कोरोना महामारी के चलते सम्पूर्ण लॉकडाउन में नोएडा मेट्रो की फीडर बसों का परिचालन ठप सा हो गया था। अनलॉक के साथ साथ बसों का परिचालन शुरू ही हो रहा था कि दिसंबर 2020 में नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बोर्ड बैठक ने सभी रूटों पर बसों का परिचालन बंद करने का निर्णय ले लिया। अब जब सब कुछ नार्मल होता जा रहा, धीरे धीरे ऑफिस और अन्य व्यावसायिक संस्थान खुल रहे, दिल्ली मेट्रो के साथ साथ नोएडा मेट्रो का परिचालन भी शुरू हो गया है, ऐसे में दैनिक मेट्रो यात्रियों को मेट्रो फीडर बसों का ना चलना बहुत खल रहा। भीषण सर्दी में लोग अपने निजी दुपहिया एवँ चारपहिया वाहनों से मेट्रो स्टेशन जाने को मजबूर हैं। जिनके पास अपने वाहन नहीं है उनके लिए ऑटो के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं है जिसे अधिकांश निवासी फीडर बस की अपेक्षा बहुत ही कम सुरक्षित मानते हैं।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि ग्रेनो वेस्ट के सभी सोसाइटी के निवासियों की ओर से इस मुद्दे को ट्विटर के माध्यम से उठाया गया है। ट्विटर के माध्यम से नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और नोएडा मेट्रो की मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमती ऋतू महेश्वरी जी से फीडर बसों का परिचालन तत्काल प्रभाव से पुनः शुरू करने का आग्रह किया है। ट्विटर पर विभिन्न सोसाइटी के निवासियों ने फीडर बसों के परिचालन ना होने के कारण हो रहे दिक्कतों का दुखड़ा रोया है और सभी ने फीडर बसों की सेवा पुनः बहाल करने की माँग की है।
गौर सिटी निवासी प्रीत भार्गव का कहना है कि जब सभी तरह की बस सेवा की शुरुआत हो गयी है फिर मेट्रो फीडर बसें चलाने में क्या दिक्कत है। गौर सिटी निवासी अचल का कहना है कि यातायात सुगम करने की दिशा में फीडर बसें बहुत सहायक है, बस सेवा फिर से बहाल करें। इकोविलेज-1 निवासी रंजना भरद्वाज कहती है कि अब कोरोना महामारी ख़त्म होने को है और सब कुछ खुलने की नई गाइडलाइन भी आने वाली है, ऐसे में बसों का परिचालन शुरू करना चाहिए। विजय कुमार कहते हैं कि एक तरफ नोएडा मेट्रो ग्रेटर नोएडा वेस्ट के तरफ मेट्रो विस्तार की परियोजना शुरू करने में देर कर रही वहीँ दूसरी ओर जो भी सहूलियत हैं वो भी बंद कर दी। निराला एस्पायर निवासी सुशील गुप्ता कहते हैं कि अब इसपर कुछ ज्यादा बिलम्ब नही किया जाय, आने जाने में बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अरिहंत अम्बर निवासी अमित गुप्ता कहते हैं उनके सोसाइटी में 350 फॅमिली रह रहे हैं, फीडर बस सेवा को अरिहंत अंबर से शुरू किया जाए ताकि इस सेवा का लाभ इन 350 परिवारों को भी मिल सके।