ग्रेटर नोएडा में जल्दी ही शुरू होगी हाई-टेक इलेक्ट्रिक बस सेवा, बस में यात्री ले सकेंगे इन सुविधाओं का लाभ

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (24/06/2022): ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकरण गाजियाबाद एवं अन्य जिलों की तर्ज पर टाउनशिप में इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना बना रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि अन्य जिलों में ऐसी सेवाएं चलाने वाली कंपनी के साथ जल्द ही एक बैठक की जाएगी। बसों को नोएडा से जोड़ने की भी योजना है ताकि यह परियोजना आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि यह परियोजना निष्क्रिय अवस्था में है, ग्रेनो ने 6 जनवरी को यूपी रोडवेज के सहयोग से पांच रूटों पर सिटी बस सेवा शुरू की थी। अधिकारियों ने कहा कि वे ई-बसों के साथ सेवा को और अधिक विस्तार करेंगे।

योजना के हिस्से के रूप में, जीएनआईडीए अपने 75 बस स्टॉप को भी अपग्रेड करेगा, प्रत्येक में ई-वाहनों, फोन चार्जर और एक चार्जिंग स्टेशन होगा। पृष्ठभूमि संगीत के साथ कुछ जिलों के ऐतिहासिक तथ्यों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा नोएडा एक्सटेंशन में 25 नए बस शेल्टर बनाए जाएंगे।

प्राधिकरण और सलाहकार एजेंसी ईएंडवाई उन स्थानों की पहचान कर रही है, जहां बस शेल्टर बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि यात्री प्रत्येक स्टॉप पर डिस्पले बोर्ड पर बस के समय के बारे में रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त कर सकेंगे। प्रत्येक शेल्टर और तीन चार्जिंग स्टेशनों पर 10 स्कूटर और बाइक के लिए पार्किंग स्थल भी होंगे। शौचालय भी बनेंगे।

आगे सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि “ग्रेटर नोएडा के बस शेल्टर न केवल बसों की प्रतीक्षा करने का स्थान होंगे, बल्कि राज्य के विभिन्न जिलों के ज्ञान को भी बढ़ाएंगे। मसलन मुरादाबाद के पीतल उद्योग, कन्नौज के इत्र और फिरोजाबाद की चूड़ियों की जानकारी डिस्पले बोर्ड पर होगी। इसके अलावा, प्रमुख पर्यटन स्थलों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

इन शेल्टरों को बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर अपग्रेड किया जाएगा। प्राधिकरण का शहरी सेवा विभाग जल्द ही इस परियोजना के प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) अपलोड करेगा। आश्रयों का प्रबंधन करने वाली कंपनी को भी 15 साल के लिए विज्ञापन के अधिकार दिए जाएंगे। इससे प्राधिकरण को आय भी होगी।

GNIDA ने इस परियोजना के लिए RFP तैयार करने के लिए अपने सलाहकार निकाय, E&Y को सौंपा है। अधिकारियों ने कहा कि संगठन इसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। इसके बाद टेंडर निकाले जाएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक जीएनआईडीए इस परियोजना को एक साल में पूरा करने की योजना बना रहा है।

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