परिचर्चा: कोविड की चुनौतियां और समाधान | डॉक्टर (ब्रिगे.) राकेश गुप्ता, निदेशक‌‌, जीआईएमएस के साथ.

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा / ग्रेटर नोएडा (08/01/2022): गौतम बुद्ध नगर में लगातार कोविड के केसेस बढ़ते जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए टेन न्यूज द्वारा गौतम बुद्ध नगर में कोविड की स्थिति , चुनौतियों और समाधान विषय पर डाॅ (ब्रिगे.) राकेश गुप्ता , निदेशक‌‌ , जीआईएमएस , ग्रेटर नोएडा के साथ मिलकर एक कोविड परिचर्चा का आयोजन किया। इस परिचर्चा में डाॅ राकेश गुप्ता ने टेन न्यूज नेटवर्क के माध्यम से सभी गौतम बुद्ध नगर लोगों को कोविड स्थिति , चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी। और इस परिचर्चा का संचालन डॉ (प्रोफेसर) सिद्धार्थ गुप्ता, सलाहकार संपादक , टेन न्यूज नेटवर्क व सलाहकार, एंटी कोरोना टास्क फोर्स ने किया।

 

डाॅ सिद्धार्थ गुप्ता ने डाॅ ब्रिगेड राकेश गुप्ता से कुछ प्रश्न पूछे , जो इस प्रकार है:-

1. देश अभी कोरोना और ओमीक्रोन के भयावह स्थिति से गुजर रहा है। इस बीच गौतम बुध नगर की क्या स्थिति है?

डॉ. राकेश गुप्ता निदेशक, जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा : जैसा कि डॉक्टर सिद्धार्थ ने बताया कि तीसरी वेव भारत में आ गयी है और एक हफ्ते का डाटा दिखाता है कि दूसरी वेव से कहीं ज्यादा हैं। हम सभी को इस वेव से अपने आप को बचाकर सुरक्षित रखना है और ये वायरस भी पहले जैसा ही है , बस इसका फैलने का तरीका थोड़ा अलग है। पहले डेल्टा वायरस था और अब ये ओमिक्रोन वायरस है। और ओमिक्रोन वायरस डेल्टा वायरस से पांच गुना ज्यादा व तेजी से फैलता है। इसका संक्रमण रेट पहले से पांच गुना ज्यादा है पर हाॅस्पिटलाईजेन पहले से कम है।

एक हफ्ते पहले लगभग 10,000 कोरोना के मामले थे जो अब 110000 हो गया है। पर हमें इसमें इतनी ऑक्सीजन और हॉस्पिटल की जरूरत नहीं पड़ी है लेकिन फिर भी हमें सावधानी बरतने की जरूरत है।

ओमिक्रोन वायरस से बचने के उपाय है पहले सरकार के तीन उपाय जो कोविड पालन निर्देश गाइडलाईन है।
* सभी सोशल डिस्टिगिग बना कर रखें ।
*सभी मास्क पहनकर रखें।
* हाथों को समय-समय पर धोते रहें।

और सबसे जरूरी की हम सभी को वैक्सीन जरूर लगवानी है , अगर अभी किसी को वैक्सीन नहीं लगी तो वह तुरंत वैक्सीन लगवा लें। किसी को एक डोज लगी है , वह दूसरी डोज लगवा लें। क्योंकि अभी तक जितने भी लोगों में इस वायरस का संक्रमण हुआ है , वह बहुत कम ही संक्रमित हुए हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है । पर फिर भी हमें लापरवाही नहीं बरतनी है सभी कोविड निर्देशों का पालन करके इससे बच सकते हैं।

और इसके अलावा हमने देखा है कि उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर में आज की तारीख में सबसे ज्यादा केसें है , पर उससे हमें धबराना बिल्कुल नहीं है। उसमे आप को बचाव के लिए सरकार द्वारा दी गई कोविड गाइडलाइंस का पालन करना है।
*घर से तभी निकल लिए , जब बहुत ज्यादा जरूरी हो।
*जितना हो सकता है घर से काम करें।
*अगर बाहर जाते हैं , तो सोशल डिस्टिगिंग का पालन करें , मास्क पहने और हाथों को समय-समय पर धुले।

यदि आप में कोई भी लक्षण है , तो सबसे पहले खुद आइसोलेट कर लिजिए। उसके बाद अपने नजदीकी स्थान पर टेस्ट करवाएं ।

आजकल सरकार की तरफ से ई-संजीवनी है। जिस पर आप डॉक्टर से वीडियो के जरिए फेस टू फेस कंसलटेंट कर सकते हैं। यह सुविधा सरकार की तरफ से मुफ्त है। आप इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाइए।

2.सबसे बड़ी चुनौती जिसे हम कोविड के दूसरे वेव में बेड की कमी देखने को मिली थी। तो अब ओमीक्रोन को देखते हुए ऐसी कौन-सी तैयारी की गई है जिससे कि तीसरी वेव से बचा जा सके?

