अपर मुख्य सचिव माननीय मुख्यमंत्री तथा अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन, उत्तर प्रदेश शासन एसपी गोयल द्वारा आज नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, ज़ेवर में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण व नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह, वाईआईएपीएल के सीईओ क्रिस्टोफ़ शेलमैन, निकोलस, किरण जैन सीओओ, मनीष वर्मा ज़िलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर, शुरुति अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, कपिल सिंह अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी विपिन जैन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, शैलेंद्र भाटिया विशेष कार्याधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सर्वप्रथम एटीसी टॉवर के निर्माण कार्यों को देखा गया। एटीसी टॉवर आठ मंज़िल का बनाया जाना है, जिसमें से 06 टावर का कार्य पूर्ण कर अंतिम 02 टॉवर का काम चल रहा है। एटीसी टॉवर की ऊँचाई 30 मीटर की है तथा निर्माण फ़रवरी 2024 तक पूर्ण करा दिया जायेगा। सभी अधिकारियों द्वारा एटीसी टॉवर की आठवीं मंज़िल तक सीड़ियों के माध्यम से पहुँचकर निर्माण कार्य देखे गये। एयरपोर्ट पर हवाई पट्टी का निर्माण कार्य 70 परसेंट के क़रीब कार्य पूर्ण हो गया है। हवाई पट्टी का कार्य फ़रवरी मार्च 2024 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। गोयल द्वारा एयरपोर्ट में बन रहे टेमिनल भवन के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया गया, यह कार्य भी तीर्व गति से करवाया जा रहा है। निकोलस शेलमैन सीईओ वाईआईएपीएल द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में ज़ेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में लगभग 7200 वर्कर्स दिन रात काम में लगे हैं। अपर मुख्य सचिव महोदय द्वारा एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए एनएचएआई द्वारा दयानतपुर में बनाये जा रहे इंटरचेंज के निर्माण कार्य का भी जायज़ा लिया गया। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया की एयरपोर्ट को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए बन रही रोड का कार्य भी निर्माणाधीन है तथा ससमय इसे पूर्ण करा दिया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव महोदय द्वारा निर्माण कार्यों में और तेज़ी लाने तथा परियोजना के कन्सेशन एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित अवधि में सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट के निर्माण के आज 15 million safe hours भी कम्पलीट किए गए हैं अथार्थ बिना किसी मेजर दुर्घटना के एयरपोर्ट का कार्य निर्वाध गति से रात दिन चल रहा है। यह साईट पर अपनाए जा रहे सेफ्टी मेजर्स, विजिलेंस व निर्माण एजेंसी टाटा द्वारा वर्कर्स को प्रदान किए जा रहे महोल के कारण संभव हो रहा है।