ग्रेटर नोएडा। शहरी जीवन के भागदौड़ में शुकून के दो पल मिलना बहुत खास मायने रखता है। लोग इसके लिए तमाम कोशिश अपनाते हैं। जापान में लोग मानसिक शुकून के लिए प्रकृति के करीब जाकर सारी चिंताओं को छोड़ते हुए वर्तमान में जीने की कोशिश करते हैं। इसीलिए वहां चैरी ब्लॉसम पुष्प के खिलने पर फेस्टिवल भी मनाया जाता है। यह पुष्प साल में 10 दिन के लिए खिलता है। लोग वहां बैठकर खाना खाते हैं। पिकनिक की तरह मनाते हैं। चंडीगढ़ में भी ग्रीन बेल्ट इसी तरह बनाए गए हैं। अब ग्रेटर नोएडा के ग्रीन बेल्ट को भी इसी तर्ज पर विकसित करने की तैयारी है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जल्द ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ग्रीन बेल्ट में अमलतास, गुलमोहर, कचनार व कुरैसिया के पौधे लगाएगा। ये पौधे पांच साल में बड़े हो जाएंगे। लोग इन ग्रीन बेल्ट में अमलताश के पीले, कुरैसिया व गुलमोहर के लाल और कचनार के गुलाबी फूलों की खुशबू के साथ ही शुकून के दो पल बिता सकेंगे। इसके लिए कुछ ग्रीन बेल्ट को चिंहित भी कर लिया गया है । प्राधिकरण ने करीब सात किलोमीटर की लंबाई में 4.71 लाख वर्ग मीटर ग्रीन बेल्ट को विकसित करने की योजना बनाई है। आगामी दिसंबर से इसकी शुरुआत हो जाएगी। ग्रेटर नोएडा के टेकजोन-4, टेकजोन-7, सेक्टर 16सी, सेक्टर 01, 12 व 16 में 10 मीटर, 20 मीटर, 30 मीटर, 75 मीटर व 100 मीटर ग्रीन बेल्ट को विकसित किया जाएगा। कॉन्ट्रैक्टर को इसे विकसित करने के साथ ही तीन साल तक रखरखाव भी करना होगा। इनमें पाथवे और हट भी बनेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर उद्यान विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही इसका एस्टीमेट तैयार कर टेंडर निकाला जाएगा। इस साल के अंत तक इसकी शुरुआत हो जाएगी। भविष्य में बनने वाली सभी ग्रीन बेल्ट को इसी तरह विकसित करने की योजना है। सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि इन ग्रीन बेल्ट को पर्यटन को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा। लोग शहर की भागदौड़ से दूर यहां आकर बेंच पर बैठकर शुकून के दो पल बिता सकेंगे। सुबह-शाम की सैर कर सकेंगे। चंडीगढ़ में कई जगह ग्रीन बेल्ट को इसी तरह विकसित किया गया है। लोग इन ग्रीन बेल्ट को देखने के लिए आते हैं।
पार्कों में भी एक जैसे ही पौधे लगेंगे
ग्रीन बेल्ट ही नहीं, बल्कि ग्रेटर नोएडा के पार्कों में भी इसी तरह की हरियाली देखने को मिलेगी। अब जितने भी पार्क विकसित होंगे, उनमें किनारे-किनारे एक ही प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को छांव भी मिले और देखने में भी खूबसूरत लगेंगे। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसके लिए भी उद्यान विभाग को अनुमति दे दी है। वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा में करीब 500 पार्क व ग्रीन बेल्ट बने हैं। ये विकसित हो चुके हैं, फिर भी जिन पार्कों में खाली जगह मिलेगी, उन्हें प्राधिकरण विकसित करने की कोशिश करेगा।