टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (13/09/2022): आगामी 15 सितम्बर को भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति की एक मीटिंग बोर्ड रूम यमुना विकास प्राधिकरण गौतम बुद्धनगर में 2.30 बजे डॉ अरुण वीर सिंह मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यमुना विकास प्राधिकरण के साथ होनी है। जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर वार्ता होगी।
यह बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह भाटी भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के निवृत्त में होगी। जिसमें किसानों की समस्यों को लेकर निम्नलिखित बिंदुओं पर वार्ता होगी।
सहखातेदार को एक खाते में जब 2500 वर्गमीटर का प्लाट मिल जाता है और एक खाते में दो या दो से अधिक कास्तकार होते ही हैं तो उसके बाद अन्य खाते से कास्तकार को 2500वर्गमीटर का प्लाट पूरा करने के लिए अलग प्लाट देने का प्रावधान है या नहीं।
बैकलीज की गई जमीन में मालिक को अपनी गर्ज पूरी करने के लिए प्लाट बेचने का अधिकार है या नहीं।अगर है तो क्या प्राधिकरण से परमीशन लेनी होगी अगर लेनी होगी तो कितने दिन बाद?
पुनर्ग्रहण की गई आवादी जो दिसम्बर 2012 से पुरानी आबादी है तो क्या उसकी सुनवाई जिलाअधिकारी कमेटी में भी होगी या प्राधिकरण स्वयं अपने विवेक से निर्णय लेगा?
जून 2011शासनादेश में प्राधिकरण द्वारा वार्षिकी में 33 वर्ष बोनस का लाभ दे दिया गया है परंतु भूमी हीन ,लघु, सीमांत हुए किसानों को न्यूनतम वेतन देने का भी प्रावधान था जो आज तक किसी भी किसान को नहीं दिया गया है कृपया उन किसानों पर भी मेहरबानी करने की कृपा करें।
चूंकि यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जितना भी अतिक्रमण हुआ है या आबादी बनी है वह सभी पुलिस प्रशासन,जिला प्रशासन व प्राधिकरण की उपस्थित होते हुए या सोते हुए हुई है, और जो भी खरीददार हैं उनको तरह तरह के सपने दिखाकर प्लाट दिए गए हैं। तथा खरीददार ने अपने जीवन की समस्त जमा पूंजी लगाई है और उनके सपने भी टूटकर बिखर जाते हैं इसलिए गरीब आदमी के सपने न टूटें इसलिए सभी नयी पुरानी आबादी जो जहां जहां है वहीं सुरक्षित की जाएं तथा प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ जो भी उचित कार्रवाई की जानी चाहिए की जानी चाहिए।
प्रपत्र 16में दर्ज परिसंपत्तियों के विषय में किसानों को जानकारी का अभाव है, इसलिए सभी की कीमत आंक कर या उचित विभाग से रिपोर्ट मंगाकर तथा किसानों को भूमि अधिग्रहण विभाग से किसानों को नोटिस भेजकर भुगतान कराया जाए।
जेपी इन्फ्राटेक के 64.7% को लेकर जिला न्यायालय में है परंतु 7% आवासीय प्लाट को लेकर कोई विवाद नहीं है इसलिए 7% आवासीय प्लाट तुरंत दिए जाने चाहिए।
जिन किसानों ने मुआवजा नहीं उठाया था उन किसानों का एवार्ड 500रु वर्ग मीटर से कर दिया गया था, और जज के अधीन मुआवजा दिया गया अगर किसान को मूल मुआवजे से कम प्राप्त होता है तो उसकी अंतर धनराशि की पूर्ती प्राधिकरण द्वारा की जानी चाहिए।
आबादी शिफ्टिंग और 10/%आवासीय प्लाट के लिए पत्रावली शासन में विचाराधीन है जिसकी मजबूत पैरवी कर शासन आदेश पास कराया जाए।
आवासीय प्लाट में जो धन राशि किसानों द्वारा जमा करनी है उसके लिए जिन किसानों के पास धन राशि जमा करने के लिए धन राशि नहीं है, उनको उचित सुविधा देने का मजबूत प्रावधान प्राधिकरण द्वारा किया जाना जनहित में है तत्काल मजबूत प्रावधान किया जाए।
चूंकि टेंटी गांव पर यमुना हाईवे पर उतार चढ़ाव बनाने का आपके द्वारा मजबूत आश्वासन दिया गया था अतः कृपा करने की कृपा की जाए।
