टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (21 अक्टूबर 2024): ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित IHGF Delhi Fair 2024 में देशभर से आए प्रदर्शकों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा की। इस प्रतिष्ठित आयोजन में होम डेकोर, फर्नीचर, ज्वेलरी, बैग्स और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों का भव्य प्रदर्शन किया गया। यह मेला व्यापारिक जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां प्रदर्शक अपने उत्पादों को देश-विदेश के खरीदारों के सामने प्रस्तुत करते हैं। इस बार के मेले में कई अनुभवी और नवोदित प्रदर्शकों ने अपने अनुभव साझा किए, जिनमें से कुछ की कहानियां बेहद प्रेरणादायक रही हैं।
अर्क इंडिया की अनुप्रिया
अर्क इंडिया की अनुप्रिया, जो बिहार के रक्सौल से आई हैं और ज्वेलरी व्यवसाय से जुड़ी हैं, ने अपने अनुभव को उत्साहपूर्वक साझा किया। टेन न्यूज के साथ बातचीत में अनुप्रिया ने कहा, “यह एक्सपो हमारे लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म साबित हुआ है। हमें अपने उत्पादों को एक बड़े मंच पर प्रदर्शित करने का मौका मिला, जहां देश-विदेश से आए खरीदारों ने हमारी ज्वेलरी में काफी रुचि दिखाई। खासकर EPCH (Export Promotion Council for Handicrafts) की ओर से हमें बहुत अच्छा सपोर्ट मिला। इस आयोजन में हमें रिमोट एरिया से भी अपने प्रोडक्ट्स को दिखाने का अवसर मिला, जो आमतौर पर संभव नहीं होता।”
उन्होंने यह भी कहा, “एक्सपो की व्यवस्थाएं और आयोजन बहुत ही बेहतरीन रहे हैं। हमें खरीदारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जिससे हमारा आत्मविश्वास और भी बढ़ गया है। मैं इस आयोजन को 10 में से 10 नंबर दूंगी। इस एक्सपो ने हमें वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाने में मदद की है और हमें उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे और आयोजन होते रहेंगे।”
ख्वाजा इजाब हुसैन
ख्वाजा इजाब हुसैन, जो कि एक प्रसिद्ध पशमीना शॉल निर्माता हैं और 2003 में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हो चुके हैं, ने भी अपने अनुभव साझा किए। हुसैन ने बताया कि उनकी पशमीना शॉल की कढ़ाई बेहद अनूठी होती है, जिसे तैयार करने में तीन से चार साल लग जाते हैं। “हमारी शॉल्स को भारतीय बाजार में बहुत पसंद किया जाता है, लेकिन विदेशी खरीदार हल्के और सरल डिज़ाइन वाले उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं। इस बार के फेयर में हमें विदेशी खरीदारों से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है,” उन्होंने कहा।
हुसैन ने यह भी बताया कि इस तरह के आयोजनों से न केवल स्थानीय हस्तशिल्पकारों को लाभ होता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय हस्तशिल्प की पहचान मजबूत होती है। “EPCH द्वारा आयोजित यह एक्सपो हमारे लिए बहुत फायदेमंद रहा है और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे।”
नैनी महिला जागृति संस्थान की मंजू रौतेला
उत्तराखंड के नैनीताल से आई श्रीमती मंजू रौतेला, जो नैनी महिला जागृति संस्थान का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, ने अपने अनुभव और उपलब्धियों को साझा किया। श्रीमती रौतेला का उद्देश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर लाना है। उन्होंने बताया कि उन्हें 2011 में राष्ट्रीय पुरस्कार, 2013 में उत्तराखंड राज्य से पुरस्कार और 2014 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इस आयोजन में उन्होंने पूजा की थाली, फाइल फोल्डर, पूजा का लोटा, और अन्य पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित किया।
रौतेला ने कहा, “मेरा मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की हस्तकला को मधुबनी पेंटिंग जैसी अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है। मैं पिछले कई सालों से इस दिशा में काम कर रही हूं और अब तक मैंने लगभग 3000 लोगों को इस कला में प्रशिक्षित किया है। मेरे कई छात्र राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं।”
उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “यह एक्सपो हमारे लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है, जहां हम अपनी लोक कला को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। यहां की व्यवस्थाएं बेहद उत्कृष्ट हैं, चाहे वह रहने की हो, खाने-पीने की हो या आने-जाने की। ऐसे आयोजनों से हमें अपने प्रयासों को और बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है। मैं EPCH को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हमें इस बड़े मंच का हिस्सा बनने का अवसर दिया।”
वैरायटी आर्ट्स इंपोरियम के नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह, जो वैरायटी आर्ट्स इंपोरियम के मालिक हैं और दिल्ली के सुंदर नगर मार्केट में उनका ऑफिस स्थित है, ने भी अपने अनुभव साझा किए। उनकी कंपनी राजस्थान के जोधपुर से दुर्लभ और विशेष हस्तशिल्प उत्पाद मंगवाती है, जिन्हें वह इस फेयर में प्रदर्शित कर रहे थे। नरेंद्र सिंह ने बताया कि वह पिछले 25 सालों से इस उद्योग में हैं और हर बार की तरह इस बार भी उन्हें बहुत अच्छे खरीदार मिले हैं।
उन्होंने कहा, “इस बार का फेयर हमारे लिए बहुत अच्छा रहा है। हमें बहुत अच्छे खरीदार मिले हैं, जो हमारे दुर्लभ और अनूठे उत्पादों में रुचि रखते हैं। हमारे उत्पाद जोधपुर, सम्भल और मुरादाबाद से मंगवाए जाते हैं और इनकी मांग देश-विदेश में बहुत अधिक है। एक्सपो मार्ट की व्यवस्थाएं और आयोजन हर साल और बेहतर होते जा रहे हैं। यह हमारे भारतीय हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभा रहा है।”
नरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय हस्तशिल्प उद्योग में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन इस तरह के आयोजन बाजार को स्थिरता प्रदान करते हैं और व्यवसायियों को नए अवसरों से जोड़ते हैं।
उल्लेखनीय है कि IHGF Delhi Fair 2024 ने एक बार फिर साबित किया कि यह मेला हस्तशिल्प और हस्तकला उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक मंच है। प्रदर्शकों ने इस आयोजन को बेहद फायदेमंद बताया और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे। इस तरह के मेलों से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलता है, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान भी मिलती है।।
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