भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर ग्रेटर नोएडा में “भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र” की हुई स्थापना | शारदा विश्वविद्यालय

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (10 अप्रैल 2024): हिंदू नववर्ष के अवसर पर मंगलवार, 9 अप्रैल को शारदा यूनिवर्सिटी के प्रांगण में “भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र” का शुभारंभ किया गया। इस केंद्र का उद्देश्य है वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति को संरक्षित कर बढ़ावा देकर नई पीढ़ी तक पहुंचना। यह केन्द्र भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर वाई.के. गुप्ता ने कहा कि शारदा यूनिवर्सिटी मल्टी डिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी है। यहां लगभग 140 प्रोग्राम चलते हैं और जो बच्चे यहां से पास आउट होकर निकलते हैं वे प्रोफेशनल तो बनते ही हैं और भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र के माध्यम से हमारी कोशिश होगी कि बच्चों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान कराया जाए। जब वह यहां से पास आउट होकर निकले तो उन्हें अपनी भारतीय संस्कृति का ज्ञान हो। आगे उन्होंने कहा कि आजकल की दुनिया में बाहर बहुत ही ज्यादा मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा है और मैं ऐसा स्वयं भी विश्वास रखता हूं कि हमारी भारतीय संस्कृति के जो ग्रंथ हैं उनको पढ़ने से ही मन को शांति मिलती है। मन अच्छा होता है, साथ ही सकारात्मक सोच आती है। मैं 58 वर्ष का हो चुका हूं फिर भी अभी तक कोई दवाई उपयोग नहीं करता हूं। ये सब हमारे भारतीय संस्कृति की देन है, बचपन से इस तरह के संस्कार हम लोगों को दिए गए हैं कि अच्छा ही करना है और अच्छा ही देखना है। और भगवान सब अच्छा ही कर रहा है। उम्मीद करता हूं कि इस वैश्विक केंद्र की स्थापना होने के बाद हमारे सभी फैकेल्टी और स्टाफ इसको देखेंगे, समझेंगे, इससे सीखेंगे और अपने आप को इंप्रूव करेंगे। हमारी कोशिश है कि आने वाले समय में जैसे हमें अमेरिकन हिस्ट्री पढ़ाई जाती है वैसे ही हिंदुस्तान के विश्वविद्यालय में भारतीय हिस्ट्री जरूर पढ़ाई जाए। ताकि जब बच्चा संस्कृति को पढ़कर निकले तो वह एक अच्छा प्रोफेशनल के साथ एक अच्छा इंसान भी बनकर यहां से निकले। यही हमारा शारदा यूनिवर्सिटी में भारतीय सांस्कृतिक वैश्विक केंद्र स्थापित करने का उद्देश्य है। आज नवरात्रि का दिन है, हिंदू नव वर्ष है और माता रानी आशीर्वाद देंगी इस भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद को।

भारतीय संस्कृति वैश्विक न्यास के फाउंडर मेंबर एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने कहा कि मैं शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर वाई के गुप्ता को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र को अपनी यूनिवर्सिटी में स्थापित करने में हमारा सहयोग किया। इस केंद्र के यहां स्थापित होने के बाद हम अपनी भारतीय संस्कृति को संजोकर रखकर नई पीढ़ी तक पहुंचाएंगे। आज जो भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है उसको बचाने में हम कारगर साबित होंगे। साथ ही हम इस केंद्र में काफी संतो को भी स्पेशल लेक्चर के लिए बुलवाया करेंगे ताकि वह छात्रों को भारतीय संस्कृति का अध्ययन करा सके। यह भारत का पहला भारतीय सांस्कृतिक वैश्विक केंद्र है जो शारदा यूनिवर्सिटी में स्थापित किया गया है। यह केंद्र भारतीय संस्कृति को संजोकर रखने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही समाज में सांस्कृतिक विरासत के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करेगा।

इस अवसर पद्म भूषण प्रोफेसर कपिल कपूर ( पूर्व प्रोफेसर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी), प्रोफेसर डॉक्टर जगबीर सिंह‌ जगबीर ( चांसलर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, भटिंडा ),
डॉ सच्चिदानंद जोशी (सदस्य सचिव, कार्यकारी एवं शैक्षणिक प्रमुख ( IGNCA ), नई दिल्ली ), समर्थक प्रोफेसर हीरामन तिवारी, ( डीन, अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, एवं चेयरपर्सन, सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी), प्रोफेसर डॉ. सिबाराम खारा ( कुलपति, शारदा यूनिवर्सिटी ), प्रो. परमा नंद ( प्रो वाइस चांसलर शारदा यूनिवर्सिटी ) और समस्त फैकल्टी के साथ गणमान्य लोग उपस्थित रहे।।

 


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