टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (26 नवंबर, 2024): ग्रेटर नोएडा स्थित जी.एल. बजाज इंस्टीट्यूट ने अपने 20 वर्षों के गौरवमयी सफर को भव्य आयोजन के साथ मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में सांसद जगदंबिका पाल उपस्थित रहे, जिन्होंने इस संस्थान की उपलब्धियों और योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिससे पूरे आयोजन में एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा का संचार हुआ। इस दौरान, कॉलेज की छात्राओं ने राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्य “घूमर” की शानदार प्रस्तुति दी, जिसने सभागार में रंग और उमंग भर दी।
सांसद जगदंबिका पाल का संबोधन
मुख्य अतिथि सांसद जगदंबिका पाल ने अपने संबोधन में संस्थान के भूमि पूजन के समय की यादें ताजा करते हुए संस्थान के संस्थापक डॉ. राम किशोर अग्रवाल की दूरदृष्टि और उनके नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा, “जीएल बजाज केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में एक प्रतिष्ठित और सम्मानित संस्थान बन चुका है। पंकज अग्रवाल के नेतृत्व में इस संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील के पत्थर स्थापित किए हैं।”
सांसद ने संस्थान के पूर्व और वर्तमान शिक्षकों को उनके समर्पण और उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया। साथ ही, उन्होंने छात्रों और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों की सराहना की और भविष्य के लिए उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें बधाई दी।
इस अवसर पर वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने संस्थान की यात्रा और उपलब्धियों को याद करते हुए संस्थान के शिक्षकों और कर्मचारियों के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा, “आज जीएल बजाज देश के अग्रणी संस्थानों में शामिल हो चुका है, और इसके विकास में हर एक सदस्य का योगदान अहम है।”
कार्यक्रम के समापन पर, चेयरमैन डॉ. राम किशोर अग्रवाल ने मुख्य अतिथि सांसद जगदंबिका पाल को स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया। इस समारोह के समापन पर कॉलेज के निदेशक डॉ. मानस कुमार मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा, “यह आयोजन केवल हमारे 20 वर्षों की सफलता का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे संस्थान के भविष्य के लिए एक प्रेरणा भी है।”
जीएल बजाज इंस्टीट्यूट का यह आयोजन न केवल संस्थान के 20 वर्षों की यात्रा को मनाने का अवसर था, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में इसके योगदान और सफलता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम भी था। सांसद जगदंबिका पाल की उपस्थिति और उनके द्वारा की गई सराहना ने संस्थान के प्रयासों और उसकी सफलता को और भी अधिक मान्यता प्रदान की।।