जिस जमीन पर बिल्डर, यूनीवर्सिटी या प्राधिकरण द्वारा कब्जा ले लिया गया है सड़क आदि का निर्माण कर लिया गया है उन सभी का अतिरिक्त मुआवजा जल्द से जल्द देने की कृपा की जाए।
अब से आगे यमुना विकास प्राधिकरण , पुलिस ,और जिला प्रशासन की मौजूदगी होते हुए अतिक्रमण न हो और किसी गरीब की लुटाई न हो इसके लिए क्षेत्राधिकारी, जिला कलेक्टर तथा यमुना विकास प्राधिकरण के तहसीलदार की लिखित जिम्मेदारी तय की जाए।
परिवार रजिस्टर की नकल ,वारीसान और मुर्दावेसी आदी की समस्या यमुना विकास प्राधिकरण के गांवों में बहुत ही गंभीर है, अतः जिला प्रशासन और प्राधिकरण प्रशासन मिल कर समस्या का समाधान करया जाए या यमुना विकास प्राधिकरण अपने अधिकार क्षेत्र में लेकर इन समस्याओं का समाधान कराया जाए।
गांव में पड़ने वाले सीवर के अंदर की गहराई कम से कम 18 इंच की होनी चाहिए यह जो 6 इंच या 9 इंच के शीवर डाले जा रहे हैं इनमें पैसे की वैस्टेज लग रही है यह चल नहीं पा सकते।
एक किसान भवन और सामुदायिक केंद्र की मांग गांव रौनीज में काफी दिनों से चली आ रही है क्योंकि रौनीजा संपूर्ण अधिग्रहण सन 2011 में ही हो गया था और न्याय पंचायत का गांव है इसलिए कम से कम एक किसान भवन और सामुदायिक केंद्र बनवाने की कृपा की जाए।
प्रत्येक गांव के प्रत्येक किसान की आवादी को जहां है वहीं छोड़ा जाए या जो शिफ्टिंग हो सकती है उसको शिफ्ट कर।
यमुना विकास प्राधिकरण गौतम बुद्धनगर क्षेत्र में पड़ने वाले कस्बे झांजर, दनकौर , रबूपुरा,और जेवर का आज तक सीमा विस्तार नहीं हुआ नगर पंचायत का पुराने नक्शे का बहुत ही छोटा रूप है जबकि कस्बे बहुत आगे तक बढ़ चुके हैं और उनमें बिजली पानी सड़क आदि की सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं नगर पंचायत अध्यक्ष के द्वारा इसलिए सभी गांवों का तथा कस्बों का परिशीमन मौका मुआयना कर के बढ़ा दिया जाए तो गांव के चारों तरफ का पेरीफेरल रोड बनने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी, और शायद किसान कोर्ट से भी वापस आ जायेगा और यमुना विकास प्राधिकरण में कोई विवाद भी नहीं रह जाएगा और अगर नहीं छोड़ सकते हैं कोई कानून की मार है तो जो क्षेत्र में आज भी प्लाटिंग हो रही हैं और बिक रही हैं तो उनका क्या भविष्य होगा?
स्वामित्व योजना के तहत घरौणी बनने का काम आज तक प्राधिकरण के अंदर पड़ने वाले गांव में शुरू नहीं किया गया है। जल्द से जल्द शुरू कराया जाए।
यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर बहुत गिरा हुआ जो ग्रामीण क्षेत्र के निवासी हैं, उनके लिए और न ही मवेशियों के इलाज की कोई उचित व्यवस्था है इस का सुधार कैसे हो इसके लिए चिंतन मनन कर उचित व्यवस्था कराई जाए भले ही प्रत्येक वर्ष अलग से शिक्षा स्वास्थ्य के वजट तय किया जाए।
फलैदा गांव पर एक आईटीआई कालेज और क्षेत्र में एक ई एस आई अस्पताल का होना अनिवार्य है जिनकी जल्द से जल्द व्यवस्था कराई जाए।
पारसोल गांव में एवं सलारपुर गांव में जर्जर अवस्था में पुरानी स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग खड़ी हुई है, जो कभी भी गिर सकती है। और कोई भी दुर्घटना हो सकती है।वह किसी प्रयोग में भी नहीं आ रही हैं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला अधिकारी को लिखकर दिया जा चुका है परंतु प्राधिकरण का गांव होने के कारण उनका ध्वस्तीकरण करने को कोई तैयार नहीं है विभाग से अनुमति लेकर ध्वस्तीकरण कराया जाए।
जो भी गांव यमुना विकास प्राधिकरण के अधिसूचित गांव हैं उन सभी में सरकारी स्कूलों का जो प्राइमरी और कन्या पाठशाला या जुनियर हाईस्कूल हैं उनका जीर्णोद्धार कर कंप्यूटरीकरण कराया जाए तथा सभी डिस्पेंसरियों का भी जीर्णोद्धार कर उचित दवा पानी व डाक्टर की व्यवस्था कराई जाए।