नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) अक्षय ऊर्जा की ओर कदम बढ़ रही है। कंपनी आठ मेगावॉट का सौर पावर प्लांट लगाने जा रही है। इसे उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग की अनुमति मिलना शेष है। जानसमाना गांव के नजदीक लगने वाले सौर पावर प्लांट के निर्माण पर कंपनी 38 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
ग्रेटर नोएडा में बिजली वितरण का अधिकार एनपीसीएल के पास है। बिजली की मांग साल दर साल बढ़ रही है। अक्षय ऊर्जा से बिजली पैदा कर मांग व आपूर्ति के संतुलन को दुरुस्त करने में कंपनी को मदद मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पावर प्लांट लगाने के लिए कंपनी को जान समाना गांव के नजदीक 28 एकड़ जमीन आवंटित की है। कंपनी इस जमीन पर सौर पावर प्लांट लगाएगी। इसे ईपीसी इंजीनिय¨रग, प्रिक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन मॉडल पर लगाया जाएगा। पहले इस प्रोजेक्ट को पीपीपी मॉडल पर लगाने की योजना थी। लेकिन जमीन पर एनपीसीएल के मालिकाना हक की वजह से पेंच फंस गया। इसलिए कंपनी ने अब प्लांट को खुद लगाने का फैसला किया है।
सौर पावर प्लांट के लिए कंपनी प्रस्ताव तैयार कर फरवरी में राज्य विद्युत नियामक आयोग को सौंप चुकी है। नियामक आयोग से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया शुरू होगी।
शहर में इमारतों पर लगे सौर पैनल से कंपनी को 14 मेगावॉट सौर पावर मिलती है। सबसे अधिक सौर पावर कासना में लगे सौर पावर प्लांट से मिलती है। इस सौर प्लांट की क्षमता एक मेगावॉट है। इसके अलावा जीबीयू में पांच सौ किलोवॉट, कांशीराम अस्पताल में पांच सौ किलोवॉट, सावित्री बाइफुले बालिका इंटर कॉलेज में साढ़े तीन सौ किलोवॉट, इंडिया एक्सपो मार्ट में 1980 किलोवॉट, डीपीएस में दो सौ किलोवॉट समेत विभिन्न संस्थानों एवं औद्योगिक इकाईयों से बिजली मिलती है। जान समाना गांव में सौर पावर प्लांट लगाने की योजना है। नियामक आयोग के पास इसका प्रस्ताव विचाराधीन है। नियामक आयोग की अनुमति मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया शुरू होगी।