टेन न्यूज़ नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (20 सितंबर 2024): इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA), उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक संगठन, लंबे समय से लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग कर रहा है। इस क्रम में आज IIA, Chapter Greater Noida ने औद्योगिक भूमि को ‘Lease Hold’ से ‘Free Hold’ में परिवर्तित करने के मुद्दे पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।
IIA ग्रेटर नोएडा के अध्यक्ष राकेश बंसल ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि लीज होल्ड औद्योगिक भूमि के मौजूदा स्वरूप से उद्यमियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उदाहरणस्वरूप:
– नए उत्पाद लॉन्च करने के लिए विभिन्न विभागों से अनुमति लेना।
– बैंक से जुड़े किसी भी बदलाव या ट्रांजेक्शन के लिए कई मंजूरियों की आवश्यकता।
– उद्योग को पारिवारिक सदस्य (Blood Relation) में ट्रांसफर करने की जटिल प्रक्रिया।
– भूमि के अमलगमेशन (विलय) या सेपरेशन (विभाजन) के लिए अनुमति लेने में होने वाली कठिनाइयाँ।
इन अनुमतियों के लिए कई बार भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है, और UPSIDA (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) या उद्योग निदेशालय के अधिकारियों का समय भी इन प्रक्रियाओं में बर्बाद होता है।
राकेश बंसल ने कहा, “लीज होल्ड भूमि का कानून ब्रिटिश शासन के दौरान लागू किया गया था, लेकिन आज की परिस्थितियों में इसे बदलने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अमृतकाल में इस पुरानी प्रणाली से मुक्ति की दिशा में काम कर रही है, और ऐसे में यह मांग भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि औद्योगिक भूमि को ‘Free Hold’ में बदलने से कई बड़े फायदे होंगे:
– उद्यमियों के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी, जिससे औद्योगिक विकास में तेजी आएगी।
– उत्तर प्रदेश की जीडीपी और राजस्व में बढ़ोतरी होगी, जो सरकार के ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी।
– नए औद्योगिक निवेश के अवसर सृजित होंगे, जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय लोगों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
– UPSIDA और उद्योग निदेशालय के कर्मचारी अपने समय का उपयोग औद्योगिक विकास के अन्य कार्यों में कर सकेंगे, जिससे औद्योगिकीकरण में वृद्धि होगी।
– प्रदेश की ‘Ease of Doing Business’ रैंकिंग में सुधार होगा, जिससे निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा।
IIA के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने भी इस मुद्दे पर जोर दिया। उन्होंने पिछले साल लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की थी कि प्रदेश की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदला जाए। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि भूमि का औद्योगिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘सशर्त फ्री होल्ड’ नीति लागू की जाए।
IIA ने इस मुहिम के तहत देशभर में विभिन्न औद्योगिक संगठनों से भी विचार-विमर्श किया है। A 20 Joint Forum के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। IIA के विभिन्न चैप्टर्स ने 110 से अधिक स्थानों पर होर्डिंग्स डिस्प्ले की हैं, और अन्य चैप्टर्स भी इस दिशा में सक्रिय हैं।
राकेश बंसल ने यह भी उल्लेख किया कि कई राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, और तमिलनाडु ने लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की नीतियाँ पहले ही लागू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश में भी 2016 में एक नीति लागू की गई थी, लेकिन यह केवल बड़े उद्योगों पर लागू होती है, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्योगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता।
IIA के अध्यक्षों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के छोटे और मझोले उद्योगों की विकास में योगदान को बढ़ाने के लिए लीज होल्ड नीति में संशोधन नितांत आवश्यक है। यह न केवल औद्योगिक क्षेत्र में विकास को गति देगा, बल्कि प्रदेश की समग्र आर्थिक उन्नति में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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