मां सीता को खोजने समुद्र पार कर लंका पहुंचे पवनसुत हनुमान | श्री धार्मिक रामलीला

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (23 अक्टूबर 2023): श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा निर्देशन में रामलीला का मंचन राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है । रामलीला मैदान ऐच्छर पाई सेक्टर रविवार, 22 अक्टूबर को मंचन में मुख्य अतिथि एन पी सिंह अध्यक्ष आरडब्ल्यूए फेडरेशन रहे।

रविवार की लीला में बजरंगबली से भगवान श्री राम के मिलन का दृश्य बड़ा ही अनुपम रहा। वानर राज सुग्रीव ने यह सोचा कि बाली ने उनका वध करने के लिए किसी को किष्किंधा की ओर भेजा है। बजरंगबली ब्राह्मण वेश में भगवान से मिलते हैं और सच जानने पर भगवान के चरणों में नतमस्तक हो वानर राज सुग्रीव से मिलने के लिए प्रभु श्री राम को किष्किंधा तक ले जाते हैं। बानर राज सुग्रीव पर हो रहे बाली के अत्याचारों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त होने पर भगवान श्री राम बाली के अंत के लिए सुग्रीव को बाली को ललकारने के लिए भेजते हैं दोनों भाई एक से होने पर प्रभु श्री राम बनाराज सुग्रीव के गले में पहचान के लिए एक माला डालकर पुनः युद्ध के लिए भेजते हैं और प्रभु श्री राम बाली का वध करते हैं। प्रभु श्री राम की इस अद्भुत लीला से यह सीखने को मिलता है की चाहे परिस्थितियों कितनी भी बुरी हो आप सत्य का साथ और धर्म पर विश्वास रखिए ईश्वर स्वयं आपकी मदद के लिए प्रस्तुत होंगे और बड़ी से बड़ी बाधाओ से आपको मुक्ति दिलाएंगे। वानर राज सुग्रीव को किष्किंधा का राज्य प्रदान कर माता सीता की खोज के लिए समुद्र पार करने की सभी लोग योजना बनाते हैं। सभी चिंतित होते हैं कि इतना बड़ा समुद्र कैसे पार होगा तब जामवंत जी बजरंगबली से कहते हैं।
“कवन सो काज कठिन जग माहि जो नहीं होइ तात तुम्ह पाही”

बजरंगबली अपनी शक्तियों का ज्ञान होने पर समुद्र पार करने के लिए छलांग लगा देते हैं रास्ते में सुरसा से मुलाकात होती है पहले बजरंगबली रूप बड़ा करते हैं फिर सूक्ष्म रूप धारण करके मुंह में अंदर जाकर बाहर आ जाते हैं इस दृश्य ने सभी भक्तों को यह शिक्षा दिया कि आप अपने पराक्रम की परीक्षा न सिर्फ सामर्थ्य के साथ बल्कि आप अपनी बुद्धि और विवेक से भी प्रस्तुत कर सकते हैं। लंका में प्रवेश करने पर लंकिनी का वध कर लंका के पतन का प्रारंभ करते हैं। माता सीता से हनुमान जी अशोक वाटिका में मिलते हैं इस दृश्य ने सभी भक्तों को यह शिक्षा दिया की विपत्ति कितनी भी बड़ी हो धर्म और धैर्य रखिए बहुत जल्द बड़ी से बड़ी विपत्ति दूर होने का समाचार आपको प्राप्त होगा। जय श्री राम।

सभी भक्तों ने सभी कथाओं का भरपूर आनंद लिया और सब ने भगवान श्री राम का पूरे परिसर में जयकारा लगाकर पूरे परिषद को श्री राम मय कर धन्य कर दिया। जय श्री राम।।

इस अवसर पर संस्था के संस्थापक गोश्वामी सुशील महाराज, राजकुमार नागर, शेर सिंह भाटी, संरक्षक हरवीर मावी, प्रदीप शर्मा, बालकिशन सफ़ीपुर, सुशील नागर,अध्यक्ष आनन्द भाटी, महासचिव ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष अजय नागर, मिडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।।

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