ग्रेटर नोएडा के दिहाड़ी मजदूरों के लिए काम के द्वार खोलेगा ऐप, प्राधिकरण व आधारशिला संस्था ने शुरू की कवायद

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के डेल्टा वन व टू के गोलचक्कर पर रोज सुबह बड़ी तादात में दिहाड़ी मजदूर काम की तलाश में आते हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और निजी संस्था आधारशिला ने मिलकर उनको काम दिलाने में सहयोग करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। दोनों मिलकर ऐप बनाने पर सहमत हुए हैं, जिसके जरिए दिहाड़ी मजदूर आसानी से काम प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही ग्रेटर नोएडा के निवासी अपने घर-दफ्तर पर किसी काम के लिए इसी ऐप से दिहाड़ी मजदूर प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, प्राधिकरण भी अपने ऐप मित्रा पर दिहाड़ी मजदूरों के पंजीकरण की सुविधा देना चाह रहा है।

आधारशिला संस्था के प्रतिनिधियों ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण, एसीईओ दीप चंद्र व अमनदीप डुली के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें प्राधिकरण के ओएसडी सचिन सिंह, जीएम नियोजन मीना भार्गव, जीएम प्रोजेक्ट एके अरोड़ा, डीजीएम सीके त्रिपाठी, केआर वर्मा व सलिल यादव आदि भी शामिल रहे। ग्रेटर नोएडा में दो लेबर चौक डेल्टा वन व टू के गोलचक्कर और नटों की मढ़ैया के पास हैं। यहां बड़ी तादात में दिहाड़ी मजदूर रोजाना काम की तलाश में आते हैं। संस्था इन दिहाड़ी मजदूरों का डाटा तैयार करना चाह रही है, जिसमें नाम, उम्र, निवास, आधार नंबर, कुशल या अकुशल आदि ब्योरा होगा। एक ऐपतैयार कर यह ब्योरा अपलोड कर दिया जाएगा। दिहाड़ी मजदूरों के कार्यकुशलता के आधार पर रेटिंग भी कर दी जाएगी। उनका रेट भी तय कर दिया जाएगा। जिनको दिहाड़ी मजदूर चाहिए वे इसी ऐप से प्राप्त कर सकेंगे। दिहाड़ी मजदूरों के साथ ही काम कराने वालों को भी ऐप एप पर अपना पंजीकरण करना होगा। प्राधिकरण के सीईओ ने इस पहल पर सैद्धांतिक सहमति जता दी है। अब संस्था इसका विस्तृत प्रारूप तैयार करेगी। बैठक में दोनों लेबर चौक पर ट्वॉयलेट, चाय-पानी के लिए क्योस्क आदि सुविधाएं देने पर भी बात हुई। वहीं, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अंतर्गत स्थानीय युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सीएसआर के जरिए ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर भी चर्चा हुई।

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