आज दुनियां के अनेकों देश कोरोना वायरस की महामारी से ग्रस्त हैं तथा आम जन जीवन
के साथ-साथ कार्य शैली भी लगभग प्रभावित है। यह महामारी भारत में बडे स्तर पर अपने
पैर ना पसारे इसके लिए भारत सरकार ने अनेकों उपयोगी कदमों के साथ एक आदेश जारी
करते हुए सभी विश्वविद्यालयों और स्कूल, कॉलेजों के नियमित शिक्षण क्लासों को बंद
करने की सलाह दी है। जिस पर तत्काल प्रभावी रूप से गलगोटियाज विश्वविद्यालय
प्रबंधन ने अपने सभी कॉलेजों को बंद करते हुए सभी छात्रों को अवकाश दे दिया है। तथा
प्रबंधन ने सभी संकायों तथा छात्रों के साथ मिलकर पहले से ही रणनीतिक रूप से
चिकित्सीय परीक्षण किया है। विश्वविद्यालय में एक विशेष टीम ने पूरी तरह से सभी
गतिविधियों को सूचारू रूप से चलाने की योजना बनाई है। छात्रों के शिक्षण के नुकसान को
ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने एक बडी पहल की है। जिसके अतंर्गत विश्वविद्यालय
की नियमित समय सारणी में क्लासों के संचालन के लिए अपने स्वयं के ई0 आर0 पी0
सॉफ्टवेयर एक्सटेंशन बिग ब्लू बटन के साथ बडे पैमाने पर आई0 सी0 टी0 (इर्फोंमेशन एण्ड
क्मयूनिकेशन टैक्नोलॉजी) के संसाधनों का उपयोग करते हुए ऑन लाईन टूल और
एप्लिकेशन, जूम, गूगल क्लास रूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, ऐडमोडो, आदि के उपयोग से बिना
किसी लागत के सभी संकायों के द्वारा छात्रों को घर पर ही व्याख्यान दिये जा रहे है।
विश्वविद्यालय की इस पहल को सभी छात्रों और अभिभावकों ने सराहनीय कदम बताया है।
इन ऑनलाइन कक्षाओं में डैस्कटॉप, लैपटॉप, टैब, मोबाइल फोन, जैसे उपकरणों के द्वारा
फिलप क्लास, किव्ज, असाइनमैंट नोटस, पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन, ऑन लाइन व्हाइट बॉर्ड,
रिकॉर्ड विडियो और टयूटर्स लैक्चर जैसे प्रोग्रामों को सफलता पूर्वक किया गया। इस प्रक्रिया
में विश्ववद्यिलय के 21 स्कूलों के 700 शिक्षकों ने 30959 छात्रों को अब तक 883 क्लासों में
119 प्रोग्रामो का संचालन किया। छात्रों ने भी 90 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराते हुए एक
सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि
परिसर में सामान्य संचालन के व्यवधान की स्थिति में किसी भी आपदा से निपटने और
दूरस्थ रूप से सिखाने के लिए यह एक बडा कदम है। विश्वविद्यालय के सी0,ई0,ओ0 ध्रुव
गलगोटिया और वाइस चांसलर डॉ0 प्रिति बजाज ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और
सहायक कर्मचारियों की पहल और कडी मेहनत की सराहना की।