । इसके इस जाल मे फॅसकर लाखों लोगों ने कंपनी के एकाउन्टस में पैसा डालने शुरू कर दिये, जिससे यह रातां रात अरबपति बन गया ।
2- श्रीधर प्रसाद –
वर्ष- 1994 में कॉमर्स में स्नातक के बाद दिल्ली के एन0आई0ए0 इंस्टीटयूट से एम0बी0ए0 किया। वर्ष-1996 में उषा माटेन टेलीकॉम कंपनी में सेल्स के पद पर कार्य किया और सेल्स मैनेजर के पद पर पहॅुचे। वर्ष 2001 में विजिया कन्सलटेन्सी हैदराबाद में बिजनेस डैवलपर के पद पर कार्य किया । इस दौरान कई बार यू0के0 भी गया। इसको छोडकर 2005 से लेकर 2009 तक आई0बी0एम0 में कन्ट्ररी हैंड के रूप में साफटवेयर सोल्यूशन बेगलौर के पद पर कार्य किया। वर्ष-2010 में औरेकिल कंपनी के नाईजीरिया में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में योगदान दिया। 2013 में बैंगलौर वापस आकर एक स्टार्टअप मूवएन सिंक किया। बहुत सफल न होने के कारण 2014 में वापस नाईजीरिया में उसी कंपनी में चले गये । ैवबपंस जतंकमण्इप्र में इनकी पत्नी ने 2016 में मेम्बरशिप ले ली और बिजनेस मॉडल को समझने के चक्कर में कई बार श्रीधर की अनुभव मित्तल से सम्पर्क हुआ और लगभग 6 माह पूर्व अनुभव मित्तल की कंपनी में श्रीधर ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) के पद पर कार्य करना प्रारमभ कर दिया।
बिजनेस मॉडल-
अब्लेज इन्फ्रो सोल्यूशन प्रा0लि0 की फ्लैगशिप के तहत ैवबपंस जतंकमण्इप्र नामक एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म अगस्त 2015 में लॉच किया और इसमें यह ऑफर दिया गया कि इस प्लेटफार्म से जुडने पर आपको एक यूजर आई0डी0पासवर्ड दिया जायेगा। इस पोर्टल से जुडने के लिए आपको कंपनी के एकाउन्ट में निम्मानुसार पैसे जमा करने होगे-
1- 5,750/- रूपये
2- 11,500/- रूपये
3- 28,750/- रूपये
4- 57,500/- रूपये
इस पैसे को मेम्बर कंपनी के दिये हुए एकान्टस में एन0ई0एफ0टी0/मोबाइल एप के माध्यम से बैंक में जमा कराना अपेक्षित था। जमा कराने के उपरान्त मेम्बर को यूजर आईडी एवं पासवर्ड दिया जायेगा जिसका इस्तेमाल करके मेम्बर ऑनलाइन पोर्टल को लॉगिन करेगा जहॉ पर उसे कुछ पेज के लिंक को लाइक करने होगे । कंपनी हर लाईक पर मेम्बर को 5 रूपये देगी। प्रतिदिन सदस्यों को जितनी लाईक उपलब्ध होगी वह उनके पैकेज के अनुसार निम्न हैं –
1- 5,750/- पर 25 लाईक
2- 11,500/- पर 50 लाईक
3- 28,750/- पर 75 लाईक
4- 57,500/- पर 125 लाईक
कंपनी के कथित रेवेन्यू मॉडल के अनुसार हर लाईक पर विज्ञापन कराने वाले सदस्य/संस्था के द्वारा 6 रूपये कंपनी को दिये जाते हैं, जिसमें से 5 रू0 मेम्बर को देता है और एक रूपया कंपनी खुद रखती हैं ।
जब इस बिजनेस मॉडल की जॉच की गयी तो पाया गया कि कंपनी के द्वारा सदस्यों को धोखे में रखकर उनसे पैसे एकान्टस में जमा कराते थे और जब मेम्बर अपने पेज को लॉगिन करते थे तो विज्ञापन पेजों के या तो गलत यू0आर0एल0 होते थे या उन्ही सदस्यों के यूआरएल को आपस में ही लाईक कराया जा रहा था। इस प्रकार कंपनी के द्वारा कोई वास्तविक विज्ञापन या कोई लॉजिकल/रियल सर्विस नहीं उपलबध कराया जा रहा था। इस प्रकार से इस कंपनी के द्वारा सदस्यो के द्वारा भारी मात्रा में जमा कराये जा रहें धन में से थोडे से धन को सदस्यो के बीच में बॉट देते थे और अधिकॉश सदस्यों के पैसे भुगतान हेतु लम्बित रखते थे। ऐसे मेम्बरों के द्वारा इनका प्रचार प्रसार करने के कारण और सदस्य जुडते थे जिससे इनको ओर धन प्राप्त होता था और फिर इसमें से थोडे से सदस्यों को पैसे भेज देते थे। अधिकॉश सदस्यों को पैसे नहीं मिलते थे। इस तरह के सदस्यों के ही पैसों को आपस मे ही घुमाया जा रहा था । इस प्रकार का मनी सरकूलेशन ज्ीम च्तप्रम बीपजे ंदक उवदमल बपतबनसंजपवद ेबीमउमे;इंददपदहद्धए ंबज 1978 की धारा 2(सी)/3 मे अवैध है तथा धारा 4 में संज्ञेय अपराध है।
