गलगोटियाज विश्वविद्यालय के द्वारा ऑनलाइन वेबिनार साप्ताहिक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन

गलगोटियाज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर और बेसिक एण्ड एप्लाइड साइंसेज के साथ संयुक्त रूप से कोविड -19 पर एक ऑनलाइन वेबिनार साप्ताहिक व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई। वेबिनार में प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता पर विशेष रूप से चर्चा की गई।

कार्यक्रम के मुख्य व्याख्यान वक्ता के रूप में वानिकी विभाग, डॉल्फिन (पी0 जी0) इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंसेज, देहरादून के प्रमुख, और वनस्पति विज्ञान प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक प्रो0 सास विश्वास उपस्थित रहे। प्रो0 बिस्वास ने कोविड-19 की उत्पत्ति और मनुष्यों एवमं वन्यजीवों पर इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ईबोला, सारस, मेर्स और ज़ीका जैसे वायरस-आधारित रोगों पर भी चर्चा की। प्रो0 बिस्वास ने लॉकडाउन के बाद के ओजोन रिक्तीकरण और सुधार के कुछ मामले अध्ययन प्रस्तुत किए।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में गंगा डॉल्फिन की उपस्थिति के साथ जल निकाय की गुणवत्ता में सुधार लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। रिमोट सेंसिंग के माध्यम से सैटेलाइट इमेजरी ने गंगा नदी के बेसिन में अशांति की कमी को दर्शाया है।

प्रो0 बिस्वास के व्याख्यान से वेबिनार को एक बड़ी सफलता मिली, जिसमें 100 से अधिक छात्रों, संकाय सदस्यों, वरिष्ठ अध्यापकों और गोलगोटियाज विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। वेबिनार के दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ0 प्रिति बजाज, एग्रीकल्चर विभाग अध्यक्ष गणेश भट्ट और बेसिक एण्ड एप्लाइड साइंसेज विभाग के अध्यक्ष ए0,के0 जैन आदि मौजूद रहे।

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