यूरोपीय देशों के तर्ज पर विकसित होगी यमुना सिटी, मास्टर प्लान 2041 के अनुसार ये होंगी खास बातें

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (21 अप्रैल 2022): यमुना प्राधिकरण के सीईओ के समक्ष मंगलवार को मास्टर प्लान 2041 बना रही कम्पनी ने अंतिम खाका पेश किया।

बता दें कि 2041 तक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की कुल आबादी 39 लाख हो जाएगी और इसमें 8 लाख घरों की आवश्यकता होगी। वहीं जनसंख्या के अनुसार लगभग 12 हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरतव्य वसायिक इस्तेमाल के लिए होगी।

कार्यस्थल के समीप ही होगी आवास की व्यवस्था

अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक आजकल लोग अपने कार्यस्थल के समीप ही आवास व अन्य सुविधा चाहते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए मास्टरप्लान में कार्यस्थल के समीप ही आवास मुहैया कराने की बात भी की गई है, साथ ही आवास के पास में खेलकूद के लिए पार्क आदि की भी व्यवस्था की जाएगी।

बता दें कि नए मास्टरप्लान में लॉजिस्टिक सिटी, फन सिटी, स्पोर्ट्स सिटी का भी प्रस्ताव दिया गया है।

मास्टरप्लान में एक और खास बात यह है कि इसके अंतर्गत कोई भी श्रमिक झुग्गी झोपड़ी डालकर नहीं रह पायेगा, उसके रहने की व्यवस्था संस्था द्वारा की जाएगी। इससे शहर में झुग्गी झोपड़ी को बढ़ावा नहीं मिलेगा और श्रमिकों को भी अच्छे घर में रहने का अवसर मिलेगा।

कूड़ा प्रबंधन का विशेष व्यवस्था

नए मास्टरप्लान में सभी सेक्टरों से निकले पानी को शोधित कर दुबारा प्रयोग में लाने की बात की गई है, तो वहीं कचरा प्रबंधन के लिए भी व्यापक व्यवस्था की जाएगी। नए मास्टर प्लान में सर्विस कॉरिडोर की बात की गई है जिससे शहर काफी सुंदर बनेगा, इसमें रेहड़ी, मोची, धोबी, नाई, सब्जी विक्रेता आदि लोगों को स्थान दिया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए सर्विस अपार्टमेंट संग डोरमेट्री बनाने की भी बात की गई है।

यूरोपीय देशों के तर्ज पर शहर को किया जाएगा विकसित

नोएडा एयरपोर्ट के पास एरोपोलिस सिटी को विकसित करने की भी बात की गई है, इस रिपोर्ट में ओलंपिक पार्क, ओलंपिक विलेज, गोल्फ कोर्स, सेंट्रल बिजनेस, वेयर हाउस आदि के लिए भी जगह चिन्हित की गयी है।

मास्टर प्लान में इंडस्ट्रियल लैंड करीब 20 फीसदी, मिश्रित भूमि उपयोग करीब 15 फीसदी, आवासीय 12 फीसदी, व्यवसायिक में 8 फीसदी, ग्रीन बेल्ट में 35 फीसदी, सड़क आदि में 10 फीसदी जमीन का उपयोग किया जाएगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद अब यमुना में हरियाली को लगभग दोगुना कर दिया गया है।

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