Greater Noida News: भारतीय किसान यूनियन द्वारा निकाली गई विशाल तिरंगा यात्रा, क्या है किसानों की मांग

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (10 अगस्त 2024): भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को एक विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसान ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा को ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट से चलकर जिला मुख्यालय सूरजपुर की तरफ जाते हुए पुलिस प्रशासन ने बीच रास्ते में रोक दिया, किसानों और पुलिस अफसरों के बीच नोकझोंक भी हुई।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि किसान ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित करना है। इस मार्च के माध्यम से भाकियू ने प्रदेश सरकार से उन वायदों को याद दिलाने की कोशिश की, जो उसने अपने घोषणा पत्र में किए थे और इसके साथ ही किसानों के लिए लंबित मुद्दों को उठाया। मार्च के प्रमुख मुद्दे और मांगें कुछ तरह हैं।

मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया

भाकियू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने के लिए एक नई कमेटी का गठन किया जाए और इसे जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। भाकियू का कहना है कि यह कानून आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में इसे लागू किया जाना चाहिए।

भाकियू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए। इसके लिए सी2$50 के फॉर्मूले को लागू करने की बात की गई है।

मेरठ मंडल महासचिव अनित कसाना ने बताया देश में एक अलग से किसान आयोग की स्थापना की मांग की गई है ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान प्रभावी ढंग से किया जा सके। उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में गन्ने के मूल्य में केवल नाममात्र की वृद्धि पर भाकियू ने नाराजगी जताई है। उन्होंने गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये क्विंटल करने और गन्ना बकाया के डिजीटल भुगतान की व्यवस्था की मांग की है।

मुफ्त बिजली

कई राज्यों में किसानों को मुफ्त बिजली दी जा रही है, जबकि अन्य राज्यों में इस सुविधा को लागू किया जाना चाहिए। विशेष रूप से यूपी में ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाने की प्रक्रिया को तत्काल बंद करने की मांग की गई है।

छुट्टा पशुओं की समस्या

किसानों को छुट्टा पशुओं से बचाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी परती की जमीनों पर अस्थाई पशुशालाओं की स्थापना की मांग की गई है।

 

किसानों के लिए योजना

किसानों के लिए विशेष योजना बनाई जाए, जिसमें उनके स्वास्थ्य और बच्चों की शिक्षा का प्रबंध किया जाए। इसके अलावा, कृषि ऋण को ब्याजमुक्त करने और किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर को एक फीसदी करने की मांग की गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआवजा उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में बाढ़ से प्रभावित जनपदों में फसलों और जनहानि का तत्काल मुआवजा दिया जाए।

सब्सिडी की मांग

खाद, बीज, कीटनाशक और अन्य क्षेत्रों में किसानों के नाम पर दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को देने की मांग की गई है।

जल स्तर सुधार

नदियों को आपस में जोड़ने की योजना का विस्तार किया जाए, जल रिचार्ज की योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए, और नदियों की सफाई व चेकडेम बनाए जाएं।

भारतीय किसान यूनियन की मांग

भारतीय किसान यूनियन ने इस ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से स्पष्ट किया है कि वे किसानों, कृषि मजदूरों और आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करती रहेगी। इस मार्च ने प्रदेश सरकार से किसान हितों में कानून बनाने की दिशा में पहल करने की अपील की है और यह भी बताया कि कैसे भाकियू किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर उठाकर उनके समाधान के लिए काम कर रही है।

इस मौके पर पवन खटाना, राजीव मलिक, सुनील प्रधान, अनित कसाना, सरदार मंजीत सिंह, अमरजीत सिंह, गुरजीत सिंह, महेंद्र रोबिन नागर, मटरू नागर, बेली भाटी, अमित डेढा, सुन्दर खटाना, संदीप खटाना, सोनू, गजेंद्र, सुभाष सिलारपुर, ललित चौहान, राजू चौहान, प्रदीप नागर, अमित जैलदार, अरविंद, नागेश चपराना, पवन नागर, महेश खटाना, योगेश भाटी, अमित भाटी, संदीप एडवोकेट बिरजू, रजनीकांत अग्रवाल, भगत सिंह, प्रधान जगत, प्रधान लाला यादव, हरलाल नागर, सरजीत नागर, बालवीर चेची, अवनीश जलपुरा, विनोद शर्मा, अरविंद लोहिया, सुंदर भूडा आदि सैकड़ो किसान मौजूद रहे।।


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