ग्रेटर नोएडा – तिलपता में पिछले दो साल से शौचालय की मांग कर रहे दलित परिवारों ने बैठक कर गांधी जयंती नहीं मनाने का फैसला किया है। शौचालय नहीं होने से महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। बैठक में आरोप लगाया गया कि जिला प्रशासन ने सरकार को गुमराह करने के लिए कागजों में गांव को खुले में शौच मुक्त कर दिया है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अगल है।
आदर्श ग्राम विकास समिति की ओर से तिलपता के आंबेडकर स्मारक भवन में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें शौचालय की सुविधा से वंचित गांव के दलित परिवारों के लोग शामिल हुए। समिति के पदाधिकारी सागर खारी ने बताया कि दलित परिवारों की स्थिति को देखते हुए दो साल से समिति जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों से शौचालय बनवाने की मांग कर रही है।
जिन घरों में शौचालय नहीं है, उन घरों की महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। इस स्थिति पर पूरा गांव शर्मिंदा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने सरकार को गुमराह करने के लिए कागजों में गांव को खुले में शौच मुक्त कर दिया है। मीटिंग में शामिल लोगों ने यह निर्णय लिया है कि इस बार 2 अक्टूबर को वे गांधी जयंती न मनाकर अपना विरोध प्रकट करेंगे। उन्हें उम्मीद है कि ऐसा करने से उनकी बात सरकार और जिले के सीनियर अधिकारियों तक पहुंचेगी और गांव कागजों से निकलकर हकीकत में खुले में शौच से मुक्त हो सकेगा। इस मौके पर दयाराम हरित, संतराम हरित, नितिन जाटव, मुकेश कुमार, जितेंद्र कुमार, मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।