संस्कार भारती द्वारा भव्य काव्य महोत्सव आयोजित की गई, कई महनीय साहित्यकार रहें मौजूद

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा ( 29/05/2022): संस्कार भारती गौतम बुद्धनगर द्वारा आज ग्रेटर नोएडा के आईआईएमटी कालेज में भव्य काव्य महोत्सव कार्यक्रम आयोजित की गई।

काव्य महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में मदनलाल कांत (अध्यक्ष) वरिष्ठ साहित्यकार राष्ट्रीय कवि, प्रमोद मिश्र निर्मल, शैलेन्द्र बहादुर सिंह जिला समाज कल्याण अधिकारी गौ.बु.नगर और अनिल भाटी अध्यक्ष अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक एसोसिएशन उपस्थित रहे।

काव्य महोत्सव का संचालन कवि सतीश दीक्षित ने एक अनोखे अंदाज में किया। साथ ही संयोजक अटल मुरादाबादी रहे। काव्य महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वन्दना के साथ हुआ, साथ ही गणेश वंदना की गई।

संस्कार भारती विभाग संयोजक जे पी रावत में संस्कार भारती की परम्परा को कायम रखते हुए काव्य महोत्सव कार्यक्रम में ध्येय गीत ( साधयति संस्कार भारती, भारते नवजीनम् ) को अपनी मधुर आवाज में गाया।

जिला समाज कल्याण अधिकारी गौ.बु.नगर शैलेन्द्र बहादुर सिंह ने काव्य महोत्सव में तहजीब की किताबें बाजारों में नहीं मिलती, दो-चार किताबें पढ़ी जा रही है घरों में कविता सुनाकर समाज को संस्कार का महत्व समझाया।

आगे अधिकारी शैलेन्द्र बहादुर सिंह ने संस्कार, परम्पराओं और संस्कृति को संजोकर रखने की बात पर जोर देते हुए कहा कि आज हमारे देश के लोग अपनी संस्कृति को भुलाते जा रहे है। और विदेश के दिखावे के जाल में फंसते जा रहे है। क्योंकि हम अपने देश के इतिहास के बारे पूर्ण ज्ञान नहीं है, इसलिए हम सोचते हैं कि भारत में कुछ नहीं है विदेशों में सब कुछ है। पर हमारी ये सोच गलत है। क्योंकि विदेश में जो खोजें हुई है वह हमारे भारत में अन्तों काल से वेदों और पुराणों में वर्णित है।

वरिष्ठ साहित्यकार राष्ट्रीय कवि मदनलाल क्रान्त ने काव्य महोत्सव में सरस्वती वन्दना को हिन्दी और उर्दू में गाकर सभी कवियों और श्रोताओं का मनमोहा। और देश के वीर जवानों पर हिंदी व अंग्रेजी में कविता गाकर सभी के मन में देश प्रेम की भावना जागृत की। साथ ही उन्होंने तुलसी और आज वातावरण के अनुरूप खूब कविताएं सुनाई।

संस्कार भारती जिला मंत्री सत्यम मोहन ने देश की राजनीति पर तंज कसते हुए ( सब बिकता है कलयुग के इस काले बाजार में ) कविताएं पर सुनाई।

संस्कार भारती जिला मंत्री व कवयित्री सपना सक्सेना ने ( इससे ज्यादा क्या है जिदंगी ओर ) और ( हथली पर लिखा नाम मिटाकर के चल दिए) ग़ज़लें सुनाई।

कवयित्री कविता राणा ने तेरे हाथ में दे दी और उम्र भर जो गाया जाए प्रेम वो राग सुनाया‌‌। वहीं कवयित्री मिनाक्षी दिनेश ने गणित पर आधारित कविता गुणा हो शुन्य से दुख का खुशी हर भाग में आए और गीत प्यार तुन्हें भी है प्यार हमें भी है।

साहित्य विधा संयोजक अंजलि सिसोदिया ने मां शारदे ( वंदना हंस वाहिनी की ) की वंदना गाकर मनमोहा लिया।

साथ ही काव्य महोत्सव में सतीश दीक्षित, विकास सक्सेना, देवेन्द्र देव, के डी बिदास, डॉ मुकेश दक्ष, पंकज राणा, गोपाल गुप्ता, विनय विक्रम सिंह, के सी श्रीवास्ता आदि कवियों ने अपनी कविताओं से सभी का मन मोह लिया और तालियो़ की आवाज से पूरा माहौल गूंज उठा।

काव्य महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कवियों के साथ समाज के कई महनीय एवं सुधीर श्रोता मौजूद रहे।।

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