ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 115 वीं बोर्ड बैठक हुई संपन्न, यह मुद्दे रहे चर्चा का केंद्र

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में गुरुवार को 115वी बोर्ड बैठक हुई। जिसमें अपने कार्य क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए और जरूरी कई मुद्दों पर चर्चा की गई। जिनमे आम्रपाली ग्रुप से सम्बंधित और प्राधिकरण पर चल रहे 6400 करोड़ के लोन पर भी चर्चा की गई।

 

बोर्ड मीटिंग के कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। परियोजना में किसी प्रकार की शासकीय छूट प्राप्त की गई है तो आवंटी को छूट प्राप्त को संबंधित विभाग को 11 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित वापस करना होगा। साथ ही इस आशय का शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा कि उनके द्वारा संबंधित विभाग से प्राप्त छूट को वापस किया जा चुका है तो उपरोक्त की पुष्टि संबंधित विभाग जिनसे छूट प्राप्त की गई है उससे भी पुष्टि की जाएगी कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

 

यदि प्राधिकरण स्तर पर छूट प्राप्त की गई है तो उसके संबंधित विभाग से पुष्टि की जाएगी। साथ ही जन प्रकरणों में आवंटित द्वारा शत प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की छूट प्राप्त की गई है आवंटियों को उपरोक्त सुविधाएं अनुमान्य करने से पूर्व स्टांप ड्यूटी की छूट निबंधन विभाग में ब्याज सहित जमा करानी होगी। उपरोक्त सुविधा प्राप्त करने वाले आवंटियों को समय विस्तरण एवं अन्य देययको का भुगतान आईटी या आईटीआईएस में प्रचलित प्रावधानों के अनुरूप प्राधिकरण के पक्ष में जमा करने होंगे। इस हेतु की जाने वाली गणना का मूल आवंटन पट्टा पर लेख में लिखित स्थिति ही मानी जाएगी। साथ ही ग्रेटर नोएडा का प्राधिकरण द्वारा अम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट के संबंध में हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में चर्चा की गई।

 

जिसमें हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में होम बायर्स के हितों की रक्षा हेतु त्रिपक्षीय सब लीज डीड निष्पादन जलापूर्ति एवं विद्युत कनेक्शन हेतु नियम अनुसार आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु आदेशित किया गया। और बोर्ड मीटिंग में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्य की समीक्षा भी की गई जिनमें विशेषकर 6400 करोड़ के चल रहे लोन पर विशेष चिंता व्यक्त की गई क्योंकि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है ताकि निवेशकों के लिए काफी आकर्षक विकल्प के रूप में विकसित हो रहे हैं जिनके लिए प्राधिकरण को अपने क्षेत्र में विकास करने के लिए और धन की आवश्यकता होगी प्राधिकरण ने अपनी आय के स्रोतों को बढ़ाने के विकल्पों पर विचार करते हुए नई आवंटन की योजनाएं लाने पर आवश्यक कार्यवाही आरंभ कर दी जाए।

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