जीबीयु में बुद्ध धम्म की शिक्षा एवम् वैश्विक कल्याण विषय पर हो रहे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान देश विदेश से आये प्रतिभागियों ने विश्व में समरसता एवम् सदभाव हेतु शांति रैली का आयोजन किया गया। एकता और एकजुटता के दृष्टि से यह एक शक्तिशाली प्रदर्शन में था।
जीबीयु द्वारा आयोजित बौद्ध धर्म पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागी विश्व शांति रैली के लिए एक साथ आए, जिसने आशा और सद्भाव का एक शानदार संदेश दिया है। युद्ध, हिंसा, आतंकवाद और विभिन्न संघर्षों से चल रही वैश्विक उथल-पुथल के माहौल में शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए 14 देशों और भारत भर से प्रतिनिधि एकत्र हुए प्रतिभागियों ने इस में भाग लिया।
विश्व शांति रैली बौद्धिक प्रवचन और आध्यात्मिक चिंतन के प्रतिष्ठित केन्द्र जीबीयू ऑडिटोरियम से शुरू हुई। वहां से, जुलूस विश्वविद्यालय परिसर में भव्य बुद्ध प्रतिमा तक पहुंचा, जो ज्ञान और करुणा का प्रतीक है।
रैली का नेतृत्व श्रद्धेय बौद्ध भिक्षु एवम् भिक्षुणियाँ कर रहे थे, आध्यात्मिक हस्तियाँ शांति और सचेतनता के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं। उनके साथ सभी उत्साही प्रतिभागी भी शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक ने अंधेरे और संघर्ष से ग्रस्त वर्तमान विश्व स्थिति में प्रकाश के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में एक मोमबत्ती पकड़ रखी थी।
मोमबत्ती की रोशनी में जुलूस ने अपने शांत और चिंतनशील माहौल के साथ एकता, करुणा और शांति की सार्वभौमिक इच्छा का एक शक्तिशाली संदेश दिया। इसने वैश्विक शांति, समझ और सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व की एक मार्मिक अनुस्मारक के रूप में कार्य किया।
इस विश्व शांति रैली ने न केवल बौद्ध धर्म के सार का उदाहरण दिया, बल्कि संघर्ष और हिंसा से मुक्त विश्व के लिए मानवता की व्यापक आकांक्षाओं को भी प्रतिध्वनित किया। यह सामूहिक प्रार्थना की शक्ति और अधिक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण वैश्विक भविष्य की दिशा में काम करने के लिए व्यक्तियों और समुदायों की अटूट प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।