शारदा विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में 9 अप्रैल के दिन भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र का शुभारंभ किया जा रहा है। इस केंद्र को स्थापित करने का उद्देश्य है कि भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना और सुरक्षित करना है।
शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डाॅ सिबाराम खारा ने बताया कि यह आयोजन अंतर सांस्कृतिक समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देने की शारदा विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कार्य करेगा। यह केंद्र जो अपने आप में अनूठा एंव एकमात्र केन्द्र होगा जो शारदा विश्वविद्यालय व भारतीय संस्कृति वैश्विक न्यास के मध्य एक सांस्कृतिक विरासत को प्रचारित एंव प्रसारित रिने एंव ज्ञाप को पुर्नजीवन देने के लिए प्रतिबद्ध होगा। यह केंद्र सनातन, बौद्ध, जैन, सिख एंव अन्य आस्थाओं को समावेशित करने हेतु समानता, स्थिरता एंव स्थायी मूल्यों का वाहक भी होगा।
इस कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ एडवांसड स्टडीस के पूर्व चेयरमेन पद्म भूषण प्रो कपिल कपूर, सेंटरल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब, बठिंडा प्रो जगबीर सिंह, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डाॅ सच्चिदानंद जोशी, नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेटर फाॅर हिस्टोरिकल स्टडीस, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस की चेयरपरसन प्रो हीरामन तिवारी, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव सेवानिवृत्त आईएएस दीपक सिंघल, डीन डॉ अन्वीति गुप्ता सहित अनेक प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में अपने संबोधन से छात्रों को प्रोत्साहित करेगे।