जब एक बार सदस्य इनके बताये गये पैकेज को लेने के बाद जुड जाता है तब वह 21 दिन के अन्दर दो अन्य सदस्य जोडना अपेक्षित होता है जिनको कंपनी की भाषा मे बूस्टर कहा जाता है। इस तरह से एक के नीचे एक चेन बनती चली जाती है जिस्रे पिरामिड स्ट्रैक्चर/मल्टीलेबिल मारकेटिंग कहा जाता है जो कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के द्वारा जारी की गयी गाईड लाइन के अनुसार अवैध माना गया है। उपरोक्त कंपनी द्वारा इस उपक्रम को करते हुए भारी संख्या में निवेशक बनाकर अरबों रूपयों की धोखाधडी किया जाना प्राथमिक जॉच में प्रकाश में आया है। अब तक की गयी जॉच के अनुसार लगभग साढे छः लाख लोगों ने लगभग 9 लाख से अधिक आई0डी0 के साथ पैसा जमा किया है। इस प्रकार धोखाधडी करते हुए कंपनी के पास लगभग 37263020094 (सैतीस सौ छब्बीस करोड बीस हजार चौरारवे करोड) जमा किये गये। कंपनी के विभिन्न बैंकों में एकान्टस रहें हैं जिसके 1- कोटक महिन्द्रा बैंक, राजनगर गाजियाबाद 2-ल्मे ठंदा के 2 एकान्टस, राजनगर गाजियाबाद 3- एक्सिस बैंक राजनगर शाखा गाजियाबाद में 2 एकान्टस तथा केनरा बैंक गाजियाबाद में 3 एकान्टस मिले हैं जिसमे केनरा बैंक में 480 करोड़ तथा यश बैंक में 44 करोड़ मिले जिनको फ्रीज कर दिया गया है।
यहॉ भी उल्लेखनीय है कि कंपनी के द्वारा बैंकों में प्रचलित खातो के एकान्टस को बन्द करना और नये बेंकों में नये एकाउन्टस खोलना कंपनी की संदिग्ध गतिविधियों को प्रदर्शित करता है और इस बात का प्रमाण है कि यह कंपनी पहचान छिपाने का प्रयास कर रही थी । विगत दो माह से कंपनी के द्वारा सदस्यो के बीच में पैसो को न देने के कारण कई सदस्यों के द्वारा शिकायत करना प्रारम्भ कर दिया गया था और जिसके कारण विभिन्न शिकायती प्रार्थना पत्र रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया, वित्त मंत्रालय, ई0ओ0डब्ल्यू0 तथा नोएडा प्रशासन तथा ऑनलाइन लाखों की संख्या में शिकायते पहॅुचना शुरू हो गयी थी और इन्हीं शिकायतों/जॉच के बीच में यह कंपनी लगातार अपने पुराने बैंक एकाउन्टस बन्द करके नई बैंक एकाउन्टस खोलना प्रारम्भ कर दिया। एक्सिस बैंक से ल्मे ठंदा, ल्मे ठंदा से कोटक महिन्द्रा बैंक, कोटक महिन्द्रा से केनरा बैंक । यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि इसके साथ ही साथ चॅूकि शिकायते ैवबपंस ज्तंकमण्इप्र के विरूद्व प्राप्त हो रही थी इसलिए कंपनी ने दिसम्बर 2016 के अन्त में ैवबपंस ज्तंकमण्इप्र से माइग्रेट करके फ्री हब डॉट कॉम लॉच कर दिया और उसके दस दिन के अन्दर ही फ्री हब डॉट कॉम से इन्टमार्ट डॉट कॉम पर माईग्रेट किया और 27 जनवरी 2017 को इन्टमार्ट से थ्तमद्र्रनच ण् बवउ पर माईग्रेट कर लिया ।लगभग सात दिन पहले दिनेश दिल्ली से एक नई कंपनी 3 डब्ल्यू भी खरीद कर उसका एक बोर्ड एब्लेज का बोर्ड हटाकर अपने ऑफिस सैक्टर-63 पर लगा दिया । इसके अतिरिक्त सोशल टेड डॉट बिज के डोमैन पर अनुभव मित्तल ने प्राइवेसीं प्रोटेक्शन प्लान भी ले रखा था ताकि कोई भी व्यक्ति या जॉच एजेन्सी डोमैन की डिटेल के बारे में पता न कर सके।
कंपनी के मेल सर्वर पर सदस्यों के पैसे कंपनी के द्वारा न दिये जाने के कारण लाखों की संख्या में शिकायते मिली जिनका भी डेटा एकत्र किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के द्वारा इस धोखाधडी के सम्बन्ध में पूर्व में थाना सूरजपुर पर दिनांक 31-01-2017 को वादी श्री दिनेश सिंह के द्वारा मु0अ0सं0 93/17 धारा 420 आई0पी0सी0 तथा दिनांक 01-02-2017 को वादिनी श्रीमती पूजा गुप्ता निवासी दिल्ली के द्वारा उपरोक्त कंपनी के विरूद्व थाना फैज-3 पर मु0अ0स0ं 163/17 धारा 420/406 आई0पी0सी0 पंजीकृत है।
इस अपराध के सम्बन्ध में इलेक्टोनिक डेटा का सर्च और सीज़र फोरेन्सिक साईस लेबोरेट्री लखनऊ के एक्सपर्ट के द्वारा किया जा रहा है।
इस र्च्व्छप् ैब्भ्म्डम्ध्डस्ड थ्त्।न्क् के द्वारा किये गये भारी फ्रॉड के सम्बन्ध में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया, इन्कम टैक्स डिपार्टमेन्ट तथा सेबी को आवश्यक कार्यवाही के लिए सूचित किया जा रहा है।
गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना सूरजपुर गौतमबुद्धनरगर पर दाखिल किया गया हैं। अग्रिम विधिक कार्यवाही थाना सूरजपुर द्वारा की जा रही है।

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