होली के दिन भी छाया रहा ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जलवा, थियेटर से रोते हुए निकले दर्शक

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (19 मार्च 2022): कश्मीर से 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन को केंद्र में रखकर,विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ द कश्मीर फाइल्स’ का जलवा होली के दिन भी थियेटरों में देखने को मिला।आपको बता दें कि इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में अभिनेता अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार एवं अभिनेत्री पल्लवी जोशी हैं।

फ़िल्म की पटकथा 1990 में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार एवं उनके पलायन को केंद्र में रखकर लिखी गई है, फ़िल्म पिछले 1सप्ताह से खासा चर्चा में हैं तो वहीं फ़िल्म काफी विवादों में भी रहा।

फ़िल्म को लेकर दर्शकों में भी दो गुट बन गया है, एक गुट है जिसका मानना है कि कश्मीरी पंडितों के पलायन की यह सच्चाई यँहा के लोगों से छुपाई गई थी जो इस फ़िल्म के जरिए लोगों के सामने आ रही है। तो वहीं दूसरे धरा का मानना है कि फिल्म में काफी अतिश्योक्ति का प्रदर्शन किया गया है।बहरहाल इस बात से कोई मना नहीं कर सकता कि आजाद हिंदुस्तान में कश्मीरी पंडितों का पलायन और उनपर हुए अत्याचार सबसे दुःखद और दिल दहला देने वाली त्रासदी है, जँहा रातोरात करीब 1लाख लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा।

होली के दिन भी दर्शकों पर इस फ़िल्म का खासा प्रभाव दिखा हमारी सहयोगी मेघा सिंह राजपूत ने जब ओमेक्स कन्नाट प्लेस मॉल के थिएटर से फ़िल्म देखकर निकल रहे लोगों से बात करने का प्रयास किया तो दर्शकों के आंखों में आँसू दिखा और वो काफी भावुक थे।

हमारी सहयोगी मेघा ने जब एक बुजुर्ग व्यक्ति से पूछा कि आपकी आंखों में आँसू है?

तो उन्होंने कहा कि आजाद हिन्दूस्तान में अब हिंदुओ एवं हिंदुस्तानियों के साथ अब इससे बुरा क्या हो सकता है, आजतक हमसे इतिहास का यह पन्ना हमसे छिपाया गया ,जो आज इस फ़िल्म के जरिए हमारे सामने आई है।साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि आज भाजपा है इसीलिए हमलोग सुरक्षित हैं यदि कांग्रेस होती दिल्ली में भी हिंदुओं का कश्मीर वाला हाल हो गया होता।

थियेटर से फ़िल्म देखकर निकल रही एक महिला से जब हमारी सहयोगी ने पूछा कि क्या आप इस फ़िल्म स पहले कश्मीर की कहानी जानते थे?
तो जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमने अपनी दादी नानी से काफी किस्से सुने हैं 1947 में बंटवारे के समय भी हालत कुछ ऐसे ही थे लेकिन 1990 की यह कहानी हमें नही मालूम थी जो इस फ़िल्म के माध्यम से हमें पता चली साथ ही उन्होंने कहा कि सभी हिंदुस्तानियों को यह फ़िल्म देखनी चाहिए।

वहीं एक युवा मित्र ने हमसे बात करते हुए कहा कि बिना इतिहास को जाने हुए हम अपना भविष्य निर्माण नही कर सकते हैं।

बहरहाल जो भी हो लेकिन इस बात में कोई किंतु परन्तु नहीं है कि फ़िल्म ने अपनी पटकथा और अपने प्रदर्शन से दर्शकों के हृदय में और आलोचकों के चर्चा में मुक्कमल स्थान बनाने में कामयाबी हासिल की है।।

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