ग्रेटर नोएडा के आठ सेक्टरों के निवासियों को जल्द मिलेगी सामुदायिक केंद्र की सौगात जल्द

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के आठ सेक्टरों के निवासियों को सामुदायिक केंद्र की सौगात मिल जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने आठ सेक्टरों में दो मंजिला सामुदायिक केंद्र बनाने पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इन सामुदायिक केंद्रों का ले-आउट व एस्टीमेट तैयार कर टेंडर जारी किया जाएगा। कंपनी का चयन कर निर्माण कराया जाएगा। सीईओ ने प्रोजेक्ट विभाग को निर्माण शुरू कर जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा के गांवों व सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र बनाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है, जिन सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र नहीं हैं , वहां सामुदायिक केंद्र बनाए जाएंगे। फिलहाल आठ सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र जल्द बनाने की तैयारी है। इन सेक्टरों में जमीन चिंहित कर ली गई है। ये सेक्टर जीटा वन, डेल्टा वन, फाई-चाई एक्सटेंशन, सेक्टर दो, सेक्टर तीन, ओमीक्रॉन वन, ज्यू वन व ज्यू थ्री हैं। सीईओ ने इन सेक्टरोें में सामुदायिक केंद्र बनाने पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इन सामुदायिक केंद्रों के ले-आउट को अतिम रूप दिया जा रहा है। ये सामुदायिक केंद्र दो मंजिला बनाने की योजना है। ग्राउंड तल पर लॉबी, पार्टी हॉल, किचन स्पेश, स्टोर, एक रूम और लेडीज व जेंट्स ट्वॉयलेट बनाए जाएंगे, जबकि प्रथम तल पर लॉबी, लाइब्रेरी, इंडोर स्पोर्ट्स एक्टिीविटी और लेडीज व जेंट्स ट्वॉयलेट की सुविधा रखे जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा हर सामुदायिक केंद्र में लगभग 50 वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था करने का प्रस्ताव है। ले-आउट फाइनल होने के बाद परियोजना विभाग इसका एस्टीमेट तैयार करेगा, जिस पर मंजूरी लेकर टेंडर जारी किए जाएंगे। कॉन्ट्रैक्टर का चयन होने के बाद निर्माण शुरू होने से लेकर पूरा होने तक एक साल का समय लगने के आसार हैं। एक सामुदायिक केंद्र बनाने में करीब 1.5 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने प्राधिकरण के नियोजन विभाग को अन्य सेक्टरों व गावों में भी सामुदायिक केंद्र बनाने के लिए जगह चिंहित करने के निर्देश दिए हैं। सीईओ ने इन आठ सामुदायिक केंद्रों का निर्माण शुरू शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि सेक्टरवासियों को जल्द सामुदायिक केंद्र की सुविधा दी जा सकी। उन्हें किसी आयोजन के लिए परेशान न होना पड़े।

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