डाॅ राकेश गुप्ता ने कहा कि दूसरी वेव के मुकाबले हम 3 से 5 गुना ज्यादा तैयार हैं। जैसे-जैसे वायरस तेजी से बढ़ रहा है वैसे-वैसे पूरी तैयारी की गई है सरकार की तरफ से। हमारे पास 200 बेड की तैयारी थी जिसे बढ़ाकर 500 बेड कर दी हैं। नोएडा में नोएडा कोविड हॉस्पिटल है उसमें 4 सौ बेड हैं। तो करीब 1000 – 1200 बेड सरकार की है और 6000 से 8000 बेड प्राइवेट सेक्टर में है। तो बेड की कोई कमी नहीं है, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आप का इलाज घर पर ही विडियो काल के द्वारा अब डाक्टर कर सकते हैं।

आई ट्रिपल सी(ICCC) नोएडा का कंट्रोल रूम है जिस पर आपको जिस पर आपको कॉल करने पर बेड मिल जाएगा। गौतम बुद्ध नगर में 10 ऑक्सीजन प्लांट ऐसे लगे हैं जिसमें कि 24 घंटे ऑक्सीजन उत्पन्न होती है। और हमारे खुद के पास 4 आक्सीजन प्लांट है और नोएडा कोविड हास्पिटल 3 आक्सीजन प्लांट है।
और सरकार की गाइडलाइंस है कि अगर कोई भी अस्पताल 50 बेड से ऊपर का हैं तो इसमें आक्सीजन प्लांट होना जरूरी है। तो बार इस गौतम बुद्ध नगर में पहले के जैसे आक्सीजन की दिक्कत नहीं होगी।

और सबसे जरूरी यदि आपको डायबिटीज है, ब्लड प्रेशर है तो आप उसे डॉक्टर से संपर्क करके उसे कंट्रोल में रखें। जिससे कि आप कोविड भी से भी बच सकते हैं।

3. ऐसे कौन से लक्षण हैं ओमीक्रोन में जिसे हम कोविड-1 और कोविड-2 से अलग कर सकते हैं?

डाॅ राकेश गुप्ता ने कहा कि मुख्य लक्षण कफ, फीवर कमजोरी, शरीर में थकावट हो सकता है। इसके साथ-साथ मरीज को उल्टी , लूज मोशन और शरीर में दर्द भी हो सकता है।

पहली वेव में जो सुंघने की शक्ति कम हो जाती थी वह इस वायरस में नहीं होगी।

अगर घर में एक से ज्यादा व्यक्तियों में ये लक्षण है तो जरूर टेस्ट करवाएं।

4. GIMS के डॉक्टर और कर्मचारी किस तरह के एहतियात ले रहे हैं जिससे कि सुचारू रूप से ओपीडी और आयपीडी चल सके?

इस पर डाॅ राकेश गुप्ता ने कहा कि 100% टीकाकरण सब ने करवाया हुआ है। और दूसरी वेव के बाद से हमारे जो डाक्टर वैक्सीन लगवाने से रह गए थे , उनको सभी को वैक्सीन लगवा दी गई है। और हमने पहली और दूसरी वेव में अपना कोई भी GIMS का साथी नहीं खोया है । और यह बहुत संतुष्टि की बात हैऔर उसके बाद में सरकार की तिसरी डोज है जो 10 जनवरी से शुरू होगा उसे लेना जरूरी है। साथ में हम लोग हॉस्पिटल में रहते हैं इसलिए एन-95 मास्क सबके लिए जरूरी कर दिया है। हम गेट पर स्क्रीनिंग करते हैं। यदि कोई भी कर्मचारी संक्रमित है तो उसे हम होम आइसोलेशन रहने की सलाह देते हैं।

5. क्या हम घर पर भी शरीर का ऑक्सीजन लेवल बढ़ा सकते हैं?

डाॅ राकेश गुप्ता ने बताया कि घर में तीन चीजें होना जरूरी है ऑक्सीजन मापने के लिए पहला प्लस ऑक्सीमीटर, दूसरा ग्लूकोमीटर, तीसरी बीपी इंस्ट्रूमेंट्स और चौथा थर्मामीटर होना चाहिए। तो ऑक्सीजन सामान्य लेवल 98 और 97 रहता है और 96 के ऊपर रहता है। घर पर आक्सीजन लेवल चेक करने के लिए आप आॅक्सीमीटर को इंडेक्स फिंगर ( तर्जनी अंगुली ) में लगाकर आसानी से चेक कर सकते हैं लगभग एक मिनट तक लगाकर रखें । यदि आप आक्सीजन लेवल 94 से कम रहता है तो डॉक्टर से संपर्क करें।

6.12 साल के बच्चे को क्या परेशानियां हो सकती है, आप उसके माता-पिता को क्या सलाह देना चाहेंगे?

डाॅ राकेश गुप्ता ने सलाह देते हुए कहा कि घबराने से कुछ नहीं होगा। अभी हमारे पास 15 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन आ गई है, वो‌ आप 15 से 18 साल तक बच्चों को जरूर लगवाएं और दूसरा कि बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम अच्छा होता है इसलिए घबराने की बात नहीं है। घर में योगा करवाइए, एक्सरसाइज करवाइए, बच्चों का एक रूटीन बनाइए। सभी माता-पिता घर में बच्चों के साथ रहे। और अफवाहों पर ध्यान न दें। और घर में ही एक्साइज करें।

7.वीकेंड कर्फ्यू और कर्फ्यू की बात हो रही है। क्या आपको ऐसा लगता है कि लॉकडाउन लगेगा?

लाकडाउन के बारे में बात करते हुए डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लॉकडाउन लगेगा ।क्योंकि लॉकडाउन लगवाना या ना लगवाना लोगों के हाथ में ही हैं। अगर हम सब लोग सावधानियां बरतेगे जैसे जरूरत होने पर ही बाहर जाएं , मास्क पहने , और हाथों को समय-समय पर धुले तो मैं समझता हूं फिर लाकडाउन नहीं होगा। इसलिए सभी कोविड निर्देशों का पालन करें और लाकडाउन होने से बचाएं। क्योंकि लाकडाउन होने से आर्थिक नुकसान बहुत होता है। पहले लाकडाउन इस लिए भी लगाना पड़ा कि पहले हमारे पास कोरोना का कोई संभव इलाज नहीं था। परन्तु अब हमारे पास वैक्सीन है, बचने के उपाय है , और इलाज भी है।

तो लाकडाउन से लोगों को काफी परेशानियां होती है। यदि हम सब मिलकर इस समस्या से मिलकर लड़ेंगे कोविड निर्देशों का पालन करें तो लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वीकेंड कर्फ्यू और नाईट कर्फ्यू से मुझे लगता है कि कम हो जाएगा इसलिए लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है।

और जितनी तेजी से यह बढ़ रहा है उतनी ही तेजी से यह कम ही होगा। इसलिए अगले एक महीने तक हमें सोचना है कि इस वायरस को नहीं होने देना है। इसलिए घबराना नहीं है एक पाज़िटिव सोच के साथ इस वायरस पर विजय प्राप्त करनी है।

8.बूस्टर डोज को लेकर जो घोषणा हुईं है उस पर आपकी क्या राय है?

बूस्टर डोज के बारे में जानकारी देते हुए डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि सरकार की गाइडलाइंस है कि सबसे पहले तो वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज सभी को लगवानी चाहिए। और जो लोग वैक्सीन लगवाने से रह गए हैं सबसे पहले वह अपनी दोनों वैक्सीन की डोज लगवा लें।

फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर इससे सीधे प्रभावित होते हैं। इसलिए इन्हें बूस्टर डोज लेन की जरूरत है। सरकार जब फैसला लेती है तो वह पूरा फायदे और नुकसान को देखते हैं। इसलिए हमें सरकार की गाइडलाइंस को मानना चाहिए भी नहीं करना चाहिए। हो सकता है बूस्टर डोज की सभी को जरूरत ना पड़े। और हम लोग भी बीच-बीच में गाइडलाइंस और सलाह देते रहेंगे। आप उसको पालन करें। पिछले साल की तुलना में अब हमारे पास इसे लेकर ज्यादा जानकारी है। पहले गौतम बुद्ध नगर में ज्यादा केस थे और मृत्यु दर सबसे कम थी। यदि हम सब मिलकर इससे लड़ेंगे तो हमें इस पर विजय प्राप्त होगी। हम चाहते हैं कि नोएडा स्वस्थ रहें और कोविड से बचकर रहें।

 

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