सीईओ सुरेन्द्र सिंह की पहल पर 13 साल बाद आवंटी को मिली आशियाने की जमीन

ग्रेटर नोएडा। गाजियाबाद के रहने वाले सरजीत कुमार को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद सीईओ सुरेन्द्र सिंह की पहल पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपना आशियाना बनाने के लिए जमीन मिल गई है। प्लॉट की रजिस्ट्री होने से खुशी के आंसू छलक आए। सरजीत ने प्राधिकरण दफ्तर आकर सीईओ का आभार जताया।

दरअसल, सरजीत कुमार के पिता टुकी राम ने 2009 की आवासीय भूखंड योजना में आवेदन किया। उनके नाम ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर दो में 220 वर्ग मीटर का प्लॉट निकल आया। इसका भुगतान किस्तों पर करना था। सरजीत के पिता किस्तों का भुगतान करते रहते थे। 2014 में पिता को ब्रेन हैम्रेज हो गया, जिससे कुछ किस्तें रह गईं। इस दौरान टुकीराम ने सरजीत को प्लॉट के बारे में नहीं बताया था। सरजीत उस समय दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे। जब उनके पिता ठीक हुए तो उन्होंन सरजीत को इस प्लॉट के बारे में जानकारी दी। सरजीत ने प्राधिकरण से संपर्क कर बकाया रकम की जानकारी ली और 2015 में पूरा भुगतान कर दिया। प्लॉट की लीज डीड कराने के लिए लीज प्लान उपलब्ध कराने को आवेदन किया। इस बीच सेक्टर दो जमीन के कुछ हिस्से पर विवाद का मामला कोर्ट में चला गया। इस बीच सरजीत को पारिवारिक कष्ट से भी गुजरना पड़ा। 2016 में बड़े भाई की मृत्यु हो गई। 2018 में पिता का देहांत हो गया और 2019 में मां की भी मृत्यु हो गई।

सरजीत ने पिता की मृत्यु के बाद 2018 में इस प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया। इस पर प्राधिकरण की तरफ से वारिसान लाने को कहा गया। सरजीत ने एसडीएम से वारिसान बनवाकर प्राधिकरण में जमा किया। प्राधिकरण की तरफ से फिर बताया गया कि प्लॉट का लीज प्लान जारी नहीं हुआ है। रजिस्ट्री समय से न कराने के कारण 3.40 लाख रुपये का विलंब शुल्क भी जमा करना होगा। सरजीत का दावा था कि उन्होंने पूरा भुगतान कर दिया है, लेकिन इस मसले का हल नहीं निकल पा रहा था। इसके बाद सरजीत ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से मिलकर आपबीती सुनाई।

सीईओ के निर्देश पर इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेजों का मिलान किया गया। आवंटी की कोई गलती न होने कारण विलंब शुल्क माफ कर दिया गया। करीब 20 दिन पहले सरजीत के नाम प्लॉट की रजिस्ट्री हो गई। सरजीत ने सीईओ सुरेन्द्र सिंह से बृहस्पतिवार को प्राधिकरण के दफ्तर में मिलकर इस मदद के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि सीईओ की वजह से उनको ग्रेटर नोएडा में अपना घर बनाने के लिए जमीन मिल सकी है। अब उनका ग्रेटर नोएडा में रहने का सपना पूरा हो सकेगा